डोंगरगढ़(अमर छत्तीसगढ़) – निर्माण कार्य पूर्ण करने के बाद भी राशि का भुगतान नहीं होने पर वनांचल ग्राम कोठनापानी में सरपंच पर आर्थिक संकट गहरा गया है वे चारों तरफ गद्दारों के कर्ज से परेशान होकर जीवन यापन करने मजबूर है।
ग्राम पंचायत कोठनापानी के आश्रित ग्राम दमऊदहरा निवासी सरपंच प्रतिनिधि व पूर्व कांग्रेस समर्थित जनपद सदस्य गनी राम चंद्रवंशी ने बताया कि वर्तमान कांग्रेस के सरकार में पंचायत के जनप्रतिनिधि निर्माण कार्य के पश्चात शासन द्वारा भुगतान नहीं करने के कारण कर्ज़ से लद गए हैं.
स्थानीय स्तर पर अधिकारियों द्वारा महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत में कार्य पूर्ण कराने का दबाव हमेशा बनाया जाता है.और कार्य जैसे तैसे पूर्ण भी कर लिया जाता है, तो पैसों के लिए सालों तक घूमना पड़ता है.ऐसे कई ग्राम पंचायत हैं ।
जिनका लगभग 3 वर्षों से रोजगार गारंटी योजना की राशि नहीं मिल पाई है.ग्राम पंचायत सरपंच एन कुंवर कंवर के ऊपर ग्राम की महत्वपूर्ण जवाबदारी गांव में विकास कार्य जल्द से जल्द करवाने की ललक ने उन्हें कर्ज में डाल दिया है.शासन को उनके कर्जे में होने से कोई अधिक फर्क नहीं पड़ता.लेकिन सरपंच द्वारा अपना धान बाड़ी से कमाई हुई राशि को मनरेगा के कार्यों में लगा दी गई है वर्षों तक राशि नहीं मिलने के कारण परेशान सरपंच मानसिक रूप से हमेशा चिंतित रहती है. अधिकतर पंचायतों के जनप्रतिनिधि ऐसी ही परिस्थिति से जूझ रहे हैं.
10 लाख रुपए का भुगतान होना शेष – सरपंच प्रतिनिधि गनीराम चंद्रवंशी ने बताया कि वर्ष 2021 में गौठान निर्माण में 5 लांख रूपए चारागाह में 1 लांख रूपए ग्रामीणों का कुआं बनाने में कुल 10 लांख रुपए की राशि पंचायत में अटकी पडी है 2021 में कुएं का मूल्यांकन सत्यापन कर बिल वाउचर जमा करने के 1 वर्ष बाद भी अभी तक राशि नहीं मिल पाई है. जनपद पंचायत में चक्कर काट काट कर थक गए हैं.प्रोग्राम अधिकारी द्वारा फंड में पैसा नहीं होने का हवाला देकर टाल दिया जाता है.
कुआं निर्माण की राशि प्राप्त नहीं हुई -कोठनापानी में 2020 को स्वीकृत 6 किसान झुमुक पिता विश्राम वर्मा मन्नु पिता मोहन ठाकुर बुधू पिता रामलाल ठाकुर ओमकार पिता नम्मु लोकेश पिता खोरबाहरा ठाकुर व भारत के खेत में कुआं निर्माण के लिए 2.40 हजार रुपए की स्वीकृत कर खुदाई के लिए दी गई थी और निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है. जिसमें अभी तक कोई राशि नहीं मिल पाई है.
मजदूरों का मजदूरी भुगतान नहीं हो पाया – कुंए के कार्य में कार्य कर रहे मिस्त्रीयो का 28 से 30 हजार रूपए की मजदुरी अभी तक नहीं मिल पाई है.
सामग्री सप्लायर तगादा कर रहे हैं – रोजगार गारंटी में मजदूरों का पेमेंट तो कर दिया जाता है. लेकिन मटेरियल पेमेंट नहीं किया जाता. डेढ़ लाख रुपए रेत गिट्टी मुरूम पत्थर सीमेंट का सप्लायर को पेमेंट नहीं हो पाया है. आए दिन घर में तगादा के लिए सप्लायर घर आते रहते हैं.
पुराने कार्यों का भुगतान होने पर ही नया कार्य प्रारंभ किया जाएगा – जनपद से गौठान में मुर्गा सेट बनाने का दबाव बनाया जा रहा है.पैसा नहीं होने के कारण मैंने स्पष्ट मना कर दिया है.पुराना पैसा मिलने पर ही आगे मनरेगा का कार्य किया जाएगा. 2021 से अभी तक मनरेगा का 1 रूपए भी नहीं मिला है. मैं पैसों को लेकर बहुत परेशान हूं.
ट्रैक्टर का कर्ज नहीं हटाने पर एजेंसी वाले ने गाड़ी कुर्क की- सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि,सरपंची के पूर्व 6 एकड़ की खेती की जाती थी. जिसमें 3 एकड़ धान और 3 एकड़ में बाड़ी का कार्य पिता-पुत्र दोनों मिलकर किया करते थे. 2017 में हमने नया स्वराज ट्रैक्टर फाइनेंस कराया था. जिसका फाइनेंस कंपनी द्वारा 6 माह में 77 हजार रूपए देना पड़ता था. जो हमने अभी तक नियत तिथि को चुकता कर दिया था. लेकिन वर्तमान में 57 हजार रूपए जो आखरी किस्त बची हुई थी. इस माह पैसा जमा नहीं करने पर फाइनेंस कंपनी द्वारा गाड़ी को खींच ली गई है.
मैंने ग्राम के विकास की सोची, लेकिन शासन ने मुझे परिवार सहित डिफाल्टर किया -सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि, मैंने ग्राम के विकास कार्य को ध्यान में रखते हुए अपने घर का पैसा निर्माण कामों में खर्च कर दिया. आज नहीं तो कल यह राशि मुझे मिल ही जाएगी. लेकिन लंबे समय पश्चात भी राशि नहीं मिलने पर आज मुझे गांव वालों के सामने डिफाल्टर बना दिया गया.
राशि प्राप्त होने पर ही भुगतान किया जाएगा, मनरेगा अधिकारी – मनरेगा प्रोग्राम अधिकारी द्वारा कहा जाता है कि फंड में पैसा नहीं है. राशि आने पर भुगतान किया जाएगा. मनरेगा कार्यों में लंबे समय तक राशि अटके रहने से सरपंचो को बहुत सारी मानसिक तनाव से गुजरना पड़ता है. अधिकतर पंचायतों में ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है. अधिकारियों द्वारा मात्र आश्वासन देकर ही सरपंचों को बहलाया जाता है.