राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ) 6 सितंबर। तीज पर्व पर पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखने वाली महिलाओं ने गुरूवार की रात्रि को करेला की सब्जी खाकर परंपरागत रस्म निभाई। मायके आई हुए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को पड़ोसियों की नेवता मिला। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में सामूहिक रूप से तीज मनाने आयी महिलाओं को कडू भात भी खिलाया। शुक्रवार के दिन सबेरे से ही निर्जला व्रत रखने वाली महिलाएं विधि विधान से पूजा अर्चना की।
दिनभर श्रृंगार और पूजा की तैयारी के बाद शुक्रवार की रात को भगवान शिव और माता पार्वती की कथा सुनकर व्रत रखी, और शनिवार को दोबारा विधि विधान से पूजा अर्चना करने के बाद महिलाएं अपना व्रत तोड़ेगी। गुरूवार से तीजहारिनों का मायके जाने का सिलसिला श्ुारू हो गया। तीज मनाने आयी महिलाएं अपने मायके आने के बाद अपने परिवार सहित आसपास पड़ो, सहेलियों, रिश्तेदारों से मेल मुलाकात करती रही। बाजार में भी गुरूवार के दिन अच्छी भीड़ देखी गयी। शुक्रवार को और अच्छी भीड़ रही।
तीजहारिन महिलाएं साड़ी, श्रृंगार, कंगन, चुड़ी सहित अन्य सामग्री खरीद रही थी। व्यापारियों की अच्छी ग्राहकी रही। वहीं छत्तीसगढ़ी महमारी मिलन उत्सव भी मनाया गया। महिलाओं ने बड़ी धूमधाम के साथ तीज पर्व मना रही है। तीज पर्व की शुरूआत करू भात खाकर की गयी। करेला की तासिर ठंडी होती है, जिससे प्यास कम लगती है। व्रत के बाद महिलाएं अपने माता-पिता, बड़े बुजुर्गों को आशीर्वाद लिया।