दसलक्षण पर्युषण महापर्व हमारे जीवन में आत्मालोचन, आत्म निरीक्षण, आत्म जागृति एवं आत्मा उपलब्धि का महान पर्व है – ब्रह्मचारी पं अंशुल शास्त्री

दसलक्षण पर्युषण महापर्व हमारे जीवन में आत्मालोचन, आत्म निरीक्षण, आत्म जागृति एवं आत्मा उपलब्धि का महान पर्व है – ब्रह्मचारी पं अंशुल शास्त्री

रायपुर (अमर छत्तीसगढ़) 19 सितंबर ।

श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर पंचायत ट्रस्ट मालवीय रोड मे पर्वाधिराज दसलक्षण पर्युषण महापर्व के अवसर पर आज प्रथम दिन 19 सितंबर 2023 भाद्रप्रद शुक्ल पक्ष तिथि चतुर्थी वीर निर्वाण संमवत २५४९ मंगलवार के दिन उत्तम क्षमा दिवस मनाया गया ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष संजय नायक एवं सचिव राजेश रज्जन जैन ने बताया की आज प्रातः 7 बजे सर्वप्रथम मंदिर जी पर मन्त्रोंउच्चार के साथ धार्मिक ध्वजा रोहण किया आज के ध्वजा रोहण का सौभाग्य भरत फत्तेलाल जैन को प्राप्त हुआ आज 12 वे तीर्थंकर श्री वासुपूज्य भगवान का 4 स्वर्ण कलशो सें अभिषेक किया गया आज के प्रथम अभिषेक का सौभाग्य सभी इंद्र प्रमोद कुमार संजीव कुमार राजीव जैन सिद्धार्थ जैन राहुल जैन को प्राप्त हुआ आज की रिद्धि सिद्धि प्रदाता प्रथम शांति धारा करने का सौभाग्य गुलशन लक्ष्मी कांत जैन को प्राप्त हुआ महिलाओ द्वारा मंगल कलश स्थापना की गयी एवं अखंड ज्योति प्रज्वलन श्वेता केतन जैन द्वारा किया गया तत्पश्चात आरती एवं सामूहिक पूजन किया गया आज के कार्यक्रम मे बड़ी संख्या मे महिलाये बच्चे युवा सभी उपस्थित थे।


सांगानेर राजस्थान सें आये विद्वान ब्रम्चारी पं. अंशुल शास्त्री ने अपने वक्तव्य मे बताया की दसलक्षण पर्व हमारे जीवन में आत्मालोचन , आत्म निरीक्षण, आत्म जागृति एवं आत्मा उपलब्धि का महान पर्व है।दसलक्षण पर्व वर्ष में तीन बार मनाया जाता है भाद्रपद,माघ और चैत्र के महीने में भी मनाया जाता है पर्व मनाने का कारण यह है कि यदि कोई कषाय 6 महीने से अधिक अधिक रहे तो अनंतानुबंधी बन जाती है अतः 6 माह से पूर्व क्षमा वाणी बनाने के लिए इस पर्व की व्यवस्था तीन बार की गई है।आज पर्व का प्रथम दिन उत्तम क्षमा का दिन है इस दिन जैन भक्त क्रोध का त्याग करते हैं कोई भी समस्या हो तो यह मानते हैं कि यह हमारे पूर्व जन्म का कारण है इसलिए क्रोध करके हम इस संसार को क्यों बढ़ाएं। क्रोध के नियंत्रण के लिए जैन भक्त तत्वज्ञान वैराग्य एवं परिस्थिति का सही-सही विश्लेषण करके क्रोध से बचते हैं यद्यपि शक्ति से सहित होने पर भी जैन भक्त क्षमा भाव धारण करता है।क्षमा का मतलब यही है कि समता सौजन्य से सहित होना। और कहां भी गया है की क्षमा वीरों का आभूषण है कायरों का नहीं इसलिए जैन वीर क्षमा को धारण करते हैं।


अध्यक्ष संजय ने बताया की धार्मिक के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमे 19 सितम्बर को टैगोर नगर मंदिर द्वारा मंगलाचरण धर्मिक तम्बोला 20 को सांगानेर ब्रम्चारी भैया द्वारा जानिए धर्म को 21 को महावीर मण्डल फाफाडीह द्वारा संस्कारी बहु नाटिका 22 को प्रतिभा महिला मण्डल द्वारा धार्मिक डंब शेराज एवं नृत्य प्रस्तुति 23 को मालवीय रोड महिला मण्डल द्वारा जैन गीत टेलेंट 24 को दि. जैन महिला मण्डल द्वारा best जोड़ी 25 को आदिश्वर महिला मण्डल डी. डी. नगर द्वारा बूझो तो जाने एवं नृत्य प्रस्तुति 26 को सन्मति विद्या ज्ञानपीठ फाफाडीह द्वारा मंगलाचरण नाटिका 27 को दि. जैन सोशल ग्रुप द्वारा खुशहाल परिवार जिनशासन आधार 28 को डॉ धनजय जैन द्वारा आरती सजाओ एवं प्रतिक्रमण का कार्यक्रम रखा गया है सभी कार्यक्रम दि. जैन बड़ा मंदिर पंचायत ट्रस्ट एवं महिला मण्डल द्वारा आयोजित किया जा रहा है साथ ही साथ बड़े मंदिर मे पूरे दस दिनों में बाहर से आए साधर्मी व्यापारी बंधु, छात्र छात्राएं एवं स्थानीय लोग उनके लिए शुद्ध सात्विक भोजन की व्यवस्था भी बड़े मंदिर मे रखी गई है जिसका लाभ वो ले सकते हऐ ।

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