खैरागढ़ विश्वविद्यालय में दिलचस्प आयोजन, ओडिशी, भरतनाट्यम और कथक की मिश्रित प्रस्तुति ने बटोरी तालियां

खैरागढ़ विश्वविद्यालय में दिलचस्प आयोजन, ओडिशी, भरतनाट्यम और कथक की मिश्रित प्रस्तुति ने बटोरी तालियां

खैरागढ़(अमर छत्तीसगढ़)। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत 24 अगस्त 2022 को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में नृत्य निर्देशक डॉ. सुशांत दास के निर्देशन में विद्यार्थियों ने 3 शानदार प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में उपस्थित कुलसचिव प्रो. डॉ. इंद्रदेव तिवारी ने प्रस्तुतियों की सराहना की। इस अवसर पर सभी अधिष्ठाता, प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, विद्यार्थी समेत विश्वविद्यालय परिवार मौजूद था।

उल्लेखनीय है की कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता मोक्षदा (चंद्राकर) के संरक्षण एवं मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम हुआ। प्रथम प्रस्तुति ‘वंदे मारतम’ थी, जो देश मातृका को समर्पित थी। इस गीत के लेखक बंकीमचन्द्र चटोपाध्याय हैं। नृत्य संकाय के ओडिसी नृत्य विभाग एवं कथक नृत्य विभाग विद्यार्थियों के द्वारा प्रस्तुत किया गया था। प्रस्तुत करने वाले कलाकारों में स्वयं सुशांत कुमार दास, सम्राट चौधरी, गुंजन तिवारी, पूनम गुप्ता, चेतेश्वरी मंडावी, हिमानी सारथी, सृष्टि भदौरिया, पल्लवी जैन शामिल थे। द्वितीय प्रस्तुति ओडिसी नृत्य शैली पर आधारित ‘मंगलचरण गणेश वंदना’ (गजेन्द्रवंदनम्) थी। इसमें श्री गणेश भगवान का गुणगान किया जाता है। प्रस्तुत करने वाले कलाकारों में पूनम गुप्ता, चेतेश्वरी मंडावी, हिमानी सारथी, विद्या नायर, आभा कुमारी, अन्वेशा बिस्वास शामिल थे। अंतिम प्रस्तुति ‘श्रीकृष्ण शरणम्’ थी, जो कृष्ण और सुदामा की मित्रता एवं राधा और कृष्ण के प्रेम पर केंद्रित थी। यह नृत्य कथक, भरतनाट्यम एवं ओडिसी नृत्य शैली पर आधारित थी। कलाकारों में सुशांत कुमार दास, सम्राट चौधरी, गुंजन तिवारी, पूनम गुप्ता, श्रृष्टि भदौरिया, पल्लवी जैन, पूजा धनगर, प्राची यादव, नुपूर राय, नेपाल मल्लिक, तनुजा वर्मा और आयुषी शिववंशी शामिल थे। तीनों प्रस्तुतियां नृत्य निर्देशक गुरू डॉ. सुशांत कुमार दास के निर्देशन में दी गईं। कार्यक्रम का संचालन शिवांगी अग्निहोत्री और निहारिका यादव ने किया। कार्यक्रम में कुलसचिव प्रो. डॉ. तिवारी ने कुलपति की ओर से आशीर्वचन दिया।कार्यक्रम में प्रो. डॉ. नीता गहरवार, प्रो. डॉ. काशीनाथ तिवारी, प्रो. डॉ. नमन दत्त, डॉ. योगेंद्र चौबे, पूर्व अधिष्ठाता डॉ. हिमांशु विश्वरूप, ज्योति बख्शी समेत पूरा विश्वविद्यालय परिवार मौजूद था।

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