बीजापुर(अमर छत्तीसगढ) 23 फरवरी। नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के पूवर्ती गांव में ऐतिहासिक मतदान देखा गया। यह गांव जो खूंखार नक्सली नेता हिड़मा का पैतृक स्थान है आजादी के बाद पहली बार चुनाव में भाग ले रहा है। इस चुनाव के दौरान ग्रामीणों में उत्साह और आशा का माहौल देखा गया क्योंकि वे पहली बार अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का उपयोग करने में सक्षम हो सके हैं।
सुकमा जिले का यह इलाका वर्षों से नक्सलवाद से प्रभावित रहा है और यहां के निवासी कई बार नक्सलियों के आतंक के कारण चुनावों से दूर रहे हैं। लेकिन अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा के नेतृत्व में पुलिस और प्रशासन ने लगातार प्रयासों से इलाके की स्थिति को बदलने में सफलता हासिल की है। पिछले कुछ वर्षों में यहां सुरक्षाबलों और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों ने नक्सलियों के प्रभाव को कम किया है, जिससे ग्रामीणों में अब बदलाव की लहर महसूस हो रही है।
पूवर्ती गांव में यह चुनाव ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि यह गांव अब तक किसी भी चुनाव का हिस्सा नहीं रहा था। हिड़मा जैसे कुख्यात नक्सली नेता का घर होने के बावजूद इस गांव के लोग आजादी के बाद पहली बार अपने मताधिकार का उपयोग कर रहे हैं। उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा के विशेष प्रयासों से इस बार मतदान में भाग लेने के लिए गांववासियों का उत्साह देखा गया, जो पहले किसी भी प्रकार के चुनावों से दूर रहे थे।