सिर्फ आकृति से ही नहीं प्रकृति से इंसान बनें – विपुल प्रज्ञा जी

सिर्फ आकृति से ही नहीं प्रकृति से इंसान बनें – विपुल प्रज्ञा जी

दुर्ग(अमर छत्तीसगढ़) 1 मई ।

श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्त आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या समणी निर्देशिका विपुल प्रज्ञा जी एवं समणी आदर्श प्रज्ञा जी का दुर्ग प्रवास के प्रथम दिवस 2 मई को
नवकार भवन ऋषभ कॉलोनी दुर्ग में व्याख्या और कई धार्मिक आयोजन संपन्न हो रहे।

समणी निर्देशिका विपुल प्रज्ञा जी ने सभाजनों को ध्यान के माध्यम से एकाग्रचित्त करा मिनख जमारो … गीतिका के संगान किया। चार गति की व्याख्या करते हुए सभी को त्याग तपस्या के लिए प्रेरित करने के साथ ही कहा … सिर्फ आकृति से ही नहीं प्रकृति से इंसान बनें। क्या किया … क्या कर रहे … गीत गायन से धर्मप्रेमियों के मानस को झकझोरा।
प्रवचन सभा में सभा के अध्यक्ष देवेंद्र बरमेचा, मंत्री संजय चौपड़ा तिलोकचंद बरमेचा, मूलचंद धारीवाल, दिलीप बरमेचा, निर्मल श्रीश्रीमाल, महिला मंडल अध्यक्षा विनीता बरडिया युवक परिषद अध्यक्ष मुदित दुधोड़िया सहित बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाओ ने उपस्थित होकर धर्मलाभ लिया।
कल प्रातः 8 : 30 बजे भक्तांबर : रिद्धि मंत्र – सिद्धि मंत्र का दिव्य महा अनुष्ठान आयोजित है।

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