उपकार हमारी सहनशक्ति बढ़ाता है
राजनांदगांव (अमर छत्तीसगढ़)25 अगस्त। रत्नत्रय के माहान आराधक, परमागम रहस्यज्ञाता, परम पूज्य श्रीमद जैनाचार्य श्री रामलाल जी म.सा.के आज्ञानुवर्ती व्याख्यान वाचस्पति शासन दीपक श्री हर्षित मुनि ने कहा कि किसी का उपकार कभी नहीं भूलना चाहिए। उपकार हमारी सहनशक्ति बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि उपकार यदि याद रहे तो सामने वाला कुछ भी बोलता है, उसे हम सहन करते हैं।
समता भवन में आज अपने नियमित प्रवचन के दौरान जैन संत श्री हर्षित मुनि ने उपकार के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि माता-पिता का उपकार हम नहीं भूल सकते। उन्होंने हमारी कितनी असुविधाओं को सहा है, किंतु उन्होंने हमारा भला ही सोचा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का स्वभाव आपके अनुरूप नहीं हो सकता। आपके स्वभाव को आपके माता पिता ने सहन किया। आपको कहीं से भी आने में अगर 10 मिनट देर हो जाती थी तो वे बेसब्र हो जाते थे। आप उनके उपकार को कैसे भूल सकते हो। उन्होंने कहा कि उपकार हमें सहन करना सिखाता है बशर्ते कि हम सामने वाले के उपकार को याद रखें। उपकार याद रहने से हम सारी असुविधाओं को भी सहन कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि उपकार को ना भूलें और उपकार करने वाले को हमेशा याद रखें। यह जानकारी एक विज्ञप्ति में विमल हाजरा ने दी।