(भीलवाड़ा) आत्मा को पहचाने बिना धर्म का मार्ग नहीं मिल सकता- कंचनकंवरजी मसा… आत्मा की परवाह नहीं करते इसीलिए दुःखों का अंत नहीं होता- सुलोचनाजी मसा

(भीलवाड़ा) आत्मा को पहचाने बिना धर्म का मार्ग नहीं मिल सकता- कंचनकंवरजी मसा… आत्मा की परवाह नहीं करते इसीलिए दुःखों का अंत नहीं होता- सुलोचनाजी मसा

भीलवाड़ा(अमर छत्तीसगढ) , 5 सितम्बर। जब तक अपनी आत्मा को नहीं पहचानेंगे हम धर्म के मार्ग पर आगे नहीं बढ़ पाएंगे। जिसने अपनी देह से आगे बढ़कर आत्मा को पहचान लिया उसका जीवन सफल हो गया। हम बाहरी सुख सुविधाओं का त्याग कर अपनी आत्मा के चिंतन में लीन होना होगा।

ये विचार श्रमण संघ के प्रथम युवाचार्य पूज्य श्री मिश्रीमलजी म.सा.‘मधुकर’ के प्रधान सुशिष्य उप प्रवर्तक पूज्य विनयमुनिजी म.सा.‘भीम’ की आज्ञानुवर्तिनी शासन प्रभाविका पूज्य महासाध्वी कंचनकुंवरजी म.सा. ने महावीर भवन बापूनगर श्रीसंघ के तत्वावधान में आठ दिवसीय पर्वाधिराज पर्युषण पर्व के पांचवे दिन गुरूवार को मेरा प्यारा परिवार विषय पर प्रवचन में व्यक्त किए।

प्रखर वक्ता साध्वी डॉ.सुलोचनाश्री म.सा. ने कहा कि मैं शब्द व्यक्ति के अभिमान का सूचक होता है। हम की भावना रखने वाला ही सबको साथ लेकर चल सकता है। हम बाहर से धर्मात्मा बन रहे पर अंदर से धर्म को भूल रहे इसीलिए लक्ष्य तक नहीं पहुंच रहेे है। अपनी आत्मा को पहचानना होगा। अभी हम कई ऐसे कार्य करते जो अपनी आत्मा गवाह नहीं देती लेकिन हम उसकी परवाह नहीं करते इसलिए दुःखों का अंत नहीं हो पाता है।

आत्मा को खोज लिया तो संसार में फिर कुछ और खोजने की जरूरत नहीं रह जाएगी। मधुर व्याख्यानी डॉ. सुलक्षणाश्री म.सा. ने कहा कि आत्मा का कल्याण करने का लक्ष्य रखने वालों को निरन्रत धर्म साधना करनी चाहिए। धर्म की आराधना करने वाला अपनी आत्मा को पहचान सकता है। प्रवचन के शुरू में सुबह 8.30 बजे से अंतगड़ दशांग सूत्र के मूल पाठ का वाचन साध्वी डॉ. सुलोचनाजी म.सा. के मुखारबिंद से हुआ। इसके माध्यम से अर्जुन माली प्रसंग की चर्चा हुई।

श्रीसंघ के मंत्री अनिल विश्लोत ने बताया कि श्रीसंघ के तत्वावधान में पूज्य कंचनकंवरजी म.सा. आदि ठाणा के सानिध्य में पूज्य प्रवर्तक पन्नालालजी म.सा. की जयंति शुक्रवार को तप त्याग व दया व्रत के साथ मनाई जाएगी। धर्मसभा में दीया चण्डालिया ने 6 एवं कुलदीप गुगलिया व लक्षिता मेहता ने 5-5 उपवास के प्रत्याख्यान लिए तो अनुमोदना के जयकारे गूंज उठे। कई श्रावक-श्राविकाओं ने तेला, बेला, उपवास, आयम्बिल, एकासन आदि तपस्याओं के भी प्रत्याख्यान लिए।साध्वी मण्डल ने सभी तपस्वियों के प्रति मंगलभावना व्यक्त की।

पर्युषण पर्व के तहत प्रतिदिन दोपहर में श्री चंदनबाला महिला मण्डल के तत्वावधान में धार्मिक प्रतियोगिताएं हो रही है। धर्मसभा में जय महावीर प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता में प्रथम मनीषा आंचलिया, द्वितीय पदमा आंचलिया व तृतीय रेखा नाहर। प्रतियोगिता के लाभार्थी शांतादेवी सरोज नाबेड़ा परिवार रहा। संयोजन महिला मण्डल की अध्यक्ष आशा चौधरी ने किया।

श्रीसंघ के अध्यक्ष कमलेश मुणोत ने बताया कि पर्युषण अवधि में प्रवचन सुबह 8.30 बजे से शुरू हो रहे है। पर्युषण में छठे दिन 6 सितम्बर को भक्ति के दो रंग वषय पर प्रवचन एवं दोपहर में शेर मॉर्केट प्रतियोगिता होगी। श्रीसंघ के संरक्षक लादूलाल बोहरा ने बताया कि पर्युषण में अखण्ड नवकार महामंत्र जाप भी चल रहा है जिसमें कई श्रावक-श्राविकाएं तय समय पर पहुंच सहभागिता निभा रहे है। शाम को प्रतिक्रमण करने भी कई श्रावक-श्राविकाएं पहुंच रहे है।

प्रस्तुतिः निलेश कांठेड़
अरिहन्त मीडिया एंड कम्युनिकेशन,भीलवाड़ा
मो.9829537627

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