रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) चातुर्मास के अवसर पर समता मुखी भवन में परम पूज्य अक्षय मुनिश्री एवं दिनेश मुनिश्री विराजमान है । अक्षय मुनिश्री ने अपने प्रवचन में कहा कि सुख तुमको ही पैदा करना होगा सुख चारों तरफ फैला है, हम सब सुख के लिए साधु डॉक्टर में आश्रित रहते हैं जबकि यह सब अपने हाथ में है ।
सुख की प्राप्ति अपने कर्मों पर भी निर्भर करता है। कीचड़ के अंदर गुलाब, कमल छिपा है । उसी तरह हमें भी अपने अंदर से आनंद निकालना होगा। दुख आंतरिक है समस्या का इलाज करना होगा जिसके मन में समता पैदा होगी तो और कुछ करने की आवश्यकता नहीं। जिंदगी में कॉम्प्लिकेशन तो आएगा ही लेकिन हम इस जगह समझदारी से आनंद लेना है। पाप की खबर जब आती है तो चारों तरफ से आती है, पाप को कम करने के लिए तप, तपस्या आवश्यक है । बाहर के मंदिर में हम प्रकाश कर रहे हैं और हमारे अंदर हम प्रकाश नहीं ला पा रहे हैं ।
पाप का उदय जब होगा जब हम शांत रहेंगे । यह एक दिन चला जाएगा धर्म को अहंकार का साधन नहीं बनाना है।प्रवचन के दौरान जैन मुनि ने उपस्थित श्रावक श्राविका से 26, 27, 28 जुलाई को तेला का तप तपस्या करने कहा । चातुर्मास से ही जैन समाज में बड़ी संख्या में हर घर में छोटे से बड़े तक तप तपस्या निरंतर जारी है । रविवार को धार्मिक प्रश्नोत्तरी का कार्यक्रम रखा गया है । जिसमें दोपहर 2:00 बजे 2-2 श्रावक श्राविका ग्रुप बनाकर करीबन 175 धार्मिक सवालों के जवाब देंगे ।