संयम जीवन सार है की गूंज के साथ जैन भागवती दीक्षा…मुमुक्षु मनीषा साहू अब साध्वी महक प्रभाजी बनी, मुमुक्षु मुस्कान बागमार साध्वी मोहक प्रभाजी बनी

संयम जीवन सार है की गूंज के साथ जैन भागवती दीक्षा…मुमुक्षु मनीषा साहू अब साध्वी महक प्रभाजी बनी, मुमुक्षु मुस्कान बागमार साध्वी मोहक प्रभाजी बनी



दीक्षा महोत्सव हजारों की उपस्थिति में, महाराष्ट्र का साहू समाज भी
रायपुर (अमर छत्तीसगढ़)। स्थानीय दादाबाड़ी में कल सुबह जैन साध्वी प्रभावती जी मसा, कीर्ति जी मसा के सानिध्य व साध्वी श्री अभिलाषा जी, नमिता जी, मुदिता जी, ख्याति जी, मधुरता जी, चिन्तन प्रज्ञा जी, गुप्ति श्री जी, श्रेष्ठता जी मसा के दर्शन वंदन का लाभ हजारों लोगों ने भगवती दीक्षा के अवसर पर लिया।
इस अवसर पर उपस्थित सांकरा (नगरी) की मुमुक्षु मनीषा साहू ने उपस्थिति समाज व परिजन वीर माता श्रीमती कीर्ति बाई साहू, वीर पिता मिथलेश साहू व दादी, नाना-नानी, चाची, चाचा, बहन, फुफा, मामा-मामी, मौसा जी, मौसी जी व विभिन्न परिजनों की उपस्थिति दर्जन भर से अधिक गांव के लोगों की उपस्थिति एवं दीक्षा पर लगी मुहर के साथ ही वरिष्ठ जैन साध्वी प्रभावती जी मसा एवं कीर्त श्री जी मसा ने मुमुक्षु मनीषा, मुमुक्षु मुस्कान की दीक्षा विधिवत संपन्न कराई। इस अवसर पर हजारों की संख्या में उपस्थित जैन समाज व साहू समाज के लोगों ने संयम जीवन सार है के जमकर नारे लगाए।
मुमक्षु मुस्कान बागमार अब मोहक प्रभा श्री जी के रुप में जानी जावेगी। दोनों की बड़ी दीक्षा अगले सप्ताह रायपुर में ही संपन्न होगी।
मुमुक्षु मुस्कान की वीर माता श्रीमती अल्का वीर पिता संतोष बागमार, दादा दादी, बड़े पापा बड़े मम्मी, फुफा-बुआ, भैया-भाभी, बहन-बहनोई, बहनें, भतीजा-भतीजी, नाना-नानी, मामा-मामी, मौसा-मौसी सहित छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के दुर्ग, भिलाई, बालोद, धमतरी सहित कई जिलों के जैन समाज के श्रावक श्राविकाएं मध्यप्रदेश के बालाघाट उड़ीसा के खरियार रोड़ सहित कई जिलों के साधु मार्गी शांतक्रांति जैन समाज के पदाधिकारी, सदस्य श्रावक श्राविकाएं बच्चे भी बड़ी संख्या में पहुंचे।
मुमुक्षु मनीषा एवं मुमुक्षु मुस्कान को जैन साध्वियों ने मंच तक गोद में उठाकर लाया जहां दीक्षा की अंतिम प्रक्रिया की गई। कार्यक्रम में मुमुक्षु मनीषा के परिजन के साथ ही महाराष्ट्र के बड़ी संख्या में साहू समाज के लोग भी दीक्षा महोत्सव में भाग लिया। मुमुक्षु मनीषा साहू की माता श्री ने भी मंच में बैठकर दीक्षा प्रक्रिया में परिजनों के साथ पूर्ण सहमति दी। दादाबाड़ी का हॉल लगातार गुंजाएमान होता रहा। बड़ी दीक्षा अगले हफ्ते नवकार भवन में संपन्न होगी।

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