रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) आज दिनांक 14 अगस्त केंद्र निर्देशित ज्ञानशाला दिवस स्थानीय तेरापंथ अमोलक भवन में युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या समणी निर्देशिका कमल प्रज्ञा समणी करूणा प्रज्ञा, समणी सुमन प्रज्ञा के पावन सान्निध्य में मनाया गया।
ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं व ज्ञानार्थियों ने भव्य रैली के रूप में नारों की ध्वनि के साथ प्रवेश किया।
समणीजी द्वारा प्रदत्त नमस्कार महामंत्र से कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
अर्हम वंदना पर नन्हे ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने नृत्यात्मक मंगलाचरण प्रस्तुत किया।
तत्पश्चात ज्ञानशाला संयोजिका ऋतु पोकरना ने स्वागतीय भाषण में ज्ञानशाला की विस्तृत जानकारी दी व समाज को अपने बच्चों को जोड़ने का आह्वान भी किया।
सभा अध्यक्ष गौतम गोलछा ने भी सभी का स्वागत किया व ज्ञानशाला के सफल संचालन हेतु प्रशिक्षिकाओं को साधुवाद दिया।
ज्ञानशाला के जनक गुरुदेव तुलसी को सुमधुर गीत पर नृत्यात्मक अभिवंदना ज्ञानार्थियों ने अर्पित की।
तत्पश्चात जीवन में क्या बने इसी विषय पर ज्ञानार्थियों ने सुंदर प्रस्तुति देते हुए डॉक्टर इंजीनियर, नेता इत्यादि बनने की इच्छा जाहिर की पर अंततः सभी ने यह संदेश दिया कि हम एक अच्छा इंसान बने व स्वस्थ खुशहाल देश का निर्माण करें।
समणी कमल प्रज्ञा जी ने प्रेरक उद्बोधन में सुंदर रूपकों के माध्यम से ज्ञानशाला के महत्त्व को बताया व ज्ञानार्थियों को जीवन में आत्मविश्वास ,प्रबल इच्छशक्ति, अच्छी संगति, क्रियाशीलता व मनस्विता जैसे सद्गुणों से विकसित जीवन जीने की प्रेरणा दी।
समणी सुमनप्रज्ञा जी ने सुमधुर स्वरों से पहेली के माध्यम से सभी को देव् गुरु व धर्म के प्रति समर्पित होने की प्रेरणा दी।
समणी करूणा प्रज्ञा जी ने गेम्स में प्रश्न के उत्तर पूछते हुए प्रेरणा स्पद उद्धबोधन दिया।
युवरत्न श्रावक जज गौतम चौरड़िया ने अपने वक्तव्य में अपने ज्ञानार्थी जीवन को याद किया व समाज को उस प्रकल्प से जुड़ने का आह्वान किया।
ज्ञानशाला पूर्ण कर चुके ज्ञानार्थियों ने प्रशिक्षिकाओं के गुणानुवाद करते हुए कविता के रूप में आकर्षक प्रस्तुति देकर सभी को भावविभोर कर दिया।
वर्ष 2021-22 के सभी ज्ञानार्थियों पुर्व संयोजिकाओं, मुख्य प्रशिक्षिकाओं को भी सर्टिफिकेट व मोमेंटो से सम्मनित किया गया।
आभार व्यक्त मुख्य प्रशिक्षिका सुनिता बेंगानी ने किया। सफल सुनियोजित संचालन पूजा डागा ने किया।
समणीजी द्वारा प्रदत्त मंगलपाठ से कार्यक्रम सुसम्पन्न हुआ।
समाज के सभी संस्थाओं की गरिमामयी उपस्थिति में कार्यक्रम सुसम्पन्न हुआ।