रायपुर(अमर छत्तीसगढ) 2 दिसम्बर।
रेंज साइबर थाना रायपुर की कार्यवाही, सिम स्वैपिंग, क्रिप्टोकरंसी इन्वेस्टमेंट और शेयर ट्रेडिंग के नाम से ठगी करने वाले 6 प्रकरण में 9 आरोपी पुणे, मुंबई, नासिक, दुर्ग, महासमुंद, बिलासपुर और रायपुर से गिरफ्तार
आरोपियों के बैंक खाता में होल्ड रकम 6 लाख रुपए पीड़ित के खाता में हुए वापस
रायपुर रेंज साइबर द्वारा जांच की जा रही प्रकरणों से संबंधित लेयर 1 बैंक अकाउंट में होल्ड 4.21 करोड़ रुपए पीड़ितों के खातों में जल्द वापसी प्रक्रियाधीन
अन्य लेयर के बैंक खाता में होल्ड 30 करोड़ रूपये का हो रहा विश्लेषण
पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज श्री अमरेश मिश्रा द्वारा रेंज साइबर थाना रायपुर को साइबर अपराधों में तकनीकी साक्ष्य एकत्र कर आरोपियों की गिरफ्तारी करने एवं ठगी की रकम होल्ड/जप्त करने के संबंध में निर्देश दिया गया है निर्देशानुसार कार्यवाही करते हुए रेंज साइबर थाना रायपुर द्वारा कार्यवाही की जा रही है।
केश 1 प्रार्थी अनिमेष तिवारी ने शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने के नाम से उनसे 99 लाख रुपए ठगी होने की रिपोर्ट थाना तेलीबांधा में दर्ज कराया था। रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 644/24 धारा 318 (4) बीएनएस पंजीकृत कर विवेचना रेंज साइबर थाना रायपुर को सौंपी गई थी। विवेचना क्रम में आरोपी समीर थोरात पिता खंडेराव थोरात उम्र 25 वर्ष पता चादोंली अंबेगांव थाना मंचर पुणे महाराष्ट्र को गिरफ्तार किया गया है, आरोपी लाइसेंस बनाने एवं RTO सम्बंधी कार्य करता है। पूर्व में एक आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है।
केश 2 प्रार्थी अभिषेक अग्रवाल ने शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने के नाम से उनसे 2.5करोड़ ठगी होने की रिपोर्ट थाना न्यू राजेंद्र नगर में दर्ज कराया था। रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 430/24 धारा 318(4), 3(5) बीएनएस पंजीकृत कर विवेचना रेंज साइबर थाना रायपुर को सौंपी गई थी। विवेचना क्रम में आरोपी मयूरेश राजेंद्र गांगुर्दे पिता राजेंद्र गुलाब गांगुर्दे उम्र 31 वर्ष पता वाडीताल डिंडोरी जिला नासिक महाराष्ट्र को गिरफ्तार किया गया है।
केश 3 प्रार्थी निशांत जैन ने शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने के नाम से उनसे 29 लाख ठगी होने की रिपोर्ट थाना तेलीबांधा में दर्ज कराया था। रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 577/24 धारा 318(4), 61 बीएनएस पंजीकृत कर विवेचना रेंज साइबर थाना रायपुर को सौंपी गई थी। विवेचना क्रम में आरोपी आकाश विलास भालेराव पिता विलास भालेराव उम्र 25 वर्ष निवासी पिंपरी थाना येवोला जिला नासिक महाराष्ट्र को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई किया है।
केश 4 प्रार्थी नवीन कुमार ने शेयर ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने के नाम से उनसे 1.39करोड़ ठगी होने की रिपोर्ट थाना तेलीबांधा में दर्ज कराया था। रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 578/24 धारा 318(4), 3(5) बीएनएस पंजीकृत कर विवेचना रेंज साइबर थाना रायपुर को सौंपी गई थी। विवेचना क्रम में आरोपी अजय तिडके पिता किशन तिडके उम्र 27 वर्ष निवासी बालापुर नाकाहीरा खामगांव महाराष्ट्र जो पुणे महाराष्ट्र में छिप कर निवास कर रहा था को गिरफ्तार किया गया है। पूर्व में एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया है।
केश 5 प्रार्थी चमन लाल साहू के बैंक अकाउंट में लिंक जिओ सिम को अज्ञात आरोपियों द्वारा E SIM में पोर्ट कर उनसे ठगी होने की रिपोर्ट थाना राखी में दर्ज कराया था। रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 225/24 धारा 318(4), बीएनएस पंजीकृत कर विवेचना रेंज साइबर थाना रायपुर को सौंपी गई थी। विवेचना क्रम में आरोपी
(1) मेराज आलम पिता एस आर अंसारी उम्र 25 वर्ष पता M11 ओल्ड आदर्श नगर कसारीडीह कोतवाली दुर्ग
(2) नौशाद अंसारी पिता शहाबुद्दीन अंसारी उम्र 25 वर्ष पता मकान नंबर 39/331 गणेश नगर चुहियापारा बिलासपुर को गिरफ्तार किया गया है।
