छोटे-छोटे अनुभवों से सीख लीजिए – जैन संत हर्षित मुनि

छोटे-छोटे अनुभवों से सीख लीजिए – जैन संत हर्षित मुनि

जैन मुनि का चातुर्मासिक प्रवचन

राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 9 सितंबर। जैन संत श्री हर्षित मुनि ने आज यहां कहा कि जिंदगी में हमें अनेक अनुभव मिलते हैं किंतु हम इन अनुभवों से सीख नहीं लेते। उन्होंने कहा कि जीवन को सफल बनाना है तो छोटे-छोटे अनुभवों से हमें सीख लेनी चाहिए और उसका लाभ लेकर गलतियों को दोहराने से बचना चाहिए।
संत श्री हर्षित मुनि ने आज समता भवन में अपने चातुर्मासिक प्रवचन के दौरान कहा कि हम सारी गलतियां कितनी बार दोहरा चुके हैं लेकिन हमारा मन तृप्त नहीं होता और हम वही गलतियां बार-बार दोहराते ही रहते हैं। इस दौरान हमें मिले अनुभव का हम उपयोग नहीं करते जिसकी वजह से यह अनुभव हमारे पास टिकता नहीं है। उन्होंने कहा कि यह अनुभव तब तक काम नहीं आते जब तक हम इसे ना घोटें। उन्होंने कहा कि हमें संसार के प्रति इतनी आशा है कि हम संसार छोड़ नहीं सकते। उन्होंने कहा कि हमने अनुभव का उपयोग किया तो हमें माला फेरने की आवश्यकता नहीं होती।
संत श्री हर्षित मुनि ने कहा कि जो जन्म लेता है , उसको मारना पड़ता है, यह सभी जानते हैं किंतु इसे कोई याद नहीं रखता।सुख के क्षणों में भी यदि हम यह याद रखें तो हमें मोह, माया,लोभ डिगा नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि अनुभवों से सीख लीजिए। हवा में फायरिंग भी शत्रु को भगाने के काम आती है। यह हमें अनुभव से पता चलता है। इसलिए जब भी मौका मिले अनुभव जरूर प्राप्त कीजिए। छोटे-छोटे अनुभव से हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि एक छोटा सा संकल्प लीजिए और उसका पालन कीजिए, आपमें परिवर्तन अवश्य आएगा। उन्होंने कहा कि मन है, वो आशा तो कर ही लेता है । हम आशा को छोड़े। हमने इतनी बार गलतियां की उससे सीख ले, यदि सीख नहीं ले सकते तो कम से कम रोज छोटे-छोटे अनुभवों से सीख ले और उसका लाभ लें तो एक न एक दिन हम सफल अवश्य होंगे। यह जानकारी एक विज्ञप्ति में विमल हाजरा ने दी।

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