भगवान पार्श्वनाथ के तीन दिवसीय मोक्ष कल्याणक महोत्सव का हुआ समापन में देशभर में 1147, रायपुर में हुए 127 अट्‌ठम

भगवान पार्श्वनाथ के तीन दिवसीय मोक्ष कल्याणक महोत्सव का हुआ समापन में देशभर में 1147, रायपुर में हुए 127 अट्‌ठम

शहर में पांच साल बाद साधना का यह बड़ा आयोजन

रायपुर। न्यू राजेंद्र नगर स्थित महावीर जिनालय में तीन दिवसीय भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया गया। जप-तप और साधना के क्रम में 3 से 5 अगस्त तक निमित्त अट्‌ठम किया गया। महावीर जिनालय से बुधवार को अट्‌ठम शुरू किया गया।

इसी के साथ देशभर में 1008 अट्‌ठम करने जुटे, भक्तिभाव में 1147 श्रावकों ने अट्‌ठम किया। वहीं, राजधानी रायपुर में 108 अट्‌ठम के साथ इसकी शुरुआत बुधवार से की गई, जो कि मोक्ष कल्याणक महोत्सव के समापन तक 127 हो गई। इसका संपूर्ण लाभ शिवराज जी, सरोज देवी, जय जी, विजय जी बेगानी परिवार ने लिया है। अट्‌ठम करने वालों से साध्वी स्नेहयशाश्रीजी म.रा.सा. ने कहा है कि अट्‌ठम के दौरान आपको अच्छा बोलना है, अच्छा बोलोगे तो आपको अच्छ ही सुनने को मिलेगा। साथ ही एक प्रार्थना सबके सुख की कामना के लिए करना। इन तीन दिनों में सबसे सुख की कामना करो और एेसा करते हुए इसे अपने दिनचर्या में शामिल कर लो।

पांच साल में राजधानी का पहला बड़ा तप

आध्यात्मिक चातुर्मास समिति के अध्यक्ष विवेक डागा ने बताया कि यह पांच साल में राजधानी रायपुर का सबसे बड़ा पहला तप है। न्यू राजेंद्र नगर स्थित स्वामी महावीर जिनालय में मोक्ष कल्याणक महोत्सव के समापन पर शुक्रवार को भाव यात्रा निकाली गई। सुबह 8 बजे सम्मेद शिखर तीर्थ जहां पार्श्वनाथ परमात्मा का मोक्ष हुआ था ऐसे पावन तीर्थ की भाव यात्रा गुरुवर्याश्री की निश्रा में प्रारंभ हुई। यहां जल मंदिर की प्रदक्षिणा देकर चैत्यवंनदन किया गया। इसके बाद भगवान पार्श्वनाथ भगवान की टोंक की तरफ बढ़ा गया। भक्ति के रंग में रंगे श्रावकों ने बताया कि शांतिनाथ भगवान, महावीर स्वामी के बाद नेमिनाथ भगवान और अजितनाथ भगवान के टोंक के दर्शन करने के बाद अब हम पार्श्वनाथ भगवान की टोंक में पहुंच गए है। भगवान के सामने खड़े होकर सभी ने मेरे मन में पारसनाथ मेरे तन में समाया पारसनाथ मेरे रोम रोम में बसे है पारसनाथ, दर्शन दे दो ना दर्शन दे दो ना, भक्त तुम्हारे दर पर आया, दर्शन दे दो ना स्तुति हाथ जोड़कर की गई।

मेघराज बेगानी धार्मिक एवं परमार्थिक ट्रस्ट के ट्रस्टी धर्मराज बेगानी ने बताया कि 16 अगस्त से अक्षयनिधि, समवशरण, कषाय विजय तक प्रारंभ होने जा रहा है। इस अभी तप का संपूर्ण लाभ श्रीमान पारसचंदजी बसंती देवी, प्रवीण जी, पायल जी, तनिष्का, दीक्षा, लक्ष्य मुणोत परिवार ने लिया है।

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