केश 6 प्रार्थी निकिता पवार ने ऑनलाइन क्रिप्टोकरेंसी के नाम से उनसे 21 लाख रुपए की ठगी होने की रिपोर्ट रेंज साइबर थाना में अपराध क्रमांक 12/24 धारा 318(4), 3(5) बीएनएस दर्ज कराई थी। प्रकरण में तीन आरोपी
(1) रविंदर सिंह चावला पिता ज्ञानसिंह चावला उम्र 53 वर्ष पंजाबी कॉलोनी महासमुंद
(2) दीपक टीलवानी पिता सुदामा लाल टीलवानी उम्र 31 वर्ष महावीर नगर न्यू राजेंद्र नगर रायपुर
(3) तरुण उर्फ रौनक नचरानी पिता राजेश नचरानी उम्र 24 वर्ष आनंद नगर तेलीबांधा
को गिरफ्तार किया गया है। अन्य प्रकरणों में भी आरोपियों की म्यूल अकाउंट की संलिप्तता पाई गई है। पूर्व में 1 आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार सभी आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा पर जेल भेजा गया है
साइबर अपराध पर रोकथाम के लिए ध्यान देने योग्य बातें।
- अगर आपको इस बारे में कॉल किया जाता है कि TRAI आपका फ़ोन डिस्कनेक्ट करने जा रहा है, तो जवाब न दें। यह एक घोटाला है।
- अगर FedEx, DHL, BlueDart आदि कोई कुरियर आपको किसी पैकेज के बारे में कॉल करता है और 1 या 9 या कुछ और नंबर दबाने के लिए कहता है, तो जवाब न दें। यह एक घोटाला है।
- अगर कोई पुलिस अधिकारी आपको कॉल करता है और आपसे आधार के बारे में बात करता है, तो जवाब न दें। यह एक घोटाला है।
- अगर वे आपको बताते हैं कि आप ‘डिजिटल गिरफ़्तारी’ में हैं, तो जवाब न दें। यह एक घोटाला है
- अगर वे आपको बताते हैं कि आपके लिए या आपके द्वारा भेजे गए किसी पैकेज में ड्रग्स पाए गए हैं, तो जवाब न दें। यह एक घोटाला है।
- अगर वे कहते हैं कि आप किसी को नहीं बता सकते, तो उनकी बात न सुनें । आप तुरन्त 1930 पर साइबर क्राइम पुलिस को सूचित करें।
- अगर वे आपसे WhatsApp या SMS के ज़रिए संपर्क करते हैं, तो जवाब न दें। यह एक घोटाला है।
- अगर कोई आपको कॉल करके कहता है कि उसने गलती से आपके UPI आईडी पर पैसे भेज दिए हैं और वह सिर्फ अपना पैसा वापस चाहता है, तो जवाब न दें । यह एक घोटाला है।
- अगर कोई कहता है कि वह आपकी कार या आपकी वॉशिंग मशीन या आपका सोफा खरीदना चाहता है और कहता है कि वह सेना या CRPF से है और आपको अपना आईडी कार्ड दिखाता है, तो जवाब न दें । यह एक घोटाला है।
- अगर कोई कहता है कि वह स्विगी या ज़ोमैटो से कॉल कर रहा है और उसे 1 या कुछ और नंबर दबाकर अपने पते की पुष्टि करने की आवश्यकता है, तो जवाब न दें। यह एक घोटाला है ।
- अगर कोई आपसे ऑर्डर या राइड या जो भी रद्द करने के लिए ओटीपी साझा करने के लिए कहते हैं, तो जवाब न दें। यह एक घोटाला है । किसी भी स्थिति में, अपना ओटीपी फोन पर किसी के साथ साझा न करें ।
- कभी भी वीडियो मोड पर किसी कॉल का जवाब न दें, ऑफ़लाइन सत्यापित करें ।
- हमेशा जाँच करें कि क्या आपके पास आए पत्र अधिकृत सरकारी पोर्टल से हैं।
डिजिटल सुरक्षा के मामले में, अपना पता, स्थान, फ़ोन, आधार, पैन, जन्मतिथि, बैंक खाता नंबर या कोई भी व्यक्तिगत विवरण किसी के साथ फ़ोन या संदेशों पर साझा न करें ।
वास्तव में, कॉल पर अपना नाम भी स्वीकार करने से मना करें। उनसे कहें चूँकि उन्होंने आपको कॉल किया है, इसलिए उन्हें आपका नाम, नंबर और जो भी विवरण वे चाहते हैं कि वे ‘पुष्टि’ करें और पता होना चाहिए।
भले ही उनके पास आपका विवरण हो, लेकिन पुष्टि या अस्वीकार न करें या किसी भी बातचीत में न उलझें। बस काल डिस्कनेक्ट करें और ब्लॉक करें।
इनमें से प्रत्येक मामले में और इसी तरह के अन्य मामलों में, खुद को सुरक्षित रखने की प्रक्रिया सरल है
कॉल काटें, नंबर नोट करें और ब्लॉक करें। कॉल के दौरान कोई भी नंबर न दबाएँ, उनकी बात न सुनें। याद रखें अगर वे आप पर दबाव डाल रहे हैं, आपको डरा रहे हैं या आपको तुरंत कार्यवाही करने या जवाब देने के लिए मजबूर कर रहे हैं, तो यह एक घोटाला है।
साइबर जालसाज आपको फंसाने और ठगने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। उपरोक्त सभी के बावजूद, यदि आप फंस जाते हैं तो बिना किसी हिचकिचाहट के स्थानीय साइबर पुलिस को 1930 पर रिपोर्ट करें, थाना में FIR दर्ज कराएं ।