बिलासपुर(अमर छत्तीसगढ) 27 सितंबर। देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय ऑल इंडिया मीडिया कॉन्फ्रेंस में शामिल होकर प्रदेश लौटे छत्तीसगढ़ के पत्रकारों का बिलासपुर में स्वागत किया गया। बतादे की नई दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में दिनांक 21 व 22 सितम्बर कों राष्ट्रीय स्तर का मीडिया कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया जिसमें देश भर के बीस राज्यों सहित छत्तीसगढ़ के पत्रकारों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तथा पत्रकार हित में विभिन्न मुद्दाओं पर अपनी बात रखी।
कार्यक्रम का उद्देश्य देश भर की सभी पत्रकारों कों एक प्लेटफार्म में लाकर अपनी हक अधिकार कों पाने के लिए संघर्ष करना तथा सरकार से सभी स्तर के पत्रकारों के लिए वन नेशन वन इलेक्शन के भांती वन नेशन वन जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन एक्ट लागु करने के लिए मजबूर करना है ताकि छोटे व मध्यम स्तर के पत्रकारों के साथ हो रही भेदभाव,अत्याचार,शोषण,अपमान इत्यादि पर प्रतिबन्ध लग सके।
इवेंट आफ यूनिटी के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न पत्रकार संगठनों ने हिस्सा लिया जों कि 40 वर्षों से पत्रकार हित में कार्य क़र रही इंडियन फ़ेडरेशन ऑफ़ स्माल एंड मीडियम न्यूज़ पेपर संगठन के आह्वान पर नेशनल मीडिया कांफेडरेशन,राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ,वी द पीपल,न्यूज़ मीडिया कांफेडरेशन, साइबर जर्नलिस्ट असोसिशन सहित हिंदुस्तान के लगभग 130 पत्रकार एकजुट हुए तथा मीडिया के समक्ष वर्तमान चुनौतियाँ और अवसर एवं देश की स्थिति व मीडिया की भूमिका विषय पर वृहत चर्चा किया गया।
वर्तमान में पत्रकारों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। हर समय पत्रकारों कों जोखिम भरा कार्य करना पड़ता है जिसमें मध्यम व छोटे स्तर के पत्रकार ही असल रूप में दिन रात नदी नाले पहाड़ बीहड़ जैसे धरातल में जाकर जनहित के मुद्दों पर खबर प्रकाशन का कार्य करते है किन्तु शासन प्रशासन द्वारा छोटे व मध्यम वर्ग के पत्रकारों से भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया जाता है।
मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है, अतः इस बात कों भारतीय गजट मे घोषित क़र अन्य तीन स्तम्भ की भांति समान सुविधा व संरक्षण प्रदान किया जावे। जिसमें पत्रकारों को 50 लाख का जीवन व 20 लाख का दुर्घटना बीमा दिया जावे।
पत्रकार सुरक्षा कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो, महिला पत्रकार प्रोटेक्शन सेल का भी गठन किया जावे। पत्रकार को नॉन गारंटी 5 लाख तक एमएसएमई व राजकीय लोन स्वीकृति दी जावे। अधिस्वीकृत एवं गैर-अधिस्वीकृत पत्रकारों को रियायती दरों पर भूखंड, तथा बुज़ुर्ग पत्रकारों को 20 हजार पेंशन का प्रावधान किया जावे । अधिस्वीकृत पत्रकारों को जिले के अन्य विभागों में एपीआरओं पद पर भर्ती/नियुक्ति व उच्च वेतन से जोड़ा जावे।
राज्य के न्यूज़ यूट्यूब चैनल, बेवसाइट व एनआईसी MSME प्रमाणित न्यूज़ पोर्टल के दो सदस्यों को अधिस्वीकृत प्रदान करने कि मांग। राज्य के एससी-एसटी, ओबीसी पत्रकार को (कर सेवा व ज़ीरो बैलेंस बैंकिंग) सुविधा,पत्रकार को इंटरनेट भत्ता और सड़क व रेल परिवहन में छूट या मुफ्त यात्रा कि मांग। गैर-अधिस्वीकृत व सवैतनिक पत्रकारों को मेडिकल डायरी और 24×7 आपातकालीन चिकित्सा सेवा लाभ व अंत्येष्टि संस्कार व्यवस्था निशुल्क करने का प्रावधान किया जावे ।
प्रदेशभर में जिला मीडिया हाउस शाखा की स्थापना कि जावे। साहसिक व उत्कृष्ट कार्य पर पत्रकार को वार्षिक सरकार द्वारा एक लाख तक का नकद पुरुस्कार व प्रशस्ति पत्र का प्रावधान किया जावे। राज्य पत्रकार को टोल-टैक्स व ब्ल्ड बैंक सेवा निशुल्क अनुमत करने का प्रावधान किया जावे।
पत्रकार की फैमिली व बच्चों को शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश शुल्क पर न्यूनतम 25% या अधिक छूट का लाभ का प्रावधान किया जावे। पत्रकार के कानूनी अनुसंधान के लिए महानिरीक्षक रेंज पर कमेटी का गठन और निर्दोष/दोषमुक्त पाएं जाने पर पत्रकार को राजकीय अनुदान नकद 10 लाख देने का प्रावधान किया जावे ।
राज्य पत्रकारों को सूचना विभाग के विभिन्न रिक्त पदों पर भर्ती व नियुक्ति दी जावे । सूचना विभाग द्वारा पत्रकार की निजी व गोपनीय जानकारी बिना जांच सार्वजनिक व पत्राचार करने को घोतक अपराध नियम की श्रेणी में शामिल करने का प्रावधान किया जावे।
पत्रकार को राज्य सरकार द्वारा मीडिया/प्रेस उपकरण (कैमरा, कम्प्यूटर, लेपटॉप) क्रय पर विशेष छूट का प्रावधान किया जावे। खोजी पत्रकार व अपराध प्रतिनिधि को पुलिस प्रोटेक्शन और आर्म्स लाइसेंस जारी करने का प्रावधान किया जावे।राज्य पत्रकार कल्याण कोष का गठन पर लाभान्वित करने का प्रावधान किया जावे ।
राज्य सरकार द्वारा प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व डिजिटल मीडिया के सेमिनार व अधिवेशन आयोजित कर प्रोत्साहन दिया प्रदान किया जावे । सरकार द्वारा राज्य में संचालित विभिन्न पत्रकार संगठनों व सदस्यों के उत्थान व कल्याण कार्यों के लिए वार्षिक अनुदान राशि सौंपी जावें।