रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या समणी निर्देशिका कमल प्रज्ञा जी, समणी करुणा प्रज्ञा जी, समणी सुमन प्रज्ञा जी के सान्निध्य में तेरापंथ अमोलक भवन में पर्युषण महापर्व आराधना अंतर्गत चतुर्थ दिवस वाणी संयम दिवस के रूप में मनाया गया। समणी सुमन प्रज्ञा जी ने भक्तामर स्तोत्र का वाचन कर वाणी संयम पर सुमधुर गीत का संगान किया।
समणी करुणा प्रज्ञा जी ने वाणी संयम अर्थात अवसर अनुसार मौन रहने पर होने वाले लाभ पर कई उदाहरण प्रस्तुत करते हुए प्रेरणा प्रदान की। समणी निर्देशिका कमल प्रज्ञा जी ने वाणी संयम कर यथासंभव कम बातों के माध्यम से अधिक समझाने का प्रयास करने हेतु 7 पोईंट के माध्यम से प्रेरणा प्रदान की ताकि आपकी की अधिक बातों से कहीं सामने वाले को कष्ट पीड़ा न हो और वह आपकी बातों को व्यर्थ न समझे। समणी वृंद के सान्निध्य में 67 श्रावक-श्राविकाओं ने चंदन बाला के तेले की तपस्या सानंद संपन्न हुई। सायंकालीन आयोजन में समणी वृंद के सान्निध्य में Stress Management पर रोचक प्रेरणादायक प्रस्तुतिया।