फौजी के परिवार से पुलिस ने ली 1 लाख की रिश्वत : बैल खरीदने गए परिवार को डराया, रात भर थाने में रखा बंद, पैसे लेने के बाद छोड़ा

फौजी के परिवार से पुलिस ने ली 1 लाख की रिश्वत : बैल खरीदने गए परिवार को डराया, रात भर थाने में रखा बंद, पैसे लेने के बाद छोड़ा

मोहला(अमर छत्तीसगढ) 3 मई। छत्तीसगढ़ के मोहला- मानपुर, अंबागढ़- चौकी जिले के चिल्हाटी थाने मे बीते दिन अवैध शराब बिक्री के लिए संरक्षण देने के नाम पर थाना घेराव होने के बाद, चिल्हाटी थाना अब रिश्वत कांड के गंभीर आरोपों में घिर गया है। मामला दो किसानी बैल के परिवहन से जुड़ा हुआ है। जहां पुलिस के चंगुल में फंसने के बाद उन्हें रात भर थाने में कैद रहने के साथ साथ बैल, पिकप वाहन, और परिवहन मे सामिल 5 लोगों को छोड़ने के बदलें लाखों की अवैध वसूली करनें के संगीन आरोप लगाया गया है।

उल्लेखनीय है कि, 20 अप्रैल को कारगिल युद्ध लड़े गढ़चिरौली जिले के कोरची तहसील के ग्राम खुनारा निवासी रिटायर्ड फौजी का परिवार अंबागढ़ चौकी विकासखंड के ग्राम पंचायत भडसेना के आश्रित ग्राम कोलियाटोला निवासी किसान रामकुमार सलामे पिता सुकुल सिंह सलामे उम्र 56 वर्ष से किसानी के लिए एक जोड़ी बैल खरीदा। पीड़ितों ने बताया कि, 20 अप्रैल को वे लोग चिल्हाटी थाना क्षेत्र के निवासी देवदास साहू पिता गैदलाल साहू उम्र 21 के पीकप वाहन मे बैल डालकर महाराष्ट्र अपने घर ले जा रहे थे। तभी रास्ते में चिल्हाटी थाना के सामने आबकारी चेक पोस्ट में पीकप वाहन को मवेशी तस्करी के आशंका में रुकवाते हुए थाने के भीतर खड़ा कराया गया। पूरी रात बैल, पीकप वाहन तथा परिवहन करने वाले पांच लोगों को थाना में रात भर कैद कर रखा गया. सुबह थाने में मुंह मांगी रकम देने के बाद बैल, पिकअप वाहन एवं बैल को ले जाने वाले लोगों को पुलिस ने छोड़ा। बैल खरीदार- बैल बेचने वाले तथा पिकअप वाहन संचालक को कानूनी धाराओं का खौफ दिखाकर थाने मे पूरी रात हलाकान किया गया। वहीं एक लाख से ऊपर रिश्वत लेकर उन्हें सुबह छोड़ दिया गया।

महाराष्ट्र के खुनारा निवासी रिटायर्ड फौजी का परिवार रिटायरमेंट के बाद गांव में खेती किसानी का काम करता है फौजी चतुर सिंदराम का बडा भाई मथुर सिदराम बैल खरीदने महाराष्ट्र से अंबागढ़ चौकी विकासखंड पहुंचा था वापसी बैल ले जाने के दौरान चिल्हाटी थाने के चंगुल में फस गया पूरी रात थाने में पुलिस कैद मे रहनें के दौरान 21 अप्रैल पहट को मां की मौत हो गई , मां की अर्थी उठने से पहले चिल्हाटी थाने को रुपय देने वह अपने गांव महाराष्ट्र पहुंचा गांव मे लोगो से पैसा जुटाकर फिर वापस चिल्हाटी थाने पहुंचकर रिश्वत की राशि दी तब बैल ,गाडी, खुद व साथी पुलिस थाने के चंगुल से छूट पाए उसके बाद दोपहर को मां के अंतिम संस्कार में वह किसी तरह शामिल हो पाया।

पीड़ितों ने बताया कि मवेशी तस्करी के नाम पर पांच लोगों को रात भर भूखे प्यासे थाने में बैठाकर रखे रहे सुबह जब थाना प्रभारी रविशंकर डहरिया के समक्ष एक लाख पन्द्रह हजार रुपए पेश हुआ तब कहीं जाकर वे लोग थानें के सिकजे से बहार निकल पाये।

मामले मे जहां महाराष्ट्र निवासी फौजी के परिवार से रुपए पुलिसिया प्रकरण से बचने के नाम पर ऐंठे गए। वहीं बैल मालिक किसान भडसेना कोलिया टोला निवासी रामकुमार सलामे पिता सुकल सिंह सलामे उम्र 56 वर्ष से बैल का सौदे की रकम 34500 को भी पुलिस ने थाने में मंगवा कर ले लिया।

इस प्रकरण को प्रकाश मे लाने पीड़ित पक्ष जिले के पत्रकारों से संपर्क कर 3 मई को पुलिस के शीर्ष अफसरो को शिकायत कर 11 बजे पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस अंबागढ़ चौकी में प्रेस वार्ता सुनिश्चित किया हुआ था परंतु थाना प्रभारी रवि शंकर डहरिया को इसकी भनक लग गई मामला उजागर होने से पहले थाना प्रभारी व अन्य थाना स्टाफ 2 मई को शाम 5 बजे के लगभग महाराष्ट्र गढ़चिरौली जिले के अति संवेदनशील इलाके में प्रवेश कर फौजी और उसके परिवार के समक्ष हाथ पैर जोड़ते हुए माफी मांग कर रिश्वत की रकम लौटाया। इसके साथ ही चिल्हाटी थाना पीड़ितों पर मामले में चुप रहने का दबाव बना रहा है।

इस मामले में पक्ष रखने चिल्हटी थाना प्रभारी रवि शंकर डहरिया से फोन पर संपर्क करने की बेहद कोशिश की गई परंतु वह फोन नहीं उठा रहे है।

Chhattisgarh