रायपुर(अमर छत्तीसगढ़)। भारतीय जैन संघठना छत्तीसागढ़ की ओर से कुम्हारी स्थित विचक्षण जैन विद्यापीठ में राज्य स्तरीय जैन मेधावी छात्र रत्नसम्मान समारोह का आयोजन रखा गया। समारोह के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग के सचिव आईएएस सुनील जैन उपस्थित रहे।
सम्मान समारोह में राज्य के 39 शहरों के 209 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण से हुई। उसके बाद सभी अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया। स्वागत भाषण संगठना के प्रदेश महासचिव मनोज लुंकड़ ने दिया और सभी अतिथियों का अभिनंदन किया।
मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग के सचिव आईएएस सुनील जैन ने छात्रों से कहा कि किसी ऊंचाई को प्राप्त कर लेना कठीन काम है और उससे भी बड़ा काम है उसे बरकरार रखना। जब हम एक लेवल तय करते है तो हमारी असली परीक्षा वही से शुरू होती है। जिंदगी में सफलता बहुत जरूरी है। सफलता का मंत्र हार्ड वर्क है।
हार्ड वर्क का कोई सप्स्टिट्यूट नहीं है। सफलता प्राप्त करने में बहुत लंबा समय और परिश्रम करना पड़ता है। लेकिन कोई आदमी किसी काम को लंबा समय देता है तो उसे बोरियत लगने लगती है और लगता है कया इसे छोड़ दूं। उसे आराम की आवश्यकता होती है और ऐसा लगता है कोई ऐसा आदमी आए जो उसे प्रेरित करें। छात्रों से कहा कि आप सभी एक लंबे रास्ते में चलने के लिए तैयार है इस बीच आपमें भावना आएगी कि कहां फंस गया। इसी दौरान आपको प्रेरणा की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा कि नेगेटिव थॉट और बुराई से दूर रहना है। बुराई करने वालों की बात को चैलेंज के रूप में लेना है नहीं तो आप हताश हो जाएंगे और अपने लक्ष्य से भटक जाएंगे। आपको जो भी बनना है वो आपके दिमाग में रेखांकित होना चाहिए। एक कांसेप्ट होना जरूर है। सफलता की राह में बहुत रोड़े भी आएंगे। क्योंकि जब कोई व्यक्ति किसी अच्छे काम को करने के लिए आगे बड़ना चाहता है। लोग मजाक उड़ाने लग जाते है। कई तरह की बाते बोलते है। हमेशा समाज की रीत रही है कि अच्छा काम करने और नया सोच वालोें का विरोध हुआ है। आलोचना हुई है हमेशा धुतकारा गया है और उनमें से 99 प्रतिशत लोग सफलता के बाद प्रसंशा करने लगते है। जो छात्र बुराई को चेलेंज की तरह काम करता है वहीं आगे जाता है और जो टूट जाता है उसका विकास अवरूद्ध हो जाता है।
उन्होंने कहा कि हमारे क्लास में एक बहुत बुध्दिमान बच्चा होता है उससे बात करने में भी हम संकाच करते है और सोचते है कि बहुत आगे जाएगा मेरा क्या होगा। लेकिन 20-25 साल बाद देखें तो वहीं उन्हें पीछे छोड़कर आगे निकल जाते है। कितना भी ज्ञानी हो यदि एकाग्रता नहीं है तो साधारण से साधारण व्यक्ति से पीछे हो जाएगे। एकाग्रता से ही कई लोगों ने सफलता हासिल की है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए संगघना के स्टेट प्रेसिडेंट डॉ पंकज चोपड़ा ने बच्चों से मेढक की कहानी का उदाहरण दिया और बताया कि हमेशा नेगेटिव लोगों से दूर रहना चाहिए और हमेशा पॉजिटिव रहना चाहिए। आपकी सफलता को रोकने के लिए लोग कई सारे बातें कहेंगे लेकिन उसे नजरअंदाज करते हुए अपना काम करना चाहिए। आज स्टार्टअप का जमाना है नया सोचे और उसमें आगे बढ़ें। साथ ही उन्होंने बच्चो को नौकरी की जगह एंटरप्रेन्योरशिप के लिए प्रेरित किया जिससे वे लोगो को ज्यादा से ज्यादा रोजगार दे सकें। इस दौरान उन्होंने संगठना द्वारा किए जा रहे कार्यों खासकर शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यो के बारे में भी बताया।
