बिलासपुर (अमर छत्तीसगढ) श्री दिगंबर जैन पर्वाधिराज पर्यूषण एवं दसलक्षण धर्म के आठवें धर्म “उत्तम त्याग” के दिन बिलासपुर जैन सभा की सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन समिति के तत्वावधान में सरकंडा स्थित संत भवन में एक अनूठी धार्मिक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम धर्म का मर्म का आयोजन किया गया। यह एक खुली प्रतियोगिता थी, इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन लगभग 100 परिवारों ने हिस्सा लिया। यह प्रतियोगिता तीन चरणों में विभाजित की गयी थी। पहले चरण में 7 सवाल, दूसरे चरण में 14 सवाल और तीसरे चरण में 7 सवाल पूछे गए। हर सवाल का सही जवाब देने वाले श्रावकों को पुरस्कृत किया जाएगा । इस प्रतियोगिता का पहला राउंड था ये रिश्ता क्या कहलाता है। इस राउंड में पूछे गए हर सवाल का जवाब एक रिश्ता था, जैसे: पति-पत्नी, भाई-भाई, बहन-बहन, दोस्त, दादा-पोता आदि। लेकिन इसका जवाब देने के लिए नियम यह था कि जवाब देने वाले को इस रिश्ते के साथ मिलकर ही जवाब देना था, जवाब देने वाले ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, इस रिश्ते के दोनों लोगों को साथ में उपस्थित रहकर जवाब देना था। इस राउंड को सभी लोगों ने मजे के साथ खेला। दूसरा राउंड रहा- फोर टू का वन, इस राउंड में हर सवाल में दो संकेत दिए गए थे और दोनों का उत्तर एक ही था, श्रावकों को उन दोनों संकेतों को समझते हुए उसका जवाब देना था। तीसरे और आखिरी राउंड रहा- बूझो तो जाने, इस राउंड में जैन धर्म की पूजा से कुछ पंक्तियां दिखाई गई, श्रावकों को उन पंक्तियों को पहचानकर बताना था कि यह पंक्तियां किस पूजा से ली गई हैं। इसी राउंड में कुछ पहेलियां भी पूछी गई। सभी राउंड्स में कुछ सवाल ऑनलाइन उपस्थित श्रावकों के लिए रखे गए थे तो कुछ कार्यक्रम के दौरान हाल में उपस्थित श्रावकों के लिए। इसके साथ ही कुछ सवाल बिलासपुर से बाहर के श्रावकों के लिए रखे गए थे। यहां आपको बता दे कि समस्त प्रतियोगिताएं केवल सकल जैन समाज बिलासपुर के श्रावकों के लिए आयोजित की जा रही थीं, लेकिन विगत कुछ दिनों से बिलासपुर से बाहर के बहुत से जैन श्रावकों के अनुरोध पर आयोजन समिति ने अब प्रतियोगिता को बाहर के श्रावकों के लिए भी खुला रखा।
इस पूरी प्रतियोगिता का कुशल संचालन श्रीमती अनुभूति जैन एवं परिणति जैन ने किया। इनके मंच संचालन ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। जिसकी सभी ऑनलाइन और ऑफलाइन उपस्थित श्रावकों ने खुले मन से प्रशंसा की। कार्यक्रम स्थल में उपस्थित श्रावकों को प्रबंधित करने का सफलता पूर्वक कार्य आयोजन समिति के डॉ. सुप्रीत जैन ने और ऑनलाइन लोगों को प्रबंधित दीपक जैन ने किया। सम्पूर्ण कार्यक्रम के दौरान साउंड व्यवस्था अमन जैन और आयुष जैन ने बनाए रखी। सांध्य कालीन कार्यक्रम की शुरुआत में बच्चों को उत्तम त्याग धर्म के बारे में जानकारी अनी जैन और अमन जैन द्वारा दी गई, फिर बच्चों को उस धर्म से संबंधित एक छोटा सा वीडियो दिखाया गया, फिर उसी वीडियो से संबंधित पांच सवाल ऑनलाइन और ऑफलाइन उपस्थित बच्चों से पूछे गए। सही जवाब देने वाले पाँचों बच्चों को पुरस्कृत किया जाएगा। तत्पश्चात चार वर्षीय आर्या जैन द्वारा आरती के माध्यम से आकर्षक नृत्य की प्रस्तुति दी। जैन परम्परा के अनुसार किसी भी कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण से की जाती है, इसी परम्परा को कायम रखते हुए समाज की होनहार कत्थक डांसर मिहिका जैन ने कत्थक के माध्यम से मंगलाचरण प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम के दौरान समाज के संरक्षक सनत जैन, जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज जैन, शास्त्री जी, सरकण्डा महिला मंडल अध्यक्ष एवं बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान संक्रमण के रोकथाम के लिए जारी दिशा निर्देशों का पालन किया गया। समाज के संरक्षक सनत जैन ने कहा कि इस संक्रमण काल में भी कार्यक्रमों का ऑनलाइन प्रसारण कर आयोजन समिति ने सकल समाज को बांधकर रखा है, इनकी जितनी प्रशंसा की जाए वो कम है, समिति के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं। न्यायाधीश पंकज जैन ने कहा कि समिति के युवा पीढ़ी के सदस्यों ने इस पूरे पर्यूषण पर्व के दौरान कड़ी मेहनत की है कि सभी लोगों को धर्म लाभ मिल सके। इन्होंने तकनीक का सही उपयोग करते हुए समस्त कार्यक्रमों का ऑनलाइन और ऑफ लाइन रूप से मिश्रित आयोजन एवं संचालन कर आगे आने वाले समय के लिए मिसाल कायम की है। इस समिति के समस्त सदस्यों के द्वारा किये जाने वाले प्रयासों और कार्यों की हम सब अनुमोदना करते हैं। उत्तम आकिंचन धर्म के बारे में जानकारी वीडियो के माध्य्म से अनुष्का जैन सन्मति विहार, स्वस्ति जैन और अनुष्का जैन टिकरापारा ने प्रस्तुत की। समस्त कार्यक्रमों का ऑनलाईन प्रसारण ज़ूम एप्प के माध्यम से किया जा रहा है। रविवार को कार्यक्रम सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन समिति की प्रस्तुति- व्हाट इज मोबाइल नम्बर आयोजन समिति ने इस बार एक नया प्रयोग करते हुए यह एक नई प्रतियोगिता प्रारंभ की है। इसमें 15 वर्ष से ऊपर सभी श्रावक हिस्सा ले सकते हैं। यह प्रतियोगिता ऑनलाईन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में आयोजित है।