डौंडी – महामाया के स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने महामाया माइंस गेट के 100 मीटर पहले सैकड़ों की संख्या में चक्काजाम किया गया जिससे वाहनों की लम्बी कतारे लग गई | महामाया के स्थानीय लोग पिछले 7-8 सालों से रोजगार के सन्दर्भ में प्रशासन को आवेदन दे रहे है किन्तु हर बार उन्हें केवल आश्वासन दिया जाता आ रहा है, निराकरण तो दूर की बात इस ओर कोई सकारात्मक पहल भी नही की जा रही है | इस पर आक्रोशित ग्रामीणों ने शिवसेना महामाया ग्राम अध्यक्ष बलराम निषाद के नेतृत्व में लगभग सैकड़ो ग्रामीण महिला – पुरुष ने महामाया माइंस के मुख्य गेट बाहर चक्काजाम कर दिया ।मौके पर बी एस पी के अधिकारी आकर चक्काजाम कर रहे ग्रामीणों से मांगो के संबंध में चर्चा की गई किन्तु बेरोजगार ग्रामीण अधिकारी की बातों से सहमत नही हुए और पूरे दिन भर माइंस का कार्य बंद रहा आज चक्काजाम का दूसरा दिन है किंतु समस्या का हल नही हो पा रहा है।अधिकारीयों ने कहा कि इस बारे में बीएसपी के उच्च अधिकारी ही निर्णय ले सकते है जो अभी तक धरना स्थल से नदारद है ।स्थल पर प्रमुख रूप से बलराम निषाद,सुभात साहु, संगीत साहू ,नरेश कोषा ,पवन निर्मलकर ,नरेन्द्र साहू, सावन साहू, राजकुमार प्रजापती, राकेश साहू, राजकुमार निर्मलकर ,मनीष कुमार साहू, गोबिन्द्र नारायण दुबे, लालेश्वर निर्मलकर ,देवकरण सोरी, दिनेश कुमार उड्के ,शवथ लावत्र ,कैलास राज ,टिकेश कुमार, काशल मडावी ,गणेश कचलाम सहित अन्य लोग उपस्थित है।
महामाया के बेरोजगार ग्रांमीणो को रोजगार मुहैया कराई जावे। जिस पर प्रशासन ने शिवसेना को अवगत कराया था कि वर्तमान में महामाया खदान में कोई भी पद रिक्त नही है। अपितु संभावित नवम्बर माह 21 में 2.5 एमजी उत्पादन की ई सी क्षमता की प्रक्रिया भारत सरकार एवं राज्य सरकार के साथ प्रारंभ होनी है।उत्पादन का परमिशन मिलने पश्चात उक्त कार्य मे स्थानीय महामाया के बेरोजगारों को योग्यता व प्रशासन के आदेशानुसार प्राथमिकता दी जावेगी। परन्तु आंदोनल कारियों का कहना है कि उन्हें आश्वासन के नाम पर केवल लॉलीपॉप पकड़ाया जा रहा है।
दिन भर बैठे रहे ग्रामीण महिला पुरुष रोजगार की मांग को लेकर
ग्रामीणों ने कहा कि हम सब अपने हक की लड़ाई के लिए चक्काजाम करने बाध्य हो रहे है।
चार साल से लड़ रहे है हक की लड़ाई
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि वे पिछले चार वर्षों से रोजगार दिलाये के नाम पर अपनी लड़ाई लड़ रहे है, इस बीच क्षेत्र के ग्राम सरपंच, जनपद सदस्य, विधायक, सांसद किसी ने भी ग्रामीणों की जायज मांगो पर आकर सकारात्क सुध नही लिया गया। लड़ाई लड़ने बाद भी
बाहरी लोग काम रहे है।
महामाया शिवसेना के बलराम निषाद का कहना है कि दुलकी माइंस में 60 प्रतिशत बाहरी लोगों तथा महामाया माइंस में भी स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार ना देकर प्रबंधन बड़ी छलावा कर रही है। जिसके विरोध में हम सब अनिश्चितकालीन चक्काजाम में बैठे है।अब हमारे पास अपने परिवार का पेट भरने के लिए मजबूरन सड़क पर बैठ कर लड़ाई करनी पड़ रही है।
क्या कहते है शिवसेना के प्रदेश प्रमुख धनंजय सिंह परिहार
इस संबंध में जब शिवसेना के प्रदेश प्रमुख धनंजय सिंह परिहार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पार्टी के बिना अनुमति शिवसेना के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। गौरतलब है की जब महामाया के ग्रामीण जन इसी मामले को लेकर गत नवबंर माह 21 को बीएपी गेट के बाहर शिवसेना के ही बैनर तले डौंडीलोहारा निवासी शिवसेना पदाधिकारी हर्श्वीर कसार के नेतृत्व में महामायाच पर चक्काजाम किया गया। यह व्यक्ति कल के चक्काजाम में भी पूरे समर्थन के साथ डटा रहा। उनका कहना है कि जब उन्होंने पिछले दौर पर चक्काजाम का नेतृत्व किया था उसके बाद शिवसेना पार्टी ने उन्हें पद से ही पदमुक्त कर दिया गया।