बच्चों पर प्रेम निहित नियंत्रण हो, नियंत्रण रहित प्रेम ना हो- जैन‌ संत हर्षित मुनि

बच्चों पर प्रेम निहित नियंत्रण हो, नियंत्रण रहित प्रेम ना हो- जैन‌ संत हर्षित मुनि

बच्चे सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं तो इसका मतलब है आपके पास बच्चे के लिए समय नहीं

राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़) 15 अक्टूबर। जैन संत श्री हर्षित मुनि ने कहा कि बच्चों को संभालना बड़ा मुश्किल काम है। पहले बच्चों को दादा-दादी, चाचा-चाची संभालते थे किंतु आज तो एकल परिवार का चलन है और आपके पास समय नहीं है। इसका उपाय निकाले। बच्चों को समय दें और प्रेम दें। आपका बच्चों पर प्रेम निहित नियंत्रण होना चाहिए, नियंत्रण रहित प्रेम नहीं।
समता भवन में आज अपने नियमित प्रवचन ने जैन संत श्री हर्षित मुनि ने कहा कि बच्चा यदि सोशल मीडिया पर सक्रिय है तो इसका सीधा मतलब यह है कि आपके पास बच्चे के लिए समय नहीं है। बच्चे को प्रेम नहीं मिल रहा है। आप बच्चों को प्रेम जरूर दें किंतु उसके साथ नियंत्रण भी होना चाहिए। बड़े पिता-बड़ी मां, चाचा-चाची या दादा-दादी यदि डांटते हो और वह रोते हुए आपके पास आता है तो आप उससे कहें कि इतनी सी बात पर तुम रोते हो। आप उनकी सहनशीलता को बढ़ाइए। आपके नियंत्रण रहित प्रेम की वजह से बच्चे अनियंत्रित हो रहे हैं। बच्चों को प्रेम निहित नियंत्रित करें। प्रेम रहित नियंत्रण से संघ नहीं चलता। प्रेम रहित नियंत्रण से परिवार नहीं चलता। अंदर यह भावना होनी चाहिए कि यह मेरा संघ है, यह मेरा परिवार है, मेरा बच्चा है। यदि यह भावना रहेगी तो आप प्रेम निहित नियंत्रण कर पाएंगे।
संत श्री ने फरमाया कि बाहर हमारी किसी से बहस हो जाती है तो हम घर आकर परिवार वालों पर गुस्सा उतारते हैं। यह गलत है। इससे परिवार वाले और बच्चे हमसे दूर हो जाते हैं। आप अपने पर नियंत्रण करें और वात्सल्य निहित व्यवहार करें। नियंत्रण रहित प्रेम और प्रेम रहित नियंत्रण नहीं होना चाहिए बल्कि प्रेम निहित नियंत्रण होना चाहिए। जहां प्रेम होता है तो व्यक्ति पुत्र या पुत्री के लिए समय निकाल ही लेता है। प्रेम होता है तो माता की तबीयत खराब होते हुए भी वह बच्चों के लिए खाना अवश्य बनाती है। नियंत्रण टूटना नहीं चाहिए और वात्सल्य छूटना नहीं चाहिए। आप बच्चों को पैसा देकर उसे ऐसा बना रहे हैं कि वह पैसों की कीमत नहीं समझेगा। यदि वह पैसों की कीमत नहीं समझेगा तो आगे चलकर पैसे भी उसकी कीमत नहीं समझेंगे। उन्होंने कहा कि अगर हम घर परिवार में है तो प्रेम पूर्वक व्यवहार करें। हमारा व्यवहार परिवार वालों को आनंदित करेगा और परिवार में खुशियां बिखरेगी। यह जानकारी एक विज्ञप्ति में विमल हाजरा ने दी।

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