दुर्ग(अमर छत्तीसगढ) 15 सितंबर। आचार्य सम्राट श्री जयमल महाराज की 317 वीं जन्म महोत्सव जय आनंद मधुकर रतन भवन बांधा तालाब दुर्ग में मनाई गई । छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न क्षेत्रों से गुरु भक्त परिवार इस आयोजन में शामिल होने दुर्ग आए थे । 5 सामायिक की साधना के साथ धर्म सभा की शान बड़ा रहे थे ।
जयमल जी महाराज के जन्म से लेकर संयम साधना से जुड़े प्रेरणादायक संस्मरण नाटिका को श्रमण संध महिला मंडल ने जीवंत प्रस्तुति दी। जिसे धर्म सभा में लोगों ने बेहद सराहा चिन्नई से आए गुरु भक्त श्री सज्जन राज महेता ने पुरस्कृत किया ।
मासक्षमण की तपस्या की ओर अग्रसर श्रीमती आशा सुराणा का अभिनंदन उनकी बेटी कुमकुम सुराणा ने किया ओर उन्होंने 9 उपवास करने का प्रण लिया
आचार्य सम्राट जयमल जी महाराज के जन्म महोत्सव पर आयोजित सभा में कमला सजन राज महेता कुमकुम सुराणा विनय पटवा गोलु गोलक्षा सिद्ध चंद लोढ़ा दिनेश लोढ़ा सोभा सांखला मधुराय सोनी, बसंत बोहरा सुधीर बाघमार ने जन्म महोत्सव पर अपने भाव रखे।
जय आनंद मधुकर रतन भवन की धर्म सभा को संबोधित करते हुए साध्वी डा सु मंगल प्रभा ने कहा आचार्य सम्राट जयमल जी महाराज का जीवन तप त्याग धर्म ध्यान से ओत-प्रोत था मात्र तीन धंटे की सामायिक साधना के साथ उन्होंने प्रतिक्रमण पुरा किया था एसी कई धर्म साधना श्री जयमल जी महाराज ने की हे उनके जीवन को उदाहरण बना कर अपने जीवन को धर्म के क्षेत्र में जुड़कर आदर्श स्थापित किया जा सकता है ।
आज के आयोजन को सफल बनाने में श्रमण संघ महिला मंडल श्रमण संघ स्वाध्याय मंडल वर्धमान सेवा मंच सहित श्रमण संघ के पदाधिकारियों का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ । श्रमण संघ द्वारा आयोजित आज के आयोजन में नेमीचंद श्रीमती स्वरुप देवी नाहर लाभार्थी परिवार थे । कार्यक्रम में आए अतिथियों के प्रभावना श्री जसराज पारख परिवार ने वितरित की ।
जिन्होंने आज पांच सामायिक की साधना की उन्हें श्री भंवरलाल गोलु चेतन गोलक्षा परिवार ने चांदी के सिक्कों का वितरण किया ।
आज की सभा का संचालन मंत्री राकेश संचेती ने किया तथा आए अतिथियों का आभार प्रकट संध के अध्यक्ष धर्मचंद लोढ़ा ने किया। आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीमती कविता रतन बोहरा, रचिता श्रीश्रीमाल, अरूणा रतनबोहरा, रुचिता बाघमार, परिधी मोदी, पंकज बेगानी, नितीन संचेती, पदम छाजेड़, सोरभ रतनबोहरा के विशेष सहयोग रहा ।