ग्रेटर हैदराबाद श्रीसंघ के तत्वावधान में चातुर्मासिक प्रवचन
हैदराबाद(अमर छत्तीसगढ), 26 जुलाई। संकल्प ले हमारे कारण घर में कोई परेशानी नहीं होगी। सबका हमदर्द बनना है सिरदर्द किसी का नहीं बनना है। किसी को सताना नहीं ओर हर दिल में अपनी जगह बनानी है। ऐसा कर लिया तो सब कुछ मिल जाएगा। जिंदगी हमे भगवान बनने का मौका देती है। दुनिया के भगवान तो पता नहीं कब बनोंगे लेकिन किसी मोड पर किसी के भगवान बन गए तो वह पल आनंद का होगा। जब ऐसा मौका मिले चूक मत जाना शत प्रतिशत फायदे का सौदा है।
जिसे आत्मा के अस्तित्व का पता लग जाता उसकी जीवनशैली ही बदल जाती है। ये विचार राजर्षि भीष्म पितामह पूज्य सुमतिप्रकाशजी म.सा. के ़सुशिष्य आगमज्ञाता, प्रज्ञामहर्षि पूज्य डॉ. समकितमुनिजी म.सा. ने ग्रेटर हैदराबाद संघ (काचीगुड़ा) के तत्वावधान में श्री पूनमचंद गांधी जैन स्थानक में शुक्रवार को आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि जिनवाणी श्रवण कर रहे श्रावक-श्राविका भाग्यशाली है लेकिन वह घर के बाकी सदस्यों को भी इससे जोड़ने का प्रयास करे। जब तक छोड़ेंगे नहीं संसार छूटने वाला नहीं है। मुनिश्री ने कहा कि प्रभु के कार्य अधूरे रहे जाते है जब संसार के सपने पूरे करने में लग जाते है। सांसारिक कार्य प्याज के छिलके के समान है जो कभी समाप्त नहीं होते। कितनी भी एनर्जी लगा लो संसार के सपने हमेशा सपने ही रहते है। जिसे आत्मा के अस्तित्व का पता लग जाता वह परिज्ञातकर्मा बन जाता है।
परिवार में बच्चों को भी जोड़े जिनशासन के साथ
समकितमुनिजी म.सा. ने कहा कि हमे सोचना होगा कि हम अपना भविष्य अच्छा बनाना चाहते है तो संतान को जिनशासन ओर जिनवाणी के साथ जोड़ना होगा। हमारे लिए हर वीक एंड पर घूमना ओर होटल में जाना जरूरी है तो फिर बच्चों के साथ जिनवाणी सुनने के लिए आना जरूरी क्यों नहीं है। कोई यह कहता है कि बच्चे सुनते नहीं तो वह सोच ले कि जब उस पर निर्भर है तब यह हाल है तो भविष्य में क्या होगा। हकीकत यह है कि हम बच्चों को जिनवाणी श्रवण करने के लिए लाने का ईमानदारी से प्रयास ही नहीं करते है।
तपस्या की अविरल धारा, चार श्राविकाओं ने लिए अठाई के प्रत्याख्यान
पर्युषण पर्व के आगमन में भले अभी समय शेष हो लेकिन चातुर्मास में उससे पहले ही पूज्य मुनिश्री की प्रेरणा से तपस्या की अविरल धारा प्रवाहित हो रही है। प्रवचन के दौरान पूज्य समकितमुनिजी म.सा. के मुखारबिंद से शुक्रवार को चार श्राविकाओं मंजू नाबेरिया, डिम्पल बम्ब, कंचन रांका, आंचल गुगलिया ने अठाई तप के प्रत्याख्यान लिए तो पांडाल हर्ष-हर्ष, जय-जय के उद्घोष से गूंजायमान हो उठा ओर तप की अनुमोदना की गई।
प्रवचन के शुरू में गायनकुशल जयवंत मुनिजी म.सा. ने ‘संयम पथ मिला की मेरे रोम खिल गए’ भजन की प्रस्तुति दी। धर्मसभा में प्रेरणाकुशल भवान्तमुनिजी म.सा. का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। धर्मसभा का संचालन ग्रेटर हैदराबाद श्रीसंघ के महामंत्री सज्जनराज गांधी ने किया। चातुर्मास के तहत प्रतिदिन प्रवचन सुबह 8.40 से 9.40 बजे तक हो रहा है।
कल से शुरू होगी 18 दिवसीय पुण्यकलश आराधना
पूज्य समकितमुनिजी म.सा. के सानिध्य में शनिवार 27 जुलाई से 13 अगस्त तक 18 दिवसीय पुण्यकलश आराधना होगी। इसमें शामिल होने के लिए पूना, अहमदनगर सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से कई श्रावक-श्राविकाएं हैदराबाद पहुंचे है। पुण्यकलश आराधक एक दिन उपवास व एक दिन बियासना करेंगे।
आराधना की शुरूआत बियासना से होगी। मुनिश्री ने आराधकों को बियासना के दिन दया ओर उपवास के दिन पौषध करने की प्रेरणा दी है। चातुर्मास के तहत शनिवार को प्रवचन का विषय ‘‘कमाई को कैसे बढ़ाए’ रहेंगा। इस दिन 1500 सामायिक का लक्ष्य रखा गया है। कोई दो,कोई तीन-चार सामायिक भी कर सकता है। रविवार को दोपहर 2.30 से 4 बजे तक काश मेरी सास ऐसी होती विषय पर विशेष प्रवचन के माध्यम से सास-बहू दिवस मनाया जाएगा। चातुर्मास में प्रतिदिन रात 8 से 9 बजे तक चौमुखी जाप का आयोजन भी किया जा रहा है।
जानकारी- निलेश कांठेड़
मीडिया समन्वयक, समकित की यात्रा-2024
मो.9829537627