कोरबा (अमर छत्तीसगढ़) ज़ीरो माइल समूह के 17वें वर्ष में प्रवेश के अवसर पर 15 मई को नागपुर महाराष्ट्र के सिविल लाइन स्थित होटल हेरिटेज में विभिन्न क्षेत्र की प्रतिभाओं के प्रोत्साहन हेतु ‘ जीरो माइल आइकॉन अवार्ड-2022’ सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस आयोजन में देश-विदेश की 15 प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।
जिनमें छत्तीसगढ़ से दीपका, कोरबा निवासी भुवनेश्वरी प्रदीप जायसवाल को उत्कृष्ठ साहित्यिक योगदान और निष्ठापूर्ण शिक्षण के लिए ‘शिक्षा रत्न’ सम्मान से विभूषित किया गया।
इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न प्रान्तों से तथा अमेरिका से आए हुए अतिथियों की उपस्थिति रही। सभी अतिथि अपने-अपने क्षेत्र में महारत हासिल किए हुये तथा विभिन्न प्रतिभाओं के धनी थे, उनके विचारों और अनुभवों से समूचा सभागार प्रभावित रहा। सभी के वक्तव्य अत्यंत प्रभावशाली रहे, इस क्रम में भुवनेश्वरी जायसवाल ने भी अपना वक्तव्य दिया- काम चाहे जो भी हो अपने कार्य के प्रति निष्ठा व ईमानदारी रखने की बात कही तथा यह कहा कि यदि हम अधिकार चाहते हैं, तो जिस पर हमारा अधिकार है उसके प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है, अधिकार के साथ उत्तरदायित्व भी निभाना पड़ता है । अनेक प्रेरणादायक बातों और जीवन के कुछ अनुभवों के बारे में बताते हुए भुवनेश्वरी जायसवाल ने कहा बिना कोशिश किये कभी हार नहीं मानना चाहिए, उन्होंने अपनी लिखी पंक्तियाँ भी सुनायी जो इस प्रकार थीं- कभी अन्याय के आगे मैं सपना सर झुकाऊँ ना
हो चाहे कष्ट कितने भी स्वाभिमान बिकाऊँ ना
मनोबल तोड़ने की साजिशें तुम लाख रच लेना
मैं हार मानती नहीं जब जीत जाऊँ ना।।
उनके ये विचार सुन कर प्रशंसा रूप में तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा सभागार गूँज उठा।
भुवनेश्वरी जायसवाल लेखन और काव्यपाठ के लिए पूर्व में भी विभिन्न स्थानों पर अन्य सम्मानों से विभूषित की गई हैं।
उनकी प्रतिभा का देश के विविध स्थानों में इस प्रकार सम्मानित होना छत्तीसगढ़ और कोरबा क्षेत्र के लिए गौरव का विषय है। जीरो माइल समूह के प्रमुख आनंद शर्मा और श्रीमती विद्या शर्मा द्वारा आयोजित इस उच्च स्तरीय समारोह में महाराष्ट्र प्रदेश के पूर्व मंत्री,नामी उद्योगपतियों, नामी चिकित्सकों, शिक्षाविदों , प्रशासनिक अधिकारी, समाजसेवियों,पत्रकारों तथा साहित्यकारों की मुख्य रूप से उपस्थिति में सम्मानित होने पर भुवनेश्वरी जायसवाल को उनके परिजनों, मित्रों एवं सहकर्मियों ने बधाई और शुभकामनाएँ प्रेषित की।