साधु मार्गी संघ के परम पूज्य आचार्य नानेश के प्रथम शिष्य उग्र तपस्वी एवं दीर्घकालीन सयमी परम पूज्य शासन प्रभालक श्री सेवनत मुनि जी म:सा; ब्यावर मे काफी सालो से स्थिरवास कर रहे है। अब जागृत अवस्था में आज सोमवार जेठ सुदि 2 सवंत 2079 दिनांक 6/6/22 को 4:40 बजे तिविहार संथारा ग्रहण कराया गया ।
उन्होने अपने संयम काल में उग्र तपस्याये की है और यह संथारा भी ऐतिहासिक ही आएगा ऐसा मन करता है ऐसे महान तपस्वी संत को ब्यावर सकल श्रीसंघ नमन करता है ।वंदन करता है और कहते हैं कि किसी के हाथ में भाग्य की रेखा होती है लेकिन ऐसे महान संत के हाथ में मोक्ष की रेखा है ऐसे संत को धन्य है जिन्हे जीने से मोह नहीं मरने का भय नहीं और मृत्यु को बुलाने का आह्वान किया है लेकिन मृत्यु भी घबरा रही है ओर केसे आएगी यह एक देखने का अवसर है ऐसे संत को कोटि-कोटि नमन एवं संथारे की सुख साता पूछते हुए आपके मोक्ष परम पद पाने की मंगल कामना करता है।
विनयमुनि जी म.सा. का जन्म दिनांक 31/10/1944 कार्तिक सुदि 15 सवंत 2000 बनेडा ग्राम जिला भीलवाड़ा मे हुआ।
दीक्षा कार्तिक सुदि 3 सवंत 2019
दीक्षा गुरु आचार्य गणेशी लाल जी म.सा.की आज्ञा से युवाचार्य नानालालजी म.सा.से उदयपुर मे ग्रहण करी।
शिक्षा 9 वी तक करी।
आपके चार भाई तीन बहने का परिवार था
आज 7/6/2022 को शाम को 6:31 पर संथारा सीज जाने से देवलोकगमन हो गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष गोतम चंद जी रांका,स्थानीय अध्यक्ष अरविंद जी मुथा, महामंत्री चेतन कुमार हींगड बाहर से आये सैकड़ों जनो की साक्षी मे संथारा सीज गया ।
नोरतमल बाबेल
साधुमार्गी जैन संघ,ब्यावर के सहयोग से जानकारी