बिलासपुर पुलिस द्वारा मिथ्या सूचना दे कर झुठी प्रथम सूचना पत्र दर्ज कराने वाले रिपोर्तकर्ता के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही प्रारंभ….52 प्रकरण में माननीय न्यायालय पत्राचार कर कार्यवाही प्रारंभ

बिलासपुर पुलिस द्वारा मिथ्या सूचना दे कर झुठी प्रथम सूचना पत्र दर्ज कराने वाले रिपोर्तकर्ता के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही प्रारंभ….52 प्रकरण में माननीय न्यायालय पत्राचार कर कार्यवाही प्रारंभ

बिलासपुर (अमर छत्तीसगढ़)

माननीय न्यायालय से विभिन्न शर्तो के आधार पर जमानत प्राप्त आरोपियों द्वारा जमानत शर्तों का पालन नहीं करने वाले आरोपियों के विरुद्ध भी जमानत निरस्तीकरण की कार्यवाही प्रारंभ

फर्जी रिपोर्ट के कुल 19 प्रकरण तथा जमानत निरस्तीकरण के कुल 33 प्रकरण कुल 52 प्रकरण में माननीय न्यायालय पत्राचार कर कार्यवाही प्रारंभ

चिन्हित 52 प्रकरण में मारपीट,चोरी,सड़क दुर्घटना,छेड़खानी,मोबाईल से छेड़खानी,दहेज,लूट तथा धोखाधड़ी के प्रकरण शामिल हैं

विवरण पुलिस अधीक्षक महोदय बिलासपुर श्री संतोष कुमार सिंह के द्वारा जिला स्तरीय अपराध समीक्षा बैठक में जिले के समस्त थाना प्रभारियों को निर्देश दिया गया था कि ऐसे प्रकरण जिनमें जिनमें प्रार्थी द्वारा पुलिस के समक्ष झूठी रिपोर्ट या मिथ्या साक्ष्य गढ़ कर प्रथम सूचना पत्र दर्ज कराया गया है तथा अपराध के अन्वेषण के पश्चात मामलों में अपराध का घटित होना नहीं पाया गया इस तरह के मामलों में शहरी थाना क्षेत्र के 8 प्रकरण तथा ग्रामीण थाना क्षेत्र के 11 प्रकरण कुल 19 प्रकरणों में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 182,, 211 के तहत झूठी रिपोर्ट करने वाले प्रार्थीयों के विरुद्ध इस्तगासा तैयार कर संबंधित माननीय न्यायालय में झूठे रिपोर्तकर्ता के विरुद्ध उचित कार्यवाही हेतु प्रकरण प्रस्तुत की जा रही है।

साथ ही माननीय न्यायालय के समक्ष ऐसे आरोपी गण जो दर्ज मामलों में विभिन्न परिस्थितियों के आधार पर जमानत प्राप्त किए हैं तथा जमानत के समय माननीय न्यायालय द्वारा जमानत की विभिन्न शर्तो पर जमानत दी गई है जैसे विवेचना में सहयोग,, थानों में उपस्थिति,, साक्ष्य संकलन में सहयोग इत्यादि, इन शर्तों का उल्लंघन कर आरोपीगण जमानत पश्चात विवेचना अधिकारी को सहयोग नहीं कर रहे हैं ऐसे कुल 33 प्रकरणों में आरोपियों की जमानत निरस्तीकरण के लिए माननीय न्यायालय प्रतिवेदन भेजकर जमानत निरस्तीकरण की प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है।

चालाकी से फर्जी सूचना देकर रिपोर्ट करने वाले या जमानत के शर्तों का पालन न करने वाले आरोपियों के विरुद्ध भी वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।

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