साधक को कठिनाईयों के बाद मोक्ष व निर्जरा मिलती है- प. पू. मधु स्मिता श्री जी म. सा…….अच्छी आशाएं करे सुन्दर भावनाएं मन में आ जाये तो जीवन खुशहाल हो जाता है – प. पू. सुमित्रा श्री जी म. सा.

साधक को कठिनाईयों के बाद मोक्ष व निर्जरा मिलती है- प. पू. मधु स्मिता श्री जी म. सा…….अच्छी आशाएं करे सुन्दर भावनाएं मन में आ जाये तो जीवन खुशहाल हो जाता है – प. पू. सुमित्रा श्री जी म. सा.

साध्वियों द्वारा प्रवचन से संबंधित श्रावकों से रोजाना पूछे जाते है प्रश्न, सही जवाब देने पर किया जाता है सम्मानित

धमतरी(अमर छत्तीसगढ़)। चातुर्मास के तहत इतवारी बाजार स्थित पार्श्वनाथ जिनालय में प्रवचन जारी है। जिसके तहत आज प. पू. मधु स्मिता श्री जी म. सा. ने कहा कि पहले लोगो को मानसिक प्रसन्नता की अनुभूति होती थी। सयंम जीवन कितना सुखमय है इसे समझे। साधक का कर्तव्य है कि सम्भाव ग्रहण करे। जिस प्रकार नदी की राह में विभिन्न चट्टाने आती है, लेकिन नदी आगे बढ़ती है उसी प्रकार साधक के मार्ग में कई अवरोध आते है सभी को पार करते हुए आगे बढऩा चाहिए। जब साधक सम्भाव ग्रहण करता है तो महापुरुषो की तरह बन जाता है।

जिस प्रकार छोटा बच्चा चलने की कोशिश करता है लेकिन कई बार गिरता है, लेकिन फिर भी उठकर आगे बढ़ता है, जिस प्रकार तैराकी के लिए पानी में उतर कर गोते लगाने पड़ते है उसी प्रकार साधक को परेशानियों से परेशान न होते हुए आगे बढऩा चाहिए। जिससे जीवन को साधक सफल बना सकता है। साधक को कठिनाईयों के बाद मोक्ष व निर्जरा मिलती है। जीवन में विनम्रता होनी चाहिए जीवन में कई संकट आते है। इनका सामना करने वाला जीवन को व्यवस्थित कर जीवन मे सुधार कर लेता है। यहां गुरु कृपा ही मुख्य साधना होती है। जीवन में सुधार साधक का परम लक्ष्य होना चाहिए। प. पू. सुमित्रा श्री जी म. सा. ने कहा कि श्रवण से ज्ञान, ज्ञान से विज्ञान उत्पन्न होता है। जीवन में हमे अपने स्वभाव को नियंत्रित करना जरुरी है। आशा व निराशा दोनो मन में उत्पन्न होते है।

निराशा में आने वाला कल दिखाई नहीं देता। निराशा से व्यक्ति पहले ही हार मान लेता है। हमे मन को आशा से भरना है। सोचे आज अच्छा है, कल भी अच्छा होगा। गलत विचारधारा जल्द उत्पन्न होते है। संकुचित विचार से व्यक्ति जीवन में उत्साहविहीन हो जाता है। हमेशा नये उत्साह के साथ आगे बढऩा चाहिए। आशावादी जीवन को सशक्त बना सकता है। पैसे के लिए हम घंटो खड़े हो जाते है लेकिन धर्म साधना के लिए समय नहीं देते। ज्यादा कष्ट आने पर जो घबराता नहीं है वह उतना ही ऊंचा उठता है। अच्छी आशाएं करे सुन्दर भावनाएं मन के अंदर आ जाये तो जीवन खुशहाल हो जाता है। रोजाना प्रवचन के पश्चात साध्वियों द्वारा प्रवचन से संबंधित महिला-पुरुष श्रावकों से अलग-अलग प्रश्न पूछा जाता है। जिनके सही जवाब श्रावको द्वारा दिये जाते है। उन्हें सम्मानित किया जाता है। एवं रोजाना साध्वियों द्वारा श्रावको के लिए संयम व अनुशासन दिनचर्या हेतु नियम दिए जाते है। आज का नियम देते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न हो जाए मन में आवैश उत्पन्न होने नहीं देना है। प्रवचन का श्रवण करने आज कुरुद से गुलाब यादव सहपत्निक पहुंचे थे। साथ ही बड़ी संख्या में जैन समाजजन उपस्थित रहे।

जन्मकल्याणक महोत्सव पर होगी सामुहिक प्रतिक्रमण व एकासना

कल भगवान नेमिनाथ का जन्मकल्याणक महोत्सव श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ के तत्वाधान में चातुर्मास व्यवस्था समिति द्वारा आयोजित किया जायेगा। जिसके तहत कल सुबह 5.30 बजे पार्श्वनाथ जिनालय में सामुहिक प्रतिक्रमण, दोपहर 12 धनकेशरी मंगल भवन में सामुहिक एकासना व शाम 7.30 बजे पार्श्वनाथ जिनालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जिसमें बच्चे भगवान नेमिनाथ परमात्मा के चरित्र पर आधारित रुप धारण कर फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता मे शामिल होंगे।

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