रायपुर(अमर छत्तीसगढ़)। जीवन में हम बहुत छोटे छोटे पाप हर दिन करते हैं। वह इतने छोटे होते है कि हम उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। एक छोटा सा कांटा हमारे शरीर में चुभ जाता है तो हमें दर्द तो नहीं होता पर फिर भी आप उसे अपने शरीर से निकाल देते हो। अगर आप कुछ नहीं निकाल लोगे तो वह ना सिर्फ घांव बन जाएगा बल्कि वह शरीर के नसों में चढ़ जाएगा फिर उसे ऑपरेशन करके निकालना पड़ेगा।
साध्वीजी कहती है कि बादशाह अकबर एक बार अपने राज्य में ऐलान करते हैं कि वह सबसे आलसी व्यक्ति को इनाम देंगे। वे बीरबल से कहते हैं कि जाओ सबसे आलसी व्यक्ति ढूंढ कर लाओ। बीरबल अपने नगर में आलसी व्यक्तियों को ढूंढता है और 10 आलसियों को वह जंगल लेकर जाता है। वहां उन्हें एक जगह पर बैठा कर वह कुछ सूखी घास इकट्ठा करता है और उसमें आग लगा देता है। आग जंगल में फैलना शुरू हो जाती है और इसे देखकर सब आलसी व्यक्ति भागने लगते हैं। उनमें से सिर्फ एक व्यक्ति बैठा ही रहता है, क्योंकि वह जानता है की आग सिर्फ सूखी घास तक ही आएगी और वह उसके पीछे रहता है। इस पर बीरबल शहंशाह अकबर के पास जाता है और बताता है कि हमें अपने राज्य का सबसे आलसी व्यक्ति मिल गया। अकबर बोलते हैं कि उसे बुलाकर लाओ हम उसे इनाम देंगे। बीरबल जाता है और कहता है कि चलो बादशाह तुम्हें इनाम देकर सम्मानित करना चाहते हैं। वह कहता है कि अगर उन्हें इनाम देना है तो वह यहां आकर दे, इनाम लेने मैं वहां पर नहीं जाऊंगा। आपके अंदर भी कुछ ऐसे ही आलस्य के लक्षण हैं, जिनसे आपको बाहर निकलना है।
छोटी बातों को नजरअंदाज न करें
साध्वीजी कहती है कि कोई कार अगर तेज रफ्तार से चल रही हो और अगर एक छोटी सी खील भी रास्ते में आ जाए तो वह इतने बड़े कार को पंचर कर देती है। एक छोटी सी खील की वजह से रफ्तार से चलने वाली कार एक जगह पर ही खड़ी हो जाती है वह आगे नहीं बढ़ सकती। एक बार घर के प्रांगण में एक बिल्ली घूम रही होती है कुत्ते उस पर हमला ना कर दे। इसके चलते वहां एक बच्ची उसे उठाकर दूसरी ओर ले जाती है। वह बिल्ली उस बच्ची को खरोच देती है। खरोच बहुत ही हल्की होती है। डॉक्टर के पास जाने पर वह कहता है कि बिल्ली पालतू नहीं है इसलिए आपको 5 इंजेक्शन लेने पड़ेंगे क्योंकि इससे इंफेक्शन का खतरा बना हुआ है। अब आप सोचो की एक छोटा सा कांटा, एक छोटी सी खील पर एक छोटी सी खरोच आप को कितनी तकलीफ दे सकती है। आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि छोटे छोटे पाप को नजरअंदाज करना कितना भारी पड़ सकता है। एक छोटा सा पाप आपके जीवन ही नहीं बल्कि कई जन्मों तक उथल पुथल मचा सकता है।
खुद को सफल नहीं, जीवन को सफल बनाओ
साध्वीजी कहती है कि अचार बनाते समय कोई मसाला कम या ज्यादा डल जाए तो आपका पूरा एक साल खराब हो जाएगा। उस अचार का स्वाद बिगड़ जाएगा। एक छोटी सी गलती के कारण आप साल भर अफसोस बनाते रहोगे। अचार की बरनी में अगर एक बूंद पानी की भी पड़ जाए तो उसमें तो उसमें फफूंद लग जाता है। साध्वीजी कहती है कि जीवन में कई लोग ग्रेट बनने में लगे रहते हैं और कई लोग गुड बनने में लगे रहते हैं। ग्रेट मतलब 1-2 बड़े काम करके महान बन जाना और गुड मतलब हमेशा अच्छे काम करते रहना और जीवन को सफल बनाना होता है। इन दोनों को पाने के लिए आपको अपने जीवन में स्थिरता लानी होगी। आपको सफल नहीं, जीवन को सफल बनाना है। आपको कहीं जाना है और फर्श में अगर पानी पड़ा हो तो आप अपना पैर धीरे-धीरे संभाल कर रखते हो। एक-एक कदम सोच कर आगे बढ़ाते हो। यह काम बिना स्थिरता के नहीं हो सकता। बिना आग की तपन से रोटी भी नहीं बन पाती। आप साधना करते हो और तपते नहीं हो तो आपकी साधना भी सफल नहीं हो पाएगी। आज आप साधना करो और कल आप सिद्धि प्राप्त कर लो ऐसा भी नहीं हो सकता। इसके लिए आपको अपने जीवन में स्थिर होना पड़ेगा।