बच्चों ने दादागुरुदेव की पूजा की विधि सीखी व इक्तिसा जाप मुखाग्र कर जाप किया

बच्चों ने दादागुरुदेव की पूजा की विधि सीखी व इक्तिसा जाप मुखाग्र कर जाप किया

रायपुर (अमर छत्तीसगढ) 22 सितंबर।

खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभ सूरीश्वर जी की प्रेरणा से प्रति रविवार को बच्चों के मन मस्तिष्क में सुसंस्कार के बीजारोपण करने श्री सीमंधर स्वामी जैन मंदिर में सकारात्मक पहल करते हुए बच्चों को दादागुरुदेव की पूजन विधि सिखाई गई । अनुमोदना स्वरूप बच्चों को पुरस्कृत किया जाता है । पुरस्कार के लाभार्थी श्री विवेक , यश हर्ष वीर डागा परिवार हैं ।

श्री सीमंधर स्वामी जैन मंदिर व दादाबाड़ी ट्रस्ट के अध्यक्ष संतोष बैद व महासचिव महेन्द्र कोचर ने बताया कि इस रविवार को सभी बच्चों ने दादागुरुदेव की पूजन विधि उसका महत्व व इक्तिसा जाप का पाठ मुखाग्र याद किया , उत्साहित बच्चे प्रातः से ही पूजन के वस्त्र जैन संस्कृति के परिचायक धोती दुप्पटा पहन कर आते हैं , तथा अपने मधुर कंठ से गुरू भक्ति के श्लोक दासानुदास ईव सर्व देवा यदीय पादाब्जतले लुठन्ति , मरुस्थली कल्प तरु सजियात युगप्रधानों जिनदत्त सूरि के पवित्र आत्म कल्याणकारी श्लोकों के साथ जब एक साथ सभी बच्चों ने श्री जिनकुशल सूरि जी श्री जिनदत्त सूरि जी व श्री जिनचंद्र सूरि जी की प्रतिमा के सामने सामूहिक स्वर में पाठ किया तो मंदिर में अलौकिक दृश्य उपस्थित हो गया । यही नहीं इस प्रयास से बच्चो के माता पिता भी प्रातः से ही पूजन में आने लगे हैं ।

ट्रस्टी निलेश गोलछा ने बताया कि ट्रस्ट द्वारा भावी पीढ़ी को संस्कारित करने रात्रि धार्मिक पाठशाला का भी संचालित हो रही है । ट्रस्टी डॉ योगेश बंगानी ने बताया कि आज सैकड़ों बच्चों को दादागुरुदेव की पूजा व जिनप्रतिमा के 9 अंगों के पूजन की विधि की जानकारी देकर गुरुपूजन व इक्तिसा जाप पूजा करवाया गया , सर्वप्रथम दादागुरुदेव की प्रतिमाओं की चंदन पूजा व श्री गुरुदेव दयाल को मन में ध्यान लगाय अष्ट सिद्धि नव निधि मिले मन वांछित फल पाय दादागुरुदेव इक्तिसा जाप भावपूर्वक किया गया ।

जैन धर्म में ही भगवान की प्रतिमा में भक्तों द्वारा सीधे पूजन का विधान है । बच्चों को पुरस्कृत किया गया । महेन्द्र कोचर ने आगे बताया कि चारों दादागुरुदेव के सम्मुख विधिपूर्वक गुरुवंदन की प्रक्रिया सिखाई गई , बच्चों ने दादागुरुदेव का विधिपूर्वक खमासमना देकर वन्दन किया । अंत में दादागुरुदेव इक्तिसा का पाठ किया गया ।

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