अयोध्या सहित 100 से अधिक मंदिरों का केस लड़ने वाले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का जैन सभा बिलासपुर ने किया अभिनंदन…. जैन तीर्थ में जमीन कब्जा पर हो रहे विवाद को बैठ कर सुलझाना होगा- अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन

अयोध्या सहित 100 से अधिक मंदिरों का केस लड़ने वाले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का जैन सभा बिलासपुर ने किया अभिनंदन…. जैन तीर्थ में जमीन कब्जा पर हो रहे विवाद को बैठ कर सुलझाना होगा- अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन

बिलासपुर(अमर छत्तीसगढ) 25 अगस्त।
धर्म एवं संस्कृति के योद्धा मंदिरों की मुक्ति के सजग प्रहरी एवं अयोध्या-काशी- मथुरा समेत 100 से ज्यादा केस लड़ने वाले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का दो दिवसीय बिलासपुर आगमन पर सोमवार को जैन सभा बिलासपुर द्वारा क्रांतिनगर दिगम्बर जैन मंदिर में अभिनंदन समारोह आयोजित कर शाल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया ।

कार्यक्रम के मंचस्थ अतिथियों में अअटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय के कुलपति ए डी एन वाजपेई बिल्हा विधायक धरम लाल कौशिक, बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला, पूर्व मंत्री डॉ कृष्ण मूर्ति बांधी, जैन समाज के संरक्षक विनोद जैन, सनत जैन, दीपक जैन, महेंद्र जैन उपस्थित थे।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के बाद मंगलाचरण की प्रस्तुति हुई। मंच का संचालन डॉ अरिहंत जैन ने एवं आभार प्रदर्शन जय कुमार जैन ने किया। प्रिया जैन द्वारा अतिथियों का स्वागत कुकू से टीका कर किया। कार्यक्रम में प्रमोद जैन, सुरेन्द्र मालू, कैलाश जैन, वीर कुमार जैन, पार्षद श्रद्धा जैन, आंचल जैन, अजय जैन, अभिषेक जैन, सनत जैन, दीपक जैन, भूपेंद्र चंदेरिया, अंशुल जैन, मीडिया प्रभारी अमरेश जैन, प्रदीप देशपांडे, जय प्रकाश लाल, गौरव जैन, अमल जैन, सौरभ दुवे, धनंजय गोस्वामी, प्रफुल्ल मिश्रा, पी पी सोनी, पार्थों मुखर्जी, श्रीनिवास राव, पूर्णिमा पिल्ले सहित बड़ी संख्या में वन्दे मातरम् मित्र मंडल एवं जैन सोशल ग्रुप के सदस्य उपस्थित रहे।

केस को लड़ने के लिए हिन्दू समाज से कोई शुल्क नहीं लेते- महेन्द्र जैन

वन्दे मातरम् मित्र मंडल के संयोजक महेन्द्र जैन ने विष्णु शंकर जैन का परिचय देते हुए कहा कि विष्णु शंकर ने अपने कानून की शिक्षा का उपयोग हिन्दू संस्कृति की रक्षा के लिए किया। विष्णु शंकर आज 120 मंदिरों सहित हिन्दू संस्कृति को बचाने अनेक लोअर कोर्ट,हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। किसी केस को लड़ने के लिए हिन्दू समाज से कोई शुल्क नहीं लेते। जैन समाज के लिए यह गौरव और सम्मान की बात है। हमारा कर्तव्य बनता है समाज के लिए जो समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं उनका सम्मान एवं सहयोग करें। महेन्द्र जैन ने कहा कि हमें अपनी बेटियों को शास्त्र के शस्त्र विद्या की शिक्षा भी देना चाहिए जिससे वह आत्म निर्भर बनकर अपनी स्वयं की ,अपने परिवार की,एवं समाज की भी रक्षा कर सके।

कुलपति ए डी एन वाजपेई ने भी किया संबोधित
कार्यक्रम को अटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय के कुलपति ए डी एन वाजपेई ने भी संबोधित किया। उन्होनें कहा आज का दिन बहुत शुभ है, भगवान कृष्ण का अवतरण हुआ । जैन धर्म सनातन धर्म का एक श्रेष्ठ धर्मो में एक है। जो धर्म पुनर्जन्म पर विश्वास करता है वे सनातन धर्म है। आचार्य विद्यासागर को अपने दो दोहे समर्पित करते हुए, वाजपेयी जी ने दोहे पढ़े ।

जैन तीर्थ में जमीन कब्जा पर हो रहे विवाद को बैठ कर सुलझाना होगा- अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा सम्मेद शिखर, गिरनार जी के में जो विवाद है उसे हमको कैसे इसका निवारण करना है बैठकर सोचना पड़ेगा । भगवान नेमिनाथ के चरण पादुका के दर्शन किए जाए इसका रास्ता निकाला जाएगा, लड़ने की बजाय सभी वर्गों से बैठकर इसका समाधान निकालने का प्रयास करना होगा। मुझे कई लोग कहते हैं कि आप गिरनार जी पर कुछ काम नहीं करते उस पर ध्यान नहीं देते जबकि मैं हमेशा तैयार हूं, जब आपको जरूरत है मैं तैयार हूं।

      श्री जैन ने कहा समस्या को ज्यादा विवाद करने से अच्छा है आपस में बैठकर इसका समाधान निकालने का प्रयास करना होगा। भगवान कृष्ण के नेमिनाथ भगवान चचेरे भाई है । गिरनार जी में एक जगह नेमिनाथ जी की मूर्ति है उसे कृष्ण जी ने ही बनवाया, हमारा रिश्ता भगवान कृष्ण से हजारों सालों से । जैन धर्म ज्ञान की पूजा करता है, अपनी संस्कृति  धर्म को बचाने के लिए हमेशा आगे आता है। राजा डोमरमल के किए कार्यों के बारे में उन्होंने विस्तार पूर्वक बताया। अपने धर्म को बचाने, सनातन धर्म को बचाने के लिए हमको आगे आना होगा। यही बात विगत दिनों रायपुर में विराजित श्री विराग मुनि श्री ने अपने प्रवचन में कही ।



         श्री जैन ने कहा कांग्रेस ने 2013 में हिंदू से अलग कर जैन समाज को माइनॉरिटी का दर्जा दिलाया, जबकि इसका लाभ आज तक जैन समाज ने कभी नहीं लिया। कांग्रेस के  इस निर्णय से आगे चलकर कई समाज माइनॉरिटी का हक मांगेंगे।
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