स्वदेशी जागरण मंच के द्वारा एक परिचर्चा कूटनीतिक वैश्वीकरण भारत की सुरक्षा के लिए घातक…. कूटनीतिक वैश्वीकरण भारत की सुरक्षा के लिए घातक, वैश्वीकरण से राष्ट्रहित की प्राथमिकता कमजोर होती है

स्वदेशी जागरण मंच के द्वारा एक परिचर्चा कूटनीतिक वैश्वीकरण भारत की सुरक्षा के लिए घातक…. कूटनीतिक वैश्वीकरण भारत की सुरक्षा के लिए घातक, वैश्वीकरण से राष्ट्रहित की प्राथमिकता कमजोर होती है

राजनांदगांव (अमर छत्तीसगढ) 21 मई। स्वदेशी जागरण मंच के द्वारा पुराने विश्राम गृह में एक परिचर्चा कूटनीतिक वैश्वीकरण भारत की सुरक्षा के लिए घातक विषय पर शहर के बुद्धिजीवी एवं प्रबुद्ध जनों की गरिमामय में उपस्थिति में संपन्न हुआ स्वदेशी जागरण मंच के जिला संयोजक राजकुमार शर्मा ने उक्त परिचर्चा को अति महत्वपूर्ण बताते हुए उपस्थित जनों का भारत माता की जय घोष के साथ स्वागत किया ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. डी.सी. जैन ने राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर इस परिचर्चा को अति महत्वपूर्ण बताते हुए आयोजन के लिए स्वदेशी मंच की प्रशंसा की और कहा कि स्वदेशी मंच राष्ट्रीयता को लेकर सदैव चिंतनशील है । देश में इस प्रकार के कार्यों से अर्थव्यवस्था को संबल मिलता है । पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष मेजर राजेश शर्मा ने कहा कि युद्ध के अनुभव से हमें सीख लेनी चाहिए ।

विश्व में कई देशों के मध्य युद्ध चल रहा है । हमारे देश ने भी तीन युद्ध लड़ा है , इन युद्धों में हम सक्रिय रूप से शामिल रहे और जिसका विशाल अनुभव हमारे साथ है । आज देश में स्वदेशी तकनीक से चलने वाले स्वदेशी मिसाइल आकाश व ब्रह्मोस ने पूरे विश्व को अचंभित कर दिया है, जिसके विक्रय से देश की आर्थिक व्यवस्था मजबूत होगी ।

उन्होंने यह भी कहा कि देश की सुरक्षा के लिए वह सदैव तैयार है । हमें विदेशी वस्तुओं के प्रति अपना मोह त्याग कर आत्मनिर्भरता का संकल्प लेकर कार्य करना चाहिए । सैनिकों के प्रति सम्मानजनक व न्याय पूर्ण समझ हमें रखनी चाहिए । राष्ट्रहित में कार्य करने वालो से सबूत नही मांगना चाहिए।


प्रमुख वक्ता राष्ट्रीय सदस्य अमलेंदु हाजरा ने विषय पर विस्तार से कूटनीति वैश्वीकरण के शब्दों को विस्तार से बताया तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गठित कुछ प्रमुख संस्थायें डब्ल्यू.टी.ओ. (वल्र्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन), डब्ल्यू.एच.ओ. (वल्र्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन) और यू.एन.ओ. (संयुक्त राष्ट्र संघ)की गतिविधियों को रेखांकित किया ।

वैश्वीकरण के इस युग में इन संस्थाओं में किए गए संधियों से राष्ट्रहित की प्राथमिकता कमजोर हुई है, स्वदेशी उद्योगों एवं व्यापार को आघात पहुंचा है।

उन्होंने यह भी बताया कि दो देशों के मध्य हुई संधि का यदि कोई देश उल्लंघन करता है तो उसे दंड देने की कोई व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र संघ के पास नहीं है इसलिए माननीय प्रधानमंत्री जी को कहना पड़ा कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकता ।

श्री हाजरा ने यह भी कहा कि भारत का पासपोर्ट अधिनियम कमजोर है जिस पर पुनर्विचार करना अति आवश्यक है देश के प्रत्येक नागरिक को शत्रु राष्ट्र का बोध होना चाहिए और शत्रु राष्ट्र के द्वारा हमारे देश में किये जा रहे व्यापार एवं विभिन्न संगठनों के माध्यम से होने वाले कार्य की जानकारी भी हमें होनी चाहिए ।

किसी भी राष्ट्र की अर्थशक्ति कमजोर होने से देश की सैन्य शक्ति कमजोर होती है । आज विश्व स्तर पर भारत चौथी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी पहचान बना चुका है , इसे हमें खोना नहीं है।
प्रोफेसर केके द्विवेदी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक वह व्यक्ति जो राष्ट्र हित में सामाजिक हितों की रक्षा के लिए सकारात्मक कार्य करता है, वह भी सच्चा सैनिक है ।

आत्मरक्षा की भी शिक्षा का पाठ्यक्रम हमें शिक्षा प्रणाली में शामिल करना चाहिए । वर्तमान में नौकरी और पद की लालसा के लिए शिक्षा का प्रयोग हो रहा है , जिसका वास्तविक जीवन से कोई सरोकार नहीं है । शिक्षा केवल डिग्री संग्रह तक सीमित है । लोगों को कार्य कुशल बनाने में कोसों दूर है ।

अकुशल लोग किसी राष्ट्र को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में सक्षम नहीं है। हेमंत तिवारी ने कहा कि विषम परिस्थितियों में समर्थ लोगों को कमजोर निशक्त व कमजोर लोगों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए ।

डॉक्टर संजीव जैन ने कहा कि विभिन्न प्रकार के रोग भी एक प्रकार से युद्ध हैं । पिछले समय हमने करोना वायरस के प्रकोप को देखा, मधुमेह पूरे विश्व में अपनी पकड़ बना चुका है । प्रतिदिन लाखों की संख्या में लोगों की मृत्यु हो रही है और आर्थिक रूप से खूब लूटपाट चल रहा है ।

इस प्रकार के छद्म युद्ध से जनमानस की हानि हो रही है और खूब आर्थिक लूटपाट हो रहा है । इसके लिए हमें समाज को और सतर्क करना पड़ेगा । इस अवसर पर अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किये और अपनी गरिमामयी उपस्थित से अपने राष्ट्र के प्रति दृढ़ इच्छा शक्ति व अपनी भक्ति का परिचय दिया।

सर्वश्री अशोक पांडे (सम्पादक नांदगांव टाईम्स), गिरीश ठक्कर (स्वर्गीय), कचरू प्रसाद शर्मा, हरजीत सिंह भाटिया, मूलचंद भंसाली, श्रीमती आभा श्रीवास्तव, श्रीमती लक्ष्मी तिवारी, राजेश गुप्ता, रमेश कुमार गुप्ता, पंकज सोनी, अनिमेष राय, श्रीमती कांति मौर्य, पंकज गुप्ता (बागेश्वर धाम), उषा गुप्ता, भरत मंडावी आदि उपस्थित रहे ।

कार्यक्रम का सफल संचालन राकेश इंदु भूषण ठाकुर के द्वारा किया गया । इस अवसर पर इस आयोजन की उन्होंने प्रशंसा की । कार्यक्रम के अंत में शैलेंद्र तिवारी द्वारा आभार व्यक्त किया गया ।
उक्त जानकारी राजकुमार शर्मा (जिला संयोजक स्वदेशी जागरण मंच) द्वारा दी गई ।

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