राजनांदगांव(अमर छत्तीसगढ) 25 मार्च।छत्तीसगढ़ प्रगतिशील लेखक संघ इकाई राजनांदगांव के तत्वावधान में शहीदे आजम भगत सिंह के शहादत दिवस के की स्मृति में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
उक्त आशय की जानकारी देते हुए प्रलेस राजनांदगांव इकाई के सचिव पोषण वर्मा ने बताया की गोष्ठी के प्रारंभ में मुकेश रामटेके ने कहा कि भगतसिंह ने जिस उम्र में आजादी के लिए क्रांति किया वो महान साहसिक कदम है जिसकी तुलना नहीं की जा सकती। आज उस उम्र के नौजवानों में वैसी चेतना नहीं दिखती। इसके पश्चात मुन्ना बाबू ने भगत सिंह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगत सिंह एक महान क्रांतिकारी होने के साथ महान विचारक और लेखक थे। उनका दिया नारा और उनका बलिदान हमेशा अमर रहेगा।
श्रीकेश शर्मा ने भगत सिंह की शहादत को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित किया।इस अवसर पर प्रो. थानसिंह वर्मा ने कहा कि भगत सिंह को वैचारिक क्रांति की चेतना उनके परिवार से प्राप्त हुई थी। कम उम्र में ही भगत सिंह ने लेनिन, मार्क्स और दुनिया भर में हुई क्रांति के विचारों को पढ़ चुके थे । वे साम्राज्यवाद और शोषण के खिलाफ थे।
आजादी के लिए उन्होंने हिंदुस्तान क्रांतिकारी नाम से संगठन तैयार किया था। वे आजादी के बाद के भारत की संकल्पना के बारे में सोचते थे ।वे चाहते थे कि भारत अंधविश्वास और रूढ़िवादी विचारों से मुक्त होकर समता मूलक वैज्ञानिक चेतना से भरा हुआ देश हो जहां सभी पंथ ,समुदाय के लोग परस्पर मिलकर रहें।
वेअंग्रेजों के फूट डालो और राज करो के सिद्धांत को बखूबी समझते थे।भगत सिंह ने अपने जीवन में छः सौ से अधिक किताबें पढ़ीं। इतने कम समय में इतना काम करने वाला ऐसा कोई चिंतक नहीं मिलेगा। उनके विचारों और आदर्शों की जरूरत आज भी है। इकाई के सचिव पोषण लाल वर्मा ने कहा कि भगत सिंह मात्र तेईस वर्ष की उम्र में देश की आजादी के लिए शहीद हो गए।
उस घटना के बाद नौजवानों में क्रांति की चिंगारी फूट पड़ी और वे समूचे भारत में क्रांति- अग्रदूत और नायक बन गए। आज उनके शहादत दिवस पर उन्हें और उनके विचारों को याद करना गर्व की बात है।अंत में प्रभात तिवारी ने कहा कि आज के युवाओं में उनके जैसी झलक बहुत कम ही देखने को मिलती है ।आज भगत सिंह जैसे सब कुछ कुर्बान करने वाले लोग नहीं मिलते।आज लोग सच बोलने से कतराते हैं। नौजवानों में उनके विचार पल्लवित करने की आवश्यकता है। गोष्ठी में हरेंद्र कंवर, आलोक पंसारी , अजय सिंह तथा धनेश उपस्थित रहे।अंत में कार्तिक साहू नेआभार प्रदर्शन किया।