त्रिदिवसीय 161 वाॅ मर्यादा -महोत्सव का शुभारंभ… तेरापंथ धर्मसंघ में सेवा का है अद्भुत इतिहास- मुनि रमेश कुमार

त्रिदिवसीय 161 वाॅ मर्यादा -महोत्सव का शुभारंभ… तेरापंथ धर्मसंघ में सेवा का है अद्भुत इतिहास- मुनि रमेश कुमार


सिलीगुड़ी- प.बंगाल (अमर छत्तीसगढ) 2 फरवरी।

निर्जरा का महान उपक्रम सेवा पर विशेष प्रवचन

तेरापंथ सभा द्वारा विशिष्ट सेवा देने वालों का सम्मान

आचार्य श्री महाश्रमण के प्रबुद्ध सुशिष्य मुनिश्री रमेश कुमार जी के पावन सान्निध्य में आज तेरापंथ धर्म संघ का त्रिदिवसीय 161 वाॅ मर्यादा-महोत्सव का शुभारंभ सोमानी मील स्थित तेरापंथ भवन में हुआ।

निर्जरा का महान् उपक्रम सेवा विषय पर प्रवचन करते हुए मुनि रमेश कुमार जी ने कहा-
सेवा-धर्म हमारे जीवन का अंग बनें यह अपेक्षित है।सेवा धर्म ही अध्यात्म का प्रतिफल है। परमार्थ पथ पर अग्रसर होने वाले को सेवा-धर्म अपनाना होता है। जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंध में सेवा का सर्वोत्कृष्ट महत्व है। इस धर्म संघ में सेवाभावी साधु -साध्वियों को आचार्य सम्मान देते हैं। धर्म संघ के साधु साध्वियां निर्जरा की भावना से सेवा करते है।ऐसी निस्वार्थ भाव से सेवा करने का यहां अद्भुत इतिहास है।

मुनि रत्न कुमार जी ने अपने संयोजकीय वक्तव्य में कहा – सेवा के अनेक प्रकार होते हैं। सेवा के गुणों को समझे एवं निस्वार्थ भाव से होनी चाहिए। तेरापंथ धर्मसंघ की सेवा से अपनी अलग पहचान बनाई है। आज के दिन परम पूज्य गुरुदेव सबसे पहले सेवा केन्द्रों में से आ की नियुक्ती कराते हैं।

इससे पूर्व मुनि रमेश कुमार जी ने नमस्कार महामंत्रोच्चारण से हुआ। सामूहिक जय घोष लगाये गये। “भिखण जी स्वामी भारी मर्यादा बांधी संघ में” गीत का सामूहिक संगान किया गया। तेरापंथ सभा सिलीगुडी के अध्यक्ष किसनलाल आंचलिया ने समाज की ओर से आज विशेष रुप से आमंत्रित कुछ सेवाभावी डाक्टर व चारित्रात्माओं के विहार में स्थान प्रदान करने वालो को तेरापंथ सभा की ओर स्वागत किया। ज्ञानशाला प्रशिक्षिका लीला देवी बोथरा ने ज्ञानशाला के संदर्भ में विचार व्यक्त किये।


तेरापंथ सभा ने सामूहिक सेवा-गीत का संगान किया गया। उत्तर बंगाल-सिक्किम स्तरीय तेरापंथ सभा के अध्यक्ष सुरेंद्र जी छाजेङ ने सम्मान प्राप्त करने वालों का परिचय दिया। ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने मर्यादा गीत के माध्यम से सुन्दर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम संयोजक संदीप श्यामसुखा ने आभार ज्ञापित किया।

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