जैन साधु साध्वी एवं समाज के सेवाभावी पदाधिकारियों एवं सदस्यों की उपस्थिति में हुआ भव्य समापन
शिविरार्थीयों ने दि गीत,नृत्य,भाषण एवं नाटिकाओं की रंगारंग प्रस्तुति
रायपुर (अमर छत्तीसगढ़)छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध जैन तीर्थ कैवल्यधाम कुम्हारी में पूज्य गुरुदेव महेंद्र सागर जी म.सा.के सुशिष्य ऋषभ सागर जी म.सा. एवं प्रवर्तनी महोदया निपूणा श्री जी म.सा.की सुशिष्या राजेश श्री जी म.सा. एवं शिविर प्रेरिका प्रवचन प्रवीणा स्नेहयशा श्री जी म.सा. के सानिध्य में 15 दिवसीय जैन संस्कार बालिका शिविर का 5 जून को भारत के विभिन्न राज्यों से पधारे सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में धर्मसभा के साथ समापन हुआ। दादा री टोली परिवार छत्तीसगढ़ के द्वारा आयोजित इस शिविर का प्रमुख उद्देश्य जैन बालिकाओं को आज के आधुनिक युग में ऐसी सार्वभौमिक शिक्षा प्रदान करना थी जिससे वह अपने आप को जीवन के हर क्षेत्र में आदर्श के रूप में प्रस्तुत कर सकें और जीवन में आने वाले हर समस्याओं का समाधान स्वयं खोज सकें और जीवन को संस्कारवान बना सके।
शिविर में बालिकाओं को प्रभावी भाषण कला,टाइम मैनेजमेंट,गोल मैनेजमेंट,लाइफ मैनेजमेंट,कुकिंग क्लास,आर्ट एंड क्राफ्ट क्लास,सकारात्मक सोच,गवली,जनरेशन गेप,स्ट्रेस एंड माइंड मैनेजमेंट,स्पिरिचुअलिटी मॉडल आउटलुक,फ्रेंडशिप एंड टेंप्टेशन मैनेजमेंट के साथ-साथ गुरुभगवंतों से दैनिक जीवन में आने वाले अनेक विषयों पर धार्मिक शिक्षाएं प्राप्त हुई।
शिविर के समापन समारोह में अतिथि के रूप में जैन समाज के विभिन्न संस्थाओं के प्रतिष्ठित पदाधिकारी एवं सदस्य नीलम जी सांखला,धरमचंद लुनिया,मूलचंद लुनिया,भीखमचंद कोठारी,नवरतन झाबक,अभय सेठिया,मनोज लुंक्कड़,सुरेश भंसाली,सुपारस गोलछा,राजेश जी गिडिया,राजेंद्र पारख,नरेश डाकलिया आदि उपस्थित थे।समापन समारोह पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए संत ऋषभ सागर जी म.सा. ने कहा कि ऐसे शिविर जीवन निर्माण में सहयोगी बनते हैं,समय समय पर समाज द्वारा ऐसे धार्मिक शिविरों का आयोजन होना ही चाहिए,साध्वी हँसकीर्ति श्री जी म.सा. ने शिविर के सहयोगी समस्त लोगों की अनुमोदना करते हुए शिविरार्थियों को सीखे ध्यान ज्ञान को नियमित जीवन में आचरण में बनाये रखने हेतु मार्गदर्शन दिया।
शिविर की प्रेरिका और सम्पूर्ण शिविर को विशेष रूप से मार्गदर्शन प्रदान करने वाली निपूणा शिशु साध्वी स्नेहयशा श्री जी म.सा. ने सभा में 15 दिनों तक नियमति रूप से दिनचर्या में भाग लेने वाले शिविरार्थीयों का उत्साहवर्धन किया,शिविर में सहयोगी समस्त दानदाताओं एवं समयदानी कार्यकर्ताओं का साध्वी जी ने व्यक्तिगत नाम लेते हुए उनके कार्यों की भरी सभा में अनुमोदना की,बेहतर जीवन निर्माण हेतु आयोजित इस शिविर के विभिन्न विषयों की उन्होंने विस्तार से व्याख्या की।
शिविर के अनेक बालिकाओं ने नवाणु यात्रा,आठ-नौ उपवास,बेला तेला,उपवास,एकासना,मौन व्रत करते हुए अपनी विशेष पहचान बनायी। संस्था के अध्यक्ष महेंद्र दुग्गड़ ने स्वागत उदबोधन के साथ संस्था के कार्यों को सभा में सभी के मध्य रखा,शिविर संयोजक पंकज चोपड़ा ने 15 दिनों के समस्त आयोजनों की संक्षिप्त झांकी सभा में अपने सारगर्भित उदबोधन में प्रस्तुत की।संस्था दादा री टोली द्वारा शिविर के सहयोगी समस्त दानदाताओं एवं सदस्यों का स्मृति चिन्ह एवं उपहारों से अभिनंदन किया गया।शिविर के समस्त शिविरार्थियों को धार्मिक जीवन में काम आने वाले उपकरण एवं सम्मान स्वरूप प्रशस्ति-पत्र प्रदान किये गए। अखिल भारतीय स्तरीय इस शिविर में क्लास 4 से 6 वर्ग में प्रथम स्थान तोसिया टाटिया,द्वितीय समृद्धि टाटिया,तृतीय विरति जैन क्लास 7th में प्रथम रुचि जैन,द्वितीय राशि कोठारी,तृतीय लब्धि जैन क्लास 8th में प्रथम देशना जैन,द्वितीय मौली भंसाली,तृतीय मौली डागा क्लास 9th में प्रथम उमी जैन, द्वितीय प्रेक्षा जैन,तृतीय पाखी भंसाली क्लास 10th में प्रथम समृद्धि डूंगरवाल,द्वितीय परिधि भंसाली,तृतीय स्थान अंशुल बोथरा ने प्राप्त किया,समस्त विजेताओं को आकर्षक स्मृति चिन्ह के साथ मंच में सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का प्रभावी,आकर्षक एवं संगीतबद्ध संचालन शिविर के सह-संयोजक एवं प्रेरक वक्ता सीए संतोष जैन ने किया,शिविर प्रभारी नितिन जैन एवं शिविर की बालिकाओं ने संचालन के क्रम में भाग लिया।शिविर की बालिकाओं ने शिविर के अनुभवों को एवं सामाजिक,धार्मिक विषयों पर भाषण,गीत,नृत्य एवं नाटिका के साथ मनमोहक,रंगारंग एवं आकर्षक रूप में सभी के मध्य प्रस्तुत किया,सभा में उपस्थित अभिभावक एवं समाज के हजारों लोगों ने समापन समारोह के सुनियोजित कार्यक्रम एवं 15 दिवसीय आवसीय बालिका संस्कार शिविर की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।