ध्यान करने से साधक कर्मों की अपूर्व निर्जरा कर सकता है- उपासिका बहने…. जैन उपाश्रय टिकरापारा, वैशाली नगर में रविवार को संवत्सरी प्रतिक्रमण

ध्यान करने से साधक कर्मों की अपूर्व निर्जरा कर सकता है- उपासिका बहने…. जैन उपाश्रय टिकरापारा, वैशाली नगर में रविवार को संवत्सरी प्रतिक्रमण

पर्यूषण पर्व का अंतिम दिवस

बिलासपुर(अमर छत्तीसगढ) 7 सितंबर। श्री जैन श्वेतांबर श्री संघ समाज के द्वारा परम पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व 2024 का शनिवार को बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए । सुबह पूजा-पाठ एवं कई धार्मिक आयोजन हूवे । दोपहर से नेहरू नगर में मंदिरमार्गी एवं गोलछा निवास मिनोचा कलोनी मे स्थानकवासी श्रावक श्राविकाओं ने संवत्सरी प्रतिक्रमण किया ।


पर्युषण महापर्व के आठवें दिन नेहरू नगर में पूजन वेशभूषा धारण कर स्तवन कुलनायक पूजा, शांति कलश पूजा, मंगल दीपक सहित कई धार्मिक आयोजन संपन्न हुए । समाज की श्रीमती ज्योति चोपड़ा एवं श्रीमती पुष्पा श्रीश्रीमाल द्वारा कल्प सूत्र का वाचन किया गया । प्रतिक्रमण पश्चात जैन समाज के सभी सदस्यों ने जीव जंतुओं सहित सभी से हाथ जोड़कर माफी मांगी एवं आपस में मिलकर एक दूसरे को जाने अनजाने में 365 दिनों में हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना की । रविवार को टिकरापारा जैन उपाश्रय एवं हूल्लास चंद गोलछा वैशाली नगर के निवास में तेरापंथ समाज के द्वारा सुबह प्रवचन एवं शाम को संवत्सरी प्रतिक्रमण होगा ।
प्रतिक्रमण में प्रमुख रूप से नेहरू नगर एवं मिनोचा कॉलोनी में विमल चोपड़ा, नरेंद्र मेहता, योगेश चोपड़ा, इंदर चंद बैद, सुभाष श्रीश्रीमाल, गौतम बाफना, रमेश भयानी, रवीन्द्र जंदानी, अमित, संजय छाजेड़, संजय चोपड़ा, अविनाश चोपड़ा, संतोष चोपड़ा, अमिता गोलछा, प्रवीण कोचर,सहित समाज के लोग उपस्थित थे ।

ध्यान करने से साधक कर्मों की अपूर्व निर्जरा कर सकता है- उपासिका बहने

पर्युषन पर्वाराधना के सातवें दिन वैशाली नगर में ध्यान दिवस में उपासिका बहनों ने प्रातः कालीन प्रवचन के दौरान ध्यानके बारे में बताते हुए कहा कि ध्यान करने से साधक कर्मों की अपूर्व निर्जरा कर सकता है प्रासंगिक फल के रूप में मानसिक शारीरिक व भावनात्मक तनाव दूर होते हैं।
भगवान महावीर के भवों का वर्णन करते हुए आज चंदनबाला के जीवन पर प्रकाश डाला गया भगवान महावीर ने 13 अभिग्रह किए थे।5 महीने 25 दिन की तपस्या पूर्ण हो गई लेकिन उनके अभिग्रह नहीं फले। आखिरकार चंदनबाला के द्वारा वे अभिग्रह फले और भगवान महावीर ने चंदनबाला के हाथों से भिक्षा ग्रहण की। भगवान को केवल ज्ञान होने के पश्चात चंदनबाला ने भी संयम ग्रहण किया और 36000 साध्वियों की साध्वी प्रमुखा बनी । साथ ही आज अंतिम केवली जम्बू स्वामी के चरित्र का वांचन भी किया गया।


श्रीमती ललिका मालू ने कंठी तप किया है ,उनके तपस्या की भी आज अनुमोदन की गई श्रीमती अंजू गोलछा ने अपने विचार व्यक्त किये और तपस्या की अनुमोदना में गीतिका गाई।

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