कहा – जालसाजी के शिकार किसानों के खाते में कर्ज की रकम तत्काल शून्य हो
राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ़)। 16 अप्रैल
खुज्जी विधायक व किसान नेता श्रीमती छन्नी चंदू साहू ने बयान जारी कर सेवा सहकारी समिति मर्यादित मेढ़ा के बर्खास्त समिति प्रबंधक द्वारा किसानों को ऋण वितरण में लाखों की जालसाजी के मामले में जिला केंद्रीय सहकारी बैंक प्रबंधन द्वारा पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराए जाने की मांग की है।
उन्होंने कहा – अगर ऐसा नहीं होता है तो प्रभावित किसानों को न्याय मिलने में लंबा समय लग जाएगा जो कि उचित नहीं है। विधायक ने कहा कि – प्रभावित किसानों को फौरन राहत न मिलने की सूरत में वे उनके हितों के लिए किसानों के साथ खड़ी रहेंगी।
श्रीमती साहू ने कहा कि – जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित की जिम्मेदारी बनती है कि बैंक के अधिकारी आरोपी कुलदीप विश्वकर्मा के खिलाफ एफआईआर करवाएं और प्रभावित किसानों के खातों से कर्ज की रकम तत्काल शून्य की जाए ताकि उन्हें केसीसी का फायदा मिल सके।
विधायक के मुताबिक – वर्तमान में बैंक प्रबंधन खुद की जिम्मेदारी से पीछे हटकर, प्रभावित किसानों को आगे कर रहा है जिसके बाद उन्हें प्रकरण के निपटारे तक कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने होंगे और उन्हें तत्काल कर्ज से मुक्ति नहीं मिल सकेगी। एक तरह से बैंक से जुड़े सभी जवाबदेह अधिकारी खुद को बचाने और इस प्रकरण से दूर रखने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। मेढ़ा की सोसायटी में केसीसी घोटाले में कई और जिम्मेदारों के हाथ आंच से झूलसे हुए हैं उनके खिलाफ भी तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।
गैंदाटोला सहकारी समिति के वर्ष 2017-18 के ऐसे ही एक प्रकरण का उदाहरण देते हुए विधायक छन्नी साहू ने कहा कि – केसीसी में जालसाजी के पुराने प्रकरणों में भी किसानों से ही रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। नतीजा यह है कि किसान वर्षों से कोर्ट कचहरी के चक्कर काट रहे हैं। उन्हें अब तक राहत नहीं मिल सकी है। बैंक ने प्रकरण के कोर्ट में होने का हवाला देकर उनका कर्ज शून्य नहीं किया है। प्रभावित किसान अब भी केसीसी के लिए शपथ पत्र देने के बावजूद भटकना पड़ता हैं। मेढ़ा सोसायटी के मामले में भी बैंक इसी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की बात कर रहा है जो कि सरासर झूठ साबित होती है।
विधायक श्रीमती साहू ने कहा कि – किसानों से एफआईआर दर्ज कराया जाना उनके साथ धोखे के समान है। प्रकरण के निपटारे में न जाने कितना वक्त लगेगा और तब तक ठगे गए किसान केसीसी से वंचित रहेंगे। उन्होंने कहा कि अगर सही तरीके से जांच होती है तो मेढ़ा सोसायटी जैसे कई प्रकरण जिले में सामने आ सकते हैं। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ऐसी शिकायतों की तात्कालिक जांच करवाकर त्वरित कार्रवाई करे। अगर, ऐसा नहीं होता है तो जिले में किसानों को न्याय दिलाने के लिए उनके हक की लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि – अन्नदाताओं के साथ धोखा किसी सूरत में स्वीकार्य नहीं है,जो भी जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी है उनपर सख्त से सख्त कार्यवाही होना चाहिए।