रानीदहरा के एक कुंआ में हुआ बरसात के पानी का रिसाव, जिसकी वजह से कुएं के पानी में संक्रमण का खतरा बढ़ा

रानीदहरा के एक कुंआ में हुआ बरसात के पानी का रिसाव, जिसकी वजह से कुएं के पानी में संक्रमण का खतरा बढ़ा

कलेक्टर के निर्देश पर उल्टी-दस्त के प्रभावी रोकथाम और नियंत्रण के लिए 23 जुलाई से गांव में प्र्राथमिक स्कूल में अस्थायी कैंप लगा

स्थिति सामान्य, नए मरीजों की संख्या में आई कमी, 25 जुलाई को एक ही नए मरीज मिले-बीएमओ डॉ खरसन

  कवर्धा(अमर छत्तीसगढ), 25 जुलाई 2024। कबीरधाम जिले के सहसपुर लोहारा विकासखण्ड के सुदूर वनांचल ग्राम रानीदहरा में पिछले तीन दिनों से उल्टी-दस्त का संग्रमण बढ़ा हुआ था। आज 25 जुलाई को उल्टी-दस्त के एक ही नए मरीज मिले है। रानीदरहा में उल्टी-दस्त के प्रभावी रोकथाम और निंयत्रण के लिए कलेक्टर जनमेजय महोबे के निर्देश पर 23 जुलाई मंगलवार से गांव के प्राथमिक स्कूल में अस्थायी स्वास्थ्य कैप बनाया गया है, जहां एसडीएम और बीएमओ की निगरानी में स्वास्थ्य अमला द्वारा घर-घर पहुंचकर स्वास्थ्यगत जानकारी ली जा रही है और ग्रामीणों को स्वास्थ्य उपचार किया जा रहा है।

 कलेक्टर के निर्देश पर पीएचई विभाग के अमले ने गांव के सभी चार हैंड पंप और 17 कुआ के पानी का परीक्षण के लिए सैम्पल लिए है, जिसमें एक शासकीय कुआ भी शामिल है। पिछले तीन दिनों में उल्टी-दस्त पर प्रभावी नियंत्रण रखी जा रही है, 25 जुलाई को उल्टी-दस्त के सिर्फ एक ही नए मरीज मिले है।
  कलेक्टर जनमेजय महोबे के निर्देश पर सहसपुर लोहारा एसडीएम सुश्री आकांक्षा नायक, एसडीओ पीएचई श्री दिलीप राजपुत और बीएमओ डॉ संजय ने संयुक्त रूप में उल्टी-दस्त से प्रभावित ग्राम रानीदहरा का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उल्टी-दस्त के प्रभावी रोकथाम और नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य, पीएचई, पंचायत एवं ग्रामीण विकास द्वारा किए रहे कार्यों की जानकारी ली। साथ ही उल्टी-दस्त के संक्रमण के कारणों की जानकारी ग्रामीणों से ली गई।


  एसडीएम सुश्री आकांक्षा नायक ने बताया निरीक्षण के दौरान ग्रामीणां ने जानकारी दी कि गांव के अधिकाश ग्रामीणजन एक ही कुंआ से ज्यादातर पानी का उपयोग किया जाता है। उस कुंआ का निरीक्षण किया और सैम्पल रिपोर्ट आने तक उस कुए पानी पेयजल के उपयोग नहीं करने के लिए प्रतिबंध लगाया गया। 

कलेक्टर के निर्देश पर रानीदहरा के सभी जल स्त्रोतों का सैम्पल लिया गया। पीएचई विभाग के अधिकारी ने बताया कि जिस कुंआ से पानी का उपयोग पीने के लिए किया जा रहा था, उस कुएं में खेत-खलिहान के पानी का रिसाव ज्यादा हो रहा है। संभवतः इस कारण से जल में संक्रमण का खतरा हो सकता है। हालांकि जांच रिपोर्ट के आने के बाद ही पानी में वैक्टरिया की उपस्थित की जानकारी मिल सकती है। कलेक्टर के निर्देश पर रानीदहरा के 17 कुआ और 4 हैण्डपंप का पानी सैम्पल लिया गया है। गांव में टैकर के माध्यम से साफ पानी की आपूर्ति की जा रही है। सभी जल स्त्रोतों को क्लोरिनेशन किया गया है।  
   एसडीएम सुश्री नायक ने बताया कि पिछले 23 जुलाई मंगलवार ग्राम रानी दरहा में उल्टी-दस्त के संक्रमण की जानकारी मिली थी। कलेक्टर के निर्देश पर बीएमओ डॉ खरसन द्वारा मंगलवार से ही गांव में स्वास्थ्य कैंप लगाया गया। जांच में पिछले तीन दिनों में 20 ग्रामीणां को उल्टी-दस्त से पीड़ित पाया गया। 6 ग्रामीणों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार चल रहा है, सभी की स्थिति बेहतर है।
  डॉ संजय खरखन ने बताया कि गांव में मौसमी बीमारी, उल्टी-दस्त, डायरिया, मलेलिया सहित जल-जनित बीमारियों के संक्रमण से बचने और बरसात के दिनों में पानी का उपयोग करने तथा खान-पान पर विशेष ध्यान देने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ग्रामीणों को पानी उबाल कर तथा ठंडा कर पीने के लिए जागरूक किया जा रहा है। साथ ही सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा। 

स्वास्थ्य गत जानकारी के लिए दीवान लेखन और कोटवारों के माध्यम से मुनादी कराई जा रही है। स्वास्थ्य अमला पिछले तीन तीनों से गांव में उपस्थित है। 25 जुलाई को उल्टी-दस्त के एक ही मरीज मिले है। गांव में संक्रमण के स्थिति में लगातार सुधार हो रही है। 4 ग्रामीणों को उपचार सहसपुर लोहारा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में चल रहा है, सभी की स्थिति में काफी सुधार आया है। भिभौरी सेक्टर के सभी गांवों में स्वास्थ्य अमले को अलर्ट रखने के निर्देश दिए गए है और जरूरत के आधार पर वनांचल ग्रामों में स्वास्थ्य कैंप लगाकर स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।
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