राशन कार्ड में जिंदा हैं हजारों मृतक : विभागीय अनदेखी की वजह से मृतकों के नाम से उठाया जा रहा है राशन

राशन कार्ड में जिंदा हैं हजारों मृतक : विभागीय अनदेखी की वजह से मृतकों के नाम से उठाया जा रहा है राशन

रायपुर(अमर छत्तीसगढ़) 29 मई। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत जारी किए गए राशन कार्डों में पिछले सालभर में दस हजार से अधिक सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है। इनमें कई सदस्यों की मृत्यु हुए एक-दो हफ्ते नहीं, बल्कि कई महीने भी बीत चुके हैं, लेकिन इन मृत सदस्यों के नाम कार्ड से कटवाए नहीं गए हैं।

इस तरह मृत्यु के बाद भी उस कार्ड के अन्य सदस्य मृतक के कोटे का राशन उचित मूल्य की दुकान से हर महीने उठा रहे हैं। खाद्य विभाग ने एक महीने पहले राशन दुकानों का भौतिक सत्यापन किया है। इस सत्यापन के दौरान राशन दुकानों के संचालकों से उनकी दुकानों में पंजीकृत कार्ड धारकों के जीवित और मृत सदस्यों का आंकड़ा सामने आया है। इसके बाद विभाग ने मृत सदस्यों के नाम कटवाने की प्रक्रिया शुरू करा दी है।

खाद्य विभाग ने उचित मूल्य दुकानों के संचालकों को निर्देश दिए थे कि सभी दुकानों में पंजीकृत प्रत्येक कार्ड के कुल सदस्यों में किन-किन सदस्य की मृत्यु हो चुकी है, इसकी जानकारी एकत्र कर विभाग को दें। इस निर्देश के तहत राशन दुकान संचालकों ने पंजीकृत कार्डों के सदस्यों में मृतकों की जानकारी एकत्र की है। इसके तहत सालभर में जिले में 10361 सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है, जिनमें से बहुत कम कार्ड धारकों ने मृत सदस्यों के नाम कार्ड से कटवाए हैं। नाम नहीं कटवाने के कारण मृत सदस्यों के कोटे का राशन भी दुकानों में हर महीने कार्ड धारकों को वितरण किया जा रहा है।

ई-केवाईसी के दौरान ऑटोमैटिक ब्लॉक हुए थे सैकड़ों मृत सदस्यों के नाम
केंद्र सरकार ने राशन दुकानों में सामग्री वितरण में पारदर्शिता बनी रहे तथा किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो, इसे देखते हुए ही ई-केवाईसी सिस्टम शुरू किया है। कोरोनाकाल के दौरान जिले में भी बड़ी संख्या में कई सदस्यों की भी मृत्यु हुई थी, जिनके नाम कार्ड से न ही हटाए गए थे और न ही कार्ड धारक या उनके अन्य सदस्यों ने नाम कटवाने के लिए आवेदन किए थे।

ईकेवाईसी सिस्टम शुरू होने के बाद मृत सदस्यों के नाम भी ऑटोमैटिक ब्लॉक हो गए, क्योंकि केवाईसी के दौरान हितग्राही को खुद को जीवित बताना है। इसके लिए ईपॉस मशीन में अपना आधार अपडेट कराने के दौरान स्वयं हितग्राही को अपना फिंगर या फेस से सत्यापन कराना होता है। इसके बगैर केवाईसी नहीं होता। जितने लोगों ने केवाईसी नहीं कराया, लगभग उन सभी के नाम को ऑनलाइन सिस्टम ने मृत मानकर ब्लॉक कर दिया है। हालांकि जिन मृत सदस्यों का आंकड़ा अभी सामने आया है, उनमें कईयों की मौत ईकेवाईसी कराने के बाद हुई है।

रायपुर खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने बताया कि, भौतिक सत्यापन में जिले में जारी राशन कार्डों में 10 हजार से अधिक सदस्यों की मृत्यु होना पाया गया है। इन सभी मृत सदस्यों के नाम कार्ड से हटाने के निर्देश दिए गए हैं। चालू माहांत तक सभी नाम हटा दिए जाएंगे।

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