परमात्मा की शरण में जाने खरगोश जैसे तत्पर रहो और सांसारिक जीवन में कछुए की चाल चलो: साध्वी स्नेहयशाश्रीजी

परमात्मा की शरण में जाने खरगोश जैसे तत्पर रहो और सांसारिक जीवन में कछुए की चाल चलो: साध्वी स्नेहयशाश्रीजी

रायपुर(अमर छत्तीसगढ़)। दुनिया में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसकी सारी इच्छाएं पूरी हुई हो। आपकी इच्छाओं की पूर्ति कभी नहीं हो सकती है। यह बात आपको अपने मन को समझाना है की आग में जितनी लकड़ी डालो सब जल जाएगी। आप डालते जाओ वह जलती ही जाएगी पर आग कभी खत्म नहीं होगी। यह बातें न्यू राजेंद्र नगर के मेघ-सीता भवन, महावीर स्वामी जिनालय परिसर में चल रहे चातुर्मासिक प्रवचन के दौरान शुक्रवार को साध्वी स्नेहयशाश्रीजी ने कही।

साध्वीजी ने कहा कि शहर में एक 10 मंजिला बिल्डिंग का निर्माण हो रहा था। वहां कई मजदूर काम कर रहे थे। 10वें मंजिल पर काम करने वाले को सबसे नीचे काम करने वाले मजदूर से बात करना था। उसने बहुत आवाज दी पर नीचे वाले को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। उसने एक तरकीब लगाई और 10 रुपये का नोट नीचे फेंका। नीचे खड़े मजदूर ने उसने खुद आया और अपनी जेब में रख लिया। ऊपर खड़े मजदूर ने यह देखा और सोचा कि वह ऊपर क्यों नहीं देख रहा है। उसने 50 रुपए का नोट फेंका और फिर से वैसा ही होगा। उसने 100 का नोट और 500 का नोट भी फेंक कर कोशिश की पर कुछ नहीं हुआ, नीचे खड़ा मजदूर पैसे उठाकर जेब में डाल लेता। आखिर में ऊपर खड़े मजदूर ने इस बार एक कंकड़ फेक जो उसके सिर पर लगा तब उसने ऊपर देखा। इससे आप समझ सकते हैं कि जब सुख का समय होता है तो सब उसमें मशगूल रहते हैं। वैसे ही जब दुख का समय आ जाए तो लोग परमात्मा की शरण में जाते हैं। कुछ समय उन्हें सिर्फ पैसा दिखता है और भी परमात्मा को उस समय भूल जाते हैं।

प्रसन्न रहोगे तो रोगों से बचोगे

साध्वीजी कहती हैं कि आप किसी मुरझाए हुए व्यक्ति को देखोगे तो आपको भी अच्छा नहीं लगेगा। वैसे ही आप किसी प्रश्न में व्यक्ति को देखोगे तो आपका मन भी खिलखिला उठेगा। वैसे ही इस दुनिया में हर आदमी दुखी है। अपने सिर पर वह दुखों का पहाड़ लेकर चलता है। कभी मौका मिले तो वह अपना दुखड़ा रोने से पीछे नहीं हटता। लेकिन जब आप परमात्मा की तस्वीर को देखेंगे तो हमेशा वे आपको प्रसन्न ही नजर आएंगे। आजकल अस्पताल में ज्यादा और मंदिरों में भीड़ कम रहती हैं। इसीलिए आपको हमेशा रोग घेरे ही रहती है। ज्यादा अस्पताल जाओगे तो आप हमेशा मन से बीमार रहोगे पर परमात्मा के शरण में जाओगे तो हमेशा प्रसन्न रहोगे और कई सारे रोगों से बचोगे। वैसे ही आपकी उम्र निकलती जा रही है और आपको काम बहुत सारे करने हैं। इसके लिए आपको खरगोश और कछुए की चाल का उपयोग करना चाहिए। परमात्मा के शरण में जाने आपको हमेशा खरगोश जैसा तत्पर रहना चाहिए। ऐसे ही सांसारिक जीवन जीने के लिए आपको कछुए जैसी धीमी चाल चलनी चाहिए।

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