विशेष अतिथि स्मार्ट गर्ल ट्रेनिंग प्रोग्राम के चेयरमैन व संगठना के नेशनल सेक्रेटरी संजय जी सिंघी ने कहा कि हर समाज की एक ताकत होती है और कुछ कमजोरियां भी। लोग उस समाज को प्रगतिशील मानते है जो अपने ताकत को संजो कर रखता है और कमजोरियों को पहचान कर स्ट्रेंथ में बदलने का प्रयास करता हैं। बीजेएस का यह सम्मान अपनी ताकत को संजोने का है। समाज की असली ताकत है उभरते हुए इंटेलक्चुअल बच्चे। उन्होंने कहा, संघठना का धन्यवाद जो टैलेंट काे सम्मानित कर रही हैं। सामान पैरेंट्स की मेहनत जो तन, मन और धन से धन बच्चो के लिए किया है। लक्ष्मी अब सरस्वती के पीछे है और यहीं जमाना है।
लाइफ स्कैन रिसर्च सेंटर के प्रबंध संचालक मनीष जी पारख ने कहा कि यह संघठना का बहुत अच्छा प्रयास है। पहली बार ऐसा हो रहा है जब समाज के मेधावी बच्चो को एक जगह लाकर सम्मान किया जा रहा है। इससे बच्चो को मोटिवेशन मिलेग और वे आगे बढ़ेंगे। शिक्षा ही अधेंरे से उजाले की ओर से ले जाता है। बच्चे अपने स्किल के साथ आगे बढ़ें। अभिभावक को चाहिए वे बच्चों की प्रतिभा को जाने की वो कया करना चाहते है और उसके लिए मोटिवेट करें। आने वाला फ्यूचर स्किल में है। नंबर से बच्चों को गेस न करें। 12वीं के बाद असली शिक्षा शुरू होनी है। टेक्नोलॉजी पर काम करें क्योंकि आने वाला फ्यूचर टेक्नोलॉजी का है।
विचक्षण जैन विद्यापीठ के ट्रस्टी महेश जी कोठारी ने कहा कि आज शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ने वाला बड़ा आदमी बनना चाहता है। लेकिन समाज देश चाहता है जीवन में बड़ा आदमी बनें लेकिन अच्छा आदमी बनें। लेकिन ये अपेक्षा धूमिल होती नजर आती।
समारोह के दौरान प. पू. मनीष सागरजी म.सा. का जोधपुर से खासतौर पर बच्चो के लिए भेजा गया वीडियो संदेश को भी दिखाया गया। म. सा. ने बताया कि आज बच्चों को हम मॉडर्न शिक्षा में जोड़ देते है जहां से हमें एक प्रोडक्ट मिलता है जो पूरा मॉडर्न होता है। उसमें केवल वही झलकता है। लेकिन बहुत बड़ी समस्या है। इससे बच्चों में संस्कृति नहीं दिखती। इसका जिम्मेदार परिवार है। आपके सामने आपके पीढ़ी ने संस्कृति को धक्का मार दिया। इसका नुकसान अपनाे के साथ आपका भी है जिसमें संस्कृति का ट्रांसफर नहीं किया। विद्यापीठ ऐसा संस्थान है जहां शिक्षा के साथ बच्चों को धर्म और संस्कार की भी शिक्षा मिल रही है। बच्चे 90 प्रतिशत ज्यादा प्रतिशत ला रहे है और पूजा व अपने संस्कार का पालन भी कर रहे है। पढ़ई के साथ बच्चे को यह एडिशनल गिफ्ट मिल गया। ये सोचे को बच्चो को किस दिशा में ले जा रहे है।
कार्यक्रम में विचक्षण जैन विद्यापीठ कुम्हारी के महासचिव
सीए प्रकाश चंद्र मालू, हंसराज जैन, प्रकाश चंद चोपड़ा, एम सी जी, शांति बरडिया, उत्तम बरडिया, कांतिलाल जैन, रमेश जी चोपड़ा, गगन बरड़िया, नितिन जैन, विजय गंगवाल, विजय मालू, किशोर बरडिया, मंजरी जैन, फनेन्द्र जैन, प्रफुल्ल संचेती, अशोक पगारिया, मंजू कोठारी, वैभव गोलछा, सुशीला छाजेड़, भैरव सोसाइटी भारतीय जैन संगठना की सदस्यगण व पूरे छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों से आये विद्यार्थीगण, पालकगण एवं जैन समाज के गणमान्यजन विशेष रूप से मौजूद थे।