शुभ कार्य शुरू होने से पहले भगवान से शक्ति मांगे
राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 7 अगस्त। जैन संत श्री हर्षित मुनि ने आज यहां कहा कि प्रार्थना शक्ति बढ़ाने वाली होती है, पुरुषार्थ को बढ़ाने वाली होती और हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाने वाली होती है। भगवान हमारे साथ है। इसका अनुभव तब होगा जब आप कोई सद्कार्य करें। छोटे-छोटे कार्यों में उन्हें आमंत्रित न करें।
गौरव पथ स्थित समता भवन में अपने नियमित प्रवचन के दौरान हर्षित मुनि ने कहा कि हम कोई शुभ कार्य शुरू करते हैं तो इससे पहले हमें भगवान से इस कार्य को करने की शक्ति मांगनी चाहिए और काम खत्म होने पर भगवान को धन्यवाद ज्ञापित करना चाहिए। हमारी सोच यह होनी चाहिए कि भगवान हमें सब दे रहा है। हमारी इच्छा शक्ति दृढ़ हो इसलिए हम प्रार्थना करते हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं ही कुछ नहीं मिल जाता उसके लिए पुरुषार्थ करना पड़ता है।
संत श्री ने आगे फरमाया कि हमारे कार्य में देरी इसलिए होती है क्योंकि हम शंका करते हैं। विनाश काले विपरीत बुद्धि इसलिए हो जाती है क्योंकि हमारी प्रार्थना में कमी थी। यदि हम प्रार्थना करते हैं तो विपरीत परिस्थितियों में भी हमारी बुद्धि काम करती है। संकट का मूल रूप हमारी अज्ञानता, भीतर का लोभ और मोह है। धन पैसा, जमीन आदि हमारी संपत्ति नहीं है, हमारी संपत्ति तो हमारी शांति, सद्बुद्धि और भयंकर से भयंकर कष्ट के समय भी हमारा समभाव रहना है। उन्होंने कहा कि भगवान हमारे साथ है ऐसी भावना लेकर हम कार्य में लगे रहेंगे तो हम सफल अवश्य होंगे। यह जानकारी एक विज्ञप्ति में विमल हाजरा ने दी।