रायपुर(अमर छत्तीसगढ़)। मनोहर गौशाला खैरागढ़ में गौ-मूत्र से निर्मित मनोहर अमृत (गौ अर्क) की 12000वीं बोतल का वितरण राज्यपाल को किया गया। इस दौरान राज्यपाल ने गौ अर्क को अमृत तुल्य बताया और कहा कि गौ माता की सेवा सबसे बड़ा पुण्य कार्य है।
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल उइके स्वयं गौ अर्क का उपयोग करती हैं, और देश के प्रधानमंत्री, पूर्व राष्ट्रपति तक भी मनोहर गौशाला में निर्मित गौ अर्क (मनोहर अमृत) को पहुंचाया है।
गौशाला के मैनेजिंग ट्रस्टी अखिल जैन (पदम डाकलिया) ने बताया, मनोहर गौशाला खैरागढ़ (छत्तीसगढ़) में निर्मित होने वाला गौ-मूत्र और औषधियों से निर्मित लिकविड फर्टिलाइजर का भारत मे पेटेंट हो चुका है और भारत के बाहर भी भी इस पर शोध जारी है। मनोहर अमृत (गौ अर्क) से सेकंड स्टेज के कैंसर के 20 से अधिक मरीज लाभान्वित हुए है। हेपेटाइटिस-बी और चर्म रोग, ब्लड प्रेशर, शुगर, हर्पिस माइग्रेन आदि के भी बहुत से मरीजों को इसका लाभ मिला है। यह अर्क जैसा वेदों में बताया गया है उस पद्धति से बनाया जाता है, जिसे 7 वर्षों से निःशुल्क प्रदान किया जाता है।
गोबर से वैदक दुर्लभ वास्तु गणेश, वैदिक दुर्लभ माला और गौमूत्र से टेबलेट (गोली) का निर्माण किया जा रहा है। इसकी देश-विदेश काफी सराहना हो रही है।