अंबागढ़ चौकी स्थित सर्किट हाउस में अधिकारियों की समीक्षा बैठक प्रारंभ
- हाट बाजार की जानकारी ली गई, मौसमी बीमारी का उपचार करने को कहा गया। ग्रामीण क्षेत्रों में शुगर के मरीज बढ़ने पर स्क्रीनिंग करने के निर्देश।
- पेयजल को लेकर आर्सेनिक की समस्या पर चर्चा। पानी में आयरन मिश्रण होने की जानकारी पर उसके समुचित उपचार हेतु आयरन रिमूवर मशीन लगाने के निर्देश।
- अधिकारियों को निर्देश-सुपोषण के मामले में व्यवहार परिवर्तन बहुत जरूरी है। काउंसिलिंग करें, सुपोषण वाटिकाएं बनाएं।
- डायबिटीज की बीमारी के केस हाट बाजार में ज्यादा आ रहे हैं। ये लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारी अधिक है। गांव में तो लोग मेहनतकश होते हैं। इसके बारे में देखिए, पड़ताल कीजिये।
मानपुर एसडीएम पर नाराजगी जाहिर करते हुए उनसे पूछा गया कि कितने हॉस्टल का निरीक्षण किया। एसडीएम ने बताया कि 2, इस पर कहा गया कि हॉस्टल का इशु तो सबसे सेंसिटिव होता है,इसकी फ्रीक्वेंसी बढ़े।
डीएफओ से पूछा गया कि कल भेंट-मुलाकात में संग्राहकों ने शिकायत की। डीएफओ ने बताया कि 2 मामलों में पूर्ण भुगतान हुआ है इसकी जांच की गई। शेष 2 मामलों में फड़मुशी की गलती पाई गई।
इसे गंभीर शिकायत बताते हुए कहा गया कि इसमें पावती वाला कुछ सिस्टम करें और फीडबैक लें। इससे होगा ये कि भुगतान किसी तकनीकी कारण से नहीं आया हो तो पता चल जाएगा।
कहा गया कि – सचिव भी अलर्ट रहें। जिन हितग्राहियों को किसी कारण से डीबीटी ट्रांसफर नहीं हुआ या कम हुआ है तो इसकी जानकारी लें और त्रुटि सुधार के लिए भेजें। इसके लिए मेकेनिज़्म बनाना होगा।
समीक्षा बैठक : अंबागढ़ चौकी
हाथियों के मूवमेंट पर जानकारी ली गई, एसडीओ फारेस्ट ने बताया कि महाराष्ट्र से हाथी आ रहे हैं।
एक ही झुंड है जिसमें 13 हाथी हैं। पहले नहीं थे अब सक्रिय हो गए हैं।
हाथियों के मूवमेंट पर बारीक नजर रखने के निर्देश। अभी लोगों को इस बारे में जागरूक करें।जहां हाथी का प्रकोप अधिक है।
वहां ट्रेकिंग ग्रुप बनाए गए हैं।ऐसा ही यहां भी हो। अधिकारियों ने बताया कि हाथी मित्र दल गठित किये गए हैं।
छुरिया में दिसंबर तक सड़कों के मरम्मत के निर्देश।
*समीक्षा बैठक : अंबागढ़ चौकी*आंगनबाड़ियों में पर्याप्त जगह है सुपोषण वाटिकाएं बनाएं, बच्चों को बताएं कि यह वाटिका उनके पोषण के लिए कितनी उपयोगी है।घर में भी बच्चों को अच्छा भोजन मिले, इसके लिए परिवार जनों की काउंसलिंग करें। पोषण के लिए अंडे का उत्पादन स्थानीय समूह ही करें, इससे पोषण भी मजबूत होगा और आय भी बढ़ेगी।