सिलीगुडी(अमर छत्तीसगढ) 4 अगस्त । सुबह 9 बजे से तेरापंथ भवन,सोमानी मिल कंपाउंड, सिलीगुडी में आचार्य श्री महाश्रमणजी के विद्वान सुशिष्य मुनिश्री डॉ ज्ञानेंद्र कुमारजी, मुनिश्री पदमकुमारजी के पॉवन सान्निध्य में ज्ञानावरणीय कर्म एवम अंतराय कर्म निवारण मंत्र अनुष्ठान का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इसके अंतर्गत काफी मंत्रों का जाप सामूहिक रूप से उपस्थित श्रावको को करवाया गया,लगभग 1:30 घंटे के इस कार्यक्रम में काफी संख्या में श्रावको की उपस्थिति थी, सभी ने तन्मयता के साथ मंत्रों का जप किया, तद्पश्चात ज्ञानशाला पखवाड़ा उत्सव का आयोजन किया गया। इसमे ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा एक सुंदर गीतिका की प्रस्तुति प्रदान की । ज्ञानशाला की प्रिशिशिकाये द्वारा अपने विचार रखे।
उन्होंने बताया कि बच्चों को ज्ञानशाला भेजना क्यों जरूरी है, और सभी से निवेदन किया कि सभी अपने बच्चों को ज्ञानशाला अवश्य भेजे,ज्ञानशाला के बच्चों ने भी अपने अनुभव शेयर किए। उन्होंने बताया कि जब से हम ज्ञानशाला में आने लगे है उसके बाद हमारे जीवन मे काफी परिवर्तन आया है। हमे बड़ो का मान सत्कार और हमारे कार्य करने की जीवनशेली आदि सयमित हो और भी हमे अनुभव ज्ञानशाला में आने से मिले है।
ज्ञानशाला आंचलिक संयोजक तोलाराम सेठीया, सभा के अध्यक्ष किशन आंचलिया ने भी सभी अभिभावकों से निवेदन किया कि आप अपने बच्चों को अवश्य ज्ञानशाला में भेजे। गुरुदेव का एक सपना है कि परिवार का प्रत्येक बच्चा ज्ञानशाला में अवश्य जाए।
मुनिश्री ज्ञानेंद्र कुमारजी ने अपने मंगल उद्धबोधन कहा कि बच्चों को जो भी याद कराया जाता है वह ज्ञान तीन जन्म तक उनको याद रहता है और प्रिशिशिकाये भी अपने समय का नियोजन करती है उनका समय व्यर्थ नही जाता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को प्रतिक्रमण अवश्य सीखना चाहिए उससे उनके कर्मों की निर्जरा बोलने पढ़ने से अवश्य होगी। आभार व्यक्त ज्ञानशाला प्रभारी मनोज भंसाली ने दिया। मुनिश्री के प्रति कृतज्ञता प्रकट की बच्चों ने मुनिश्री को संयुक्त रूप से वंदना की, मंगल पाठ के साथ कार्यक्रम समाप्त किया गया।
समाचार प्रदाता:मदन संचेती