हमारे सबसे बड़े दुख का कारण है बाहरी सुख

हमारे सबसे बड़े दुख का कारण है बाहरी सुख

दुर्ग(अमर छत्तीसगढ़) / आनंद समवशरण बांदा तालाब दुर्ग में युवाचार्य भगवंत श्री महेंद्र ऋषि जी एवं छत्तीसगढ़ प्रवर्तक पूज्य श्री रतन मुनि जी महाराज के आशीर्वाद एवं सानिध्य में आज पर्युषण पर्व का द्वितीय दिवस हर्ष और उल्लास के वातावरण में संपन्न हुआ धर्म सभा को संबोधित करते हुए युवाचार्य श्री महेंद्र ऋषि जी ने कहा सुख से जीने का सभी प्राणी का मन होता है और सभी सुख से जीना चाहते हैं कुछ लोग खाने से ,कुछ लोग पहनने को ही सुख महसूस करने लगते हैं जो भौतिकवादी सुख हम चाहते हैं वही हमारे सबसे बड़े दुख का कारण है बाहरी सुख क्षणिक सुख देने वाला होता है।


मैं ,मुझे चाहिए की प्रवृत्ति ही हमें दुखी बनाती है दूसरों की चिंता से मैत्री है बढ़ती है हम किसी के दुख को दूर करने का प्रयास करते हैं या उसमें सहयोग करते हैं उसमें से जो हमें अत्याधिक शुख कीआत्मानुभूति होती है वह मन को सुकून देती है ।

धर्म सभा को संबोधित करते हुए युवाचार्य भगवंत ने आगे कहा कुछ खोने का डर हमेशा भक्ति में बाधक होता है हमेशा सुख बांटने से समाधान मिलता है हम किसी को सुख देते हैं उतना ही सुख हमें भी मिलता है युवाचार्य भगवंत ने उदाहरण देते हुए कहा दूध में पानी को मिलाया जाता है दूध में पानी मिलने के साथ रूप रंग स्वाद में दूध पानी को समाहित कर लेता है और दूध का मूल्य पानी को मिलता है ।
दुख के समय में पानी के जलने से दूध को उबलता देख गर्म होने लगते हैं तो दूध बेचैन होने लगता है पानी मिलने से दूध पुनः शांत हो जाता है ।

युवाचार्य श्री ने कहा जहां प्रेम होता है वहां सुख दौड़े-दौड़े आते हैं

जहां हमारे भाव शुद्ध और निर्मल होते हैं वही सभी जीवो के साथ मैत्री की भावना जीवन में हमेशा सुख पहुंच आती है जितना हम लोगों को सुख बांटते हैं उससे कई गुना खुशी हमारे जीवन में वापस लौटती है

आनंद समवशरण मैं आज कुमारी श्रेया बाघमार नहीं ने आज 30 उपवास पूर्णाहुति का संकल्प पूर्ण किया श्रमण संघ परिवार में पहली बार इतनी छोटी श्रेया ने मासक्षमण तपस्या इतनी कम उम्र में किसी ने पहली बार की है युवाचार्य श्री महेंद्र ऋषि जी ने धर्म सभा में श्रेया बाघमार को पूर्णाहुति का संकल्प दिला कर मासक्षमण पूर्ण किया कुमारी श्रेया बाघमार श्रमण संघ बालिका मंडल की अध्यक्ष भी है जो इतनी बड़ी तपस्या करने का और भी लोगों के समक्ष एक शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया है ‌‌।
श्रमण संघ बालिका मंडल ने अपनी अध्यक्ष श्रेया बाघमार का अभिनंदन किया

पर्यूषण पर्व के दौरान जय आनंद मधुकर रतन भवन में प्रतिदिन 24 घंटे नवकार महामंत्र की का अनुष्ठान प्रारंभ है जो सुबह 6:00 बजे से प्रारंभ होकर लगातार चल रहा है और रात्रि में आनंद समवशरण के प्रांगण में आचार्य जयमल जी महाराज के जाप की स्तुति की जाती है इस जॉब में बड़ी संख्या में सभी वर्ग के लोग इस अनुष्ठान में शामिल हो रहे हैं प्रतिदिन जाप एवं लकी ड्रा के लाभार्थी श्री सायर देवी उत्तमचंद सार्थक भंडारी है

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