स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही : सरकारी दवाइयों की खुले में मिली खेप, 3 कर्मचारियों को किया गया सस्पेंड

स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही : सरकारी दवाइयों की खुले में मिली खेप, 3 कर्मचारियों को किया गया सस्पेंड

बैकुंठपुर(अमर छत्तीसगढ) 19 मई। जिले के स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही उजागर हुई है, जहां बिना एक्सपायरी हुए सरकारी दवाइयों की एक बड़ी खेप खुले में फेंकी हुई मिली। यह घटना सामने आते ही क्षेत्र में हड़कंप मच गया था और स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर सवाल उठने लगे थे।

मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से तीन स्वास्थ्यकर्मियों को निलंबित कर दिया है। कोरिया कलेक्टर चंदन त्रिपाठी के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रशांत सिंह ने जांच टीम गठित कर बैकुंठपुर स्थित नुरुल हुडा मैरिज गार्डन के पीछे फेंकी गई दवाओं की जांच की गई।

प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि, फेंकी गई दवाइयों के बैच नंबर, निर्माण व समाप्ति तिथि तथा निर्माता कंपनियां, जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर के स्टोर व ओपीडी फार्मेसी में सप्लाई की गई दवाइयों से मेल खा रही हैं।

जांच दल को संबंधित स्टोर व ओपीडी फार्मेसी में इन दवाइयों का स्टॉक शून्य मिला। साथ ही वितरण से संबंधित कोई वैध रजिस्टर या विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया।

प्रशासन ने इस गंभीर मामले की आपराधिक जांच के लिए पुलिस अधीक्षक कोरिया को पत्र जारी कर एफआईआर दर्ज करने व विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। नाले के पास फेंकी गई अन्य दवाइयों के स्त्रोत व संलिप्त व्यक्तियों की पहचान के लिए पुलिस जांच जारी है।

प्रथम दृष्टया लापरवाही के दोषी पाए जाने पर जिला अस्पताल बैकुंठपुर के तीन कर्मचारियों शोभा गुप्ता प्रभारी स्टोर कीपर, जितेन्द्र जायसवाल फार्मासिस्ट ग्रेड-02 तथा छत्रपाल सिंह फार्मासिस्ट को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है तथा इन पर छग सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के नियम 9 के अंतर्गत कार्रवाई की गई है।

कलेक्टर ने मामले को गंभीर मानते हुए तीन कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर पुलिस जांच के आदेश जारी किए हैं। साथ ही यह स्पष्ट किया है कि जो भी अधिकारी या कर्मचारी इस मामले में दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकारी दवाएं जनता की सेवा के लिए होती हैं न कि उन्हें इस तरह बर्बाद कर दिया जाए। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस तरह की लापरवाहियों को रोकने के लिए सख्त व्यवस्था बनाई जाए।

Chhattisgarh