नगरी(अमर छत्तीसगढ़) 22 मई। सीतानदी उदंती टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वन परिक्षेत्र रिसगांव में पदस्थ एक महिला दैनिक वेतनभोगी श्रमिक ने वहां के रेंजर पर गंभीर आरोप लगाते हुए सुशासन समाधान शिविर में न्याय की गुहार लगाई है। पीड़िता ने शिकायत में कहा है कि रेंजर कार्यालयीन कार्यों के अलावा उससे निजी घरेलू काम, जैसे कपड़े धुलवाना, खाना बनवाना और बर्तन साफ करवाना, जबरन करवाता है।
महिला का आरोप है कि कपड़े धोने के लिए दिए जाने वाले वस्त्रों में आपत्तिजनक सामग्री भी होती थी, जिससे वह मानसिक रूप से बहुत परेशान है। उसके मुताबिक जब उसने इन कार्यों से इंकार किया, तो रेंजर ने उसे दो महीने से वेतन नहीं दिया और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया।
पीड़िता ने मामले की शिकायत पहले सिहावा थाने में दर्ज कराई, लेकिन उसका कहना है कि उसकी बातों को पुलिस द्वारा सही तरीके से बयान में दर्ज नहीं किया गया।

इस बात से आहत होकर पीड़िता के समर्थन में यादव समाज के सैकड़ों लोग थाना सिहावा और एसडीओपी कार्यालय नगरी पहुंचे। उन्होंने महिला को न्याय दिलाने की मांग की। इस पर एसडीओपी नगरी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महिला का दोबारा बयान दर्ज करवाया और मामले की जांच के निर्देश दिए।
यह मामला अब पुलिस और प्रशासन के संज्ञान में आ गया है और जांच प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। उधर, जब हमारे प्रतिनिधि ने रेंजर से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क किया, तो उन्होंने महिला द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए उन्हें मनगढ़ंत और झूठा करार दिया। अब देखना होगा कि जांच में सच्चाई क्या सामने आती है और क्या पीड़िता को न्याय मिल पाता है। इस पूरे मामले को लेकर क्षेत्र में चर्चा का माहौल है, वहीं समाज और प्रशासन दोनों की निगाहें निष्पक्ष जांच पर टिकी हैं।