कोमाखान(अमर छत्तीसगढ़) ग्राम पंचायत कोमाखान के जनप्रतिनिधियों के द्वारा मनमानी करते हुए ग्राम सभा के प्रस्ताव के विरोध में जाकर रेलवे स्टेशन कोमाखान के माल धक्के को क्लिंकर के परिवहन हेतु अनुमति प्रदान कर दी गई है। कोमाखान रेलवे स्टेशन कोमाखान ग्राम पंचायत के मध्य में स्थित है जिसके चारों ओर ग्रामवासी निवास करते हैं।ग्राम पंचायत कोमाखान के अंतर्गत आने वाले रेलवे स्टेशन से लगे बस्तियों में रहने वाले ग्रामीणों एवं ग्रामवासियों के द्वारा इसका जमकर विरोध किया जा रहा है।
ग्राम वासियों का कहना है के क्लिंकर के परिवहन के कारण रेलवे स्टेशन मालधक्के से लगे बस्तियों में जमकर प्रदूषण होगा और जिसके कारण कि उन्हें बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा,उनका जीवन जीना दूभर हो जाएगा।
क्लिंकर परिवहन के इस कार्य को तत्काल प्रभाव से रोक लगाने हेतु ग्राम पंचायत कोमाखान के अनेक लोगों ने सरपंच,ग्राम पंचायत कोमाखान,मंडल रेल प्रबंधक संबलपुर डिविजन तथा क्षेत्र के विभिन्न अधिकारियों को आवेदन लिखा है।
ग्रामवासियों ने जानकारी देते हुए बताया कि 14 अप्रैल को आयोजित ग्राम सभा में उपस्थित नगरवासियों के द्वारा क्लिंकर परिवहन के अनुमति विषय को लेकर खुलकर विरोध दर्ज किया और एक सिरे से सभी लोगों ने ग्राम पंचायत को क्लिंकर परिवहन हेतु अनुमति नहीं देने हेतु प्रस्ताव पारित किया परंतु ग्राम पंचायत कोमाखान के जनप्रतिनिधियों के द्वारा अलग से एक बैठक करके इस ग्राम सभा के विरोध में जाकर क्लिंकर परिवहन हेतु अनुमति प्रदान कर दी गई है जिससे समस्त ग्राम वासियों के मन में जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश व्याप्त है और इस विषय को लेकर ग्राम पंचायत के लोगों एवं ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधियों के मध्य विरोधाभास की स्थिति नजर आ रही है। ग्रामवासियों द्वारा आशंका व्यक्त की जा रही है की जनता के सेहत से खिलवाड़ करने वाले इस फैसले में ग्राम पंचायत जनप्रतिनिधियों के द्वारा क्लिंकर परिवहन में संलग्न कंपनियों से मोटी रकम घूस के रूप में ली गई है।
ग्रामवासियों ने तत्काल क्लिंकर के परिवहन पर प्रतिबंध ना लगाने की स्थिति में आगामी समय में धरना प्रदर्शन एवं उग्रआंदोलन की चेतावनी दी है।
क्लिंकर परिवहन के अनुमति में तत्काल प्रतिबंध लगाने हेतु कोमाखान के ग्रामवासी नितिन जैन, हिरेन्द्र उपाध्याय, प्रदीप यादव, देवज्ञ चन्द्राकर, गुलजार खान, समीर खान, गोवर्धन सेन, देवा यादव, गोलू,दीपेंद्र धीवर, राकेश ठाकुर,पप्पू सेन, तीजूराम, राजू यादव, पवन, अनेश कुमार, मिलन, उमा सोनी आसाराम,सोनबाई,देवकी बाई,हारोबाई कारो बाई,पिंकी सोनी, संतोषी ठाकुर, तेजन सोनी, रूखमणी खान, रूपई यादव, युधिष्ठर आदि सैकड़ों ग्रामीण आंदोलनरत हैं।