(डॉ सीएल जैन सोना)
राजनांदगांव। (अमर छत्तीसगढ़) कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो अभिया की शुरूवात होने के साथ ही राजनंादगांव जिले की कांग्रेस नेत्री अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य श्रीमती कांति बंजारे भी राहुल गांधी एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के साथ चल रही है। राजनंादगांव जिले का प्रतिनिधित्व कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर पर खैरागढ़ राजपरिवार का नेहरू गांधी परिवार से राजनीतिक व पारिवारिक संबंध रहा है। खैरागढ़ राज परिवार के अंतिम नेता व जोगी कांग्रेस के विधायक रहे स्व. देवव्रत सिंह ने लगभग 6 वर्ष पूर्व ही कांग्रेस से नाता तोडक़र जोगी कांग्रेस में शामिल हो गए थे। जो अपने अंतिम समय तक विधिवत कांग्रेस प्रवेश नही कर पाये।
खैरागढ़ राज परिवार के साथ ही राजनांदगांव के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के जीवन पर्यन्त सदस्य रहे। इंदरचंद जैन का भी राष्ट्रीय स्तर पर कांगे्रस पार्टी से सतत संपर्क रहने की वजह से उनके कार्यकाल में भी कांग्रेस पूरी तरह से संगठित दिखती रही है। उनके देहावसान के बाद राजनंादगांव जिले का नेतृत्व राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच व पहचान लगभग समाप्त हो गई थी। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सत्तासीन होने के साथ ही राजनंादगांव जिला पंचायत की पूर्व सदस्य वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री कांति बंजारे का सीधा संपर्क राष्ट्रीय स्तर पर राहुल, प्रियंका गांधी के नजदीक होने के लिए चर्चाओं के अनुसार कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी, पी. एल. पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश संगठन का काफी योगदान रहा है।
आज कांति बंजारे राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के नजदीव व सक्रिय होने की वजह से राजनांदगांव की राजनीतिक पहचान को स्थापित करते दिख रही है। श्रीमती कांति बंजारे कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में प्रारंभ हुई। भारत जोड़ो यात्रा में उनकी उपस्थिति राहुल गांधी, भूपेश बघेल, मोहन मरकाम के साथ दिखी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक में पिछले 75 वर्षो का इतिहास बताता है कि खैरागढ़ राजपरिवार के राजा वीरेन्द्र बहादुर सिंह उनकी ध. प. पदमावति सिंह, सुपुत्र स्व. शिवेन्द्र बहादुर सिंह, आज नेहरू गांधी परिवार से नजदीकी होने की वजह से खैरागढ़ राजपरिवार की बड़ी बहु रानी रश्मि देवी सिंह व स्व. गीता देवी सिंह एवं खैरागढ़ के अंतिम शासक देवव्रत सिंह की कांग्रेस के साथ नजदीकी जग जाहिर रही है। लेकिन लगभग 6 वर्ष पूर्व कांग्रेस छोडक़र जोगी कांग्रेस में जाने की वजह से खैरागढ़ राजपरिवार का कांग्रेस से राजनीतिक संबंध भी खत्म हो गया। वैसे भी पिछले 15 वर्ष तक डॉ. रमन सिंह का कार्यकाल रहा है।
कांग्रेस नेत्री व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सदस्य कांति बंजोर ने राष्ट्रीय स्तर पर राजनंादगांव श्हर व जिले का नाम फिर से रौशन करने के मामले मेें एक नई कड़ी जुड़ते दिख रही है। राजनांदगांव जिले की राजनीतिक वैसे भी 60 वर्षो से अधिक समय तक राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाये थी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सदस्य पिछले 3 वर्षों से लगातार अपनी पहचान बनाने की दिशा में पूरी तरह से पार्टी कार्यक्रमों में सक्रियता ही पार्टी में चर्चा का विषय है। भारत जोडऩों आंदोलन में सक्रिय कांति बंजारेे का नाम यात्रा में चलने का प्रमुखता से जुड़ा है। वर्तमान मेें राजनंादगांव जिले में 6 विधानसभा क्षेत्रों में, 5 में कांग्रेस, एवं 1 में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह विधायक है। सरकार में आने के लिए कांगेस को आंतरिक ही सही भाजपा का सहयोग आज भी चर्चाओं मेंं है। लेकिन वर्ष होने वा ेविधानसभा चुनाव में कांग्रेस की आपसी लड़ाई गुटबाजी कांगे्रस के लिए ही घातक सिद्ध न हो वैसे भी आ रही खबरें बता रही है। कि राजनांदगांव जिले की 6 विधानसभा सीटों से प्रत्याशि चयन के मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उनके सबसे नजदीकी सहयोगी प्रदेश खिनज विकास निगम के अध्यक्ष श्री देवांगन का प्रत्याशी चयन के मामले में प्राथमिकता से इन्कार नहीं किया जा सकता।कं कांग्रेस को चर्चाओं के अनुसार आज भी स्व. श्रीमती करूणा शुक्ला एैसे प्रत्याशी की जरूश्रत हेै। शेष फिर कभी…