प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहृदयता, मुस्लिम परिवारों को सहायता किट का वितरण… भाईचारा, सामाजिक समरसता को मजबूत बनाने की दिशा में पहल – साहित्यकार डॉ रौनक जमाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहृदयता, मुस्लिम परिवारों को सहायता किट का वितरण… भाईचारा, सामाजिक समरसता को मजबूत बनाने की दिशा में पहल – साहित्यकार डॉ रौनक जमाल

राजनांदगांव (अमर छत्तीसगढ) 27 मार्च। छत्तीसगढ़ के अंतरराष्ट्रीय साहित्यकार एमजेएफ लायन डॉक्टर रौनक जमाल ने वार्ता यू एन आई से आज राजनांदगांव में चर्चा में कहा की देश को आज़ाद हुए 76 वर्ष हो चुके हैं। इस दौरान कई प्रधानमंत्रियों ने बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन आम जनता का यह अनुभव रहा कि उनके वादों को पूरा करने की दिशा में ठोस प्रयास कम ही हुए। इसी कारण, जनता का राजनेताओं पर से विश्वास धीरे-धीरे कम होता गया।

भारत के राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस को सबसे अधिक समय तक शासन करने का अवसर मिला। इस दौरान, चुनावी रणनीतियों के तहत विभिन्न समुदायों को आकर्षित करने के लिए अनेक वादे किए गए। विशेष रूप से, मुसलमानों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए कई योजनाओं की घोषणाएँ की गईं, लेकिन ज़मीनी हकीकत अपेक्षाओं से अलग रही। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट इस बात का प्रमाण बनी कि वर्षों के शासन के बावजूद मुसलमानों की स्थिति में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ।

राजनीतिक परिस्थितियाँ बदलीं, और समय के साथ मुसलमानों ने कांग्रेस से दूरी बना ली। इसके बाद, प्रांतीय दलों का उभरना शुरू हुआ, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व के अभाव में एक संगठित शक्ति बनने में कठिनाइयाँ बनी रहीं।

प्रधानमंत्री मोदी और नया दृष्टिकोण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “सबका साथ, सबका विकास” का नारा देकर सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की प्रतिबद्धता जताई। इस नारे से समाज के प्रत्येक वर्ग, विशेष रूप से मुसलमानों को भी एक नई आशा मिली। हाल ही में, मोदी सरकार द्वारा ईद के अवसर पर तीन मिलियन जरूरतमंद मुस्लिम परिवारों को सहायता किट देने की घोषणा एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में सामने आई है। यह कदम भाईचारे और सामाजिक समरसता को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगा।

प्रधानमंत्री मोदी की राजनीति और रणनीतियाँ हमेशा चौंकाने वाली रही हैं। पिछले ग्यारह वर्षों में उन्होंने अपने निर्णयों से न केवल देश, बल्कि विश्व को भी प्रभावित किया है। एक सशक्त राष्ट्र निर्माण के लिए समावेशी राजनीति आवश्यक है, और यदि लोकसभा चुनावों में मुसलमानों को प्रतिनिधित्व दिया जाता है, तो इससे सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता को और अधिक बल मिलेगा।

भविष्य की राह

आज, जब देश विकास की राह पर अग्रसर है, तब यह आवश्यक हो जाता है कि प्रत्येक वर्ग को समान अवसर मिले। यदि सरकार सभी समुदायों को समान रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ाती है, तो इससे न केवल राजनीतिक संतुलन बनेगा, बल्कि भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब को भी मजबूती मिलेगी।

देश के विकास और सामाजिक सौहार्द्र को बनाए रखने के लिए सभी को साथ लेकर चलना आवश्यक है। “सबका साथ, सबका विकास” केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक विचारधारा है, जो भारत को एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र बनाने की दिशा में मार्ग प्रशस्त कर सकती है।

उर्दू हिंदी भाषी अंतरराष्ट्रीय साहित्यकार एमजेएफ लायन डॉक्टर रौनक जमाल है।

उल्लेखनीय है कि साहित्यकार डॉ रौनक जमाल राजनांदगांव निवासी वरिष्ठ समाज से युवक प्रदेश के प्रमुख उद्योगपति बहादुर अली के जीजा है डॉक्टर रौनक जमाल जो की दुर्ग निवासी है एवं साहित्य के क्षेत्र में वर्षों से सक्रिय है इन्होंने बड़ी संख्या में किताबें भी उर्दू में लिखी है जो की उर्दू स्कूलों में भी कुछ पढ़ने में आती है ।

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