चिकित्सा शिक्षकों के ताल पर जमकर थिरके छात्र, नवप्रवेशित छात्रों का संगीतमत स्वागत

चिकित्सा शिक्षकों के ताल पर जमकर थिरके छात्र, नवप्रवेशित छात्रों का संगीतमत स्वागत

रायपुर (अमर छत्तीसगढ) 9 दिसम्बर। पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए एम.बी. बी.एस. में नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिये औपचारिक “व्हाईट कोट सेरेमनी” के बाद संगीतमय स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया गया।

महाविद्यालय परिसर में स्थित अटल बिहारी बाजपेयी सभागार में ढाई घंटे तक चले इस कार्यकम में वरिष्ठ चिकित्सा शिक्षकों ने अपने संगीतमय हुनर का प्रदर्शन किया। साथ ही एम.बी.बी.एस. प्रथम वर्ष में नवप्रवेशित विद्यार्थियों ने भी एकल व समूह गान प्रस्तुत किये।

“मधुबन खुशबु देता है, सागर सावन देता है” जैसे प्रेरक समूह गीत के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ अधिष्ठाता, डॉ. विवेक चौधरी की उपस्थिति मे किया गया।

तत्पश्चात एकल गीतों की कड़ी में डॉ. देवप्रिय रथ का “आरंभ है प्रचंड, डॉ. अरविन्द नेरल का “प्यार दिवाना होता है, डॉ. वर्षा मुंगुटवार “बाबू जी जरा धीरे चलना, डॉ. आर.एल. खरे -“सुनो न संगमरमर”, डॉ. विभा पात्रे “ओ मेरे सोना रे सोना, डॉ. आकाश लालवानी “सांसों की जरूरत है जैसे, डॉ. संतोष सोनकर “मैं हूं डॉन”, डॉ. पीयूष भार्गव “सोचेंगे तुम्हें प्यार करें कि नहीं”, डॉ. मान्या ठाकुर “मोह-मोह के धागे” और डॉ. कुशल चक्रवर्ती – “बेसब्रियां”, प्रस्तुतियां काफी सराही गईं। युगल गीत “इत्ती सी हंसी” डॉ. मान्या ठाकुर और डॉ. आकाश लालवानी, “दिवाना हुआ बादल” डॉ. अरविन्द नेरल और डॉ वर्षा मुंगुटवार ने प्रस्तुत किये।

जब चिकित्सा शिक्षकों ने “बदन पे सितारे लपेटे हुए” और “आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे” जैसे गाने समूह गीत के रूप में पेश किये तो शिक्षकों के साथ-साथ विद्यार्थियों ने जमकर नृत्य और मस्ती किये।

विद्यार्थियों की ओर से पारूल साहू, शीतल एक्का, समीप कुजुर, प्रियांश राज, और प्रिया कुमारी ने एकल गायन प्रस्तुत किया। डॉ. अरविन्द नेरल के नेतृत्व में आयोजित इस मनोरंजक कार्यकम का संचालन डॉ. पीयूष भार्गव ने किया।

अधिष्ठाता एवं अधीक्षक के अलावा डॉ. देवप्रिय लकड़ा, डॉ. मंजू सिंह, डॉ. ओंकार खण्डवाल, डॉ. सुमीत त्रिपाठी, डॉ. जागृति अग्रवाल, डॉ. पी. के. खोडियार, डॉ. निकिता शेरवानी, डॉ. राबिया परवीन सिद्दीकी, डॉ. उषा जोशी, डॉ. हंसा बंजारा, डॉ. जया लालवानी, डॉ. के.के. साहू, डॉ. विवेक पात्रे, डॉ. आर. के पांडा और अन्य चिकित्सा शिक्षक उपस्थित थे।